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सो रहे थे मनमोहन सिंह, अचानक आया PMO से फोन, कहा - आपको वित्त मंत्री बनना है? दिलचस्प किस्सा
नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में वर्ष 2004 से 2014 तक 10 वर्षों तक देश का नेतृत्व किया. पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्तमंत्री रहे मनमोहन सिंह का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब के गाह गांव में हुआ था. भारत की अर्थव्यवस्था में उदारीकरण लाने का श्रेय दिया जाता है. सौम्य और मृदुभाषी स्वभाव वाले मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाए जाने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. पीवी नरसिम्हा राव के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले उनके पास फोन गया था और उन्हें वित्त मंत्री का पद ऑफर किया गया था. इन सबके पीछे पीसी अलेक्जेंडर थे जो कि नरसिम्हा राव के सलाहकार थे. उनकी सलाह पर ही मनमोहन सिंह को वित्तमंत्री बनाया गया था. पूरा किस्सा बेहद दिलचस्प है.
दरअसल, 1991 में नरसिम्हा राव जब प्रधानमंत्री बने तो उन्हें वित्त विभाग में एक एक्सपर्ट की जरूरत थी. नरसिम्हा खुद स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय देख चुके थे. विदेश मंत्री भी रह चुके थे लेकिन वित्त मंत्रालय उन्होंने कभी नहीं संभाला था. इसी विभाग में उनका हाथ तंग था. पीएम बनने से दो दिन पहले कैबिनेट सचिव नरेश चंद्रा ने नरसिम्हा राव को 8 पेज का एक नोट दिया था. नोट में भारत की आर्थिक स्थिति बहुत खराब होने का जिक्र था.
ऐसे में नरसिम्हा राव ने अपने सबसे बड़े सलाहकार पीसी अलेक्जेंडर से वित्तमंत्री के लिए एक ऐसे व्यक्ति का नाम सुझाने के लिए कहा जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्यता हो. अलेक्जेंडर ने उन्हें आरबीआई के गवर्नर रह चुके और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक आईजी पटेल का नाम सुझाया.
जब आईजी पटेल से संपर्क गया तो उन्होंने दिल्ली आने में असमर्थता जताई. दरअसल उनकी मां बीमार थीं. वे वडोदरा में थे. ऐसे में अलेक्जेंडर ने मनमोहन सिंह का नाम वित्त मंत्री के लिए सुझाया. शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले अलेक्जेंडर ने मनमोहन सिंह को फोन किया. मनमोहन सिंह विदेश से लौटे थे. वो उस समय सो रहे थे. उन्हें उठाकर इस प्रस्ताव के बारे में बताया गया तो उन्होंने यकीन ही नहीं हुआ.
Tags: Manmohan singh, Rahul gandhi
FIRST PUBLISHED :
December 26, 2024, 23:27 IST