Last Updated:May 11, 2025, 07:30 IST
India Pakistan Ceasefire Inside Story : भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता हो गया है. देर रात कुछ घंटों तक हुए ड्रोन हमलों और गोलीबारी के बाद सीमा पर हालात अब शांत हैं. भारतीय सेना के हमलों से पाकिस्तान क...और पढ़ें

भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक से सीजफायर की खबरों ने सभी को हैरान कर दिया. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता हुआ.भारतीय सेना के हमलों से पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ.अमेरिका ने पाकिस्तान पर सीजफायर के लिए दबाव डाला.अवीक बनर्जी
भारत और पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक गोलीबारी, मिसाइल और ड्रोन अटैक के बाद अब सीजफायर समझौता हो गया है. भारतीय सेना के हमलों से पाकिस्तान को बड़ा भारी नुकसान हो हुआ. पाकिस्तान आर्मी के छह बड़े एयरबेस को इन हमलों में भारी नुकसान हुआ है. इन हमलों से बौखलाई से पाकिस्तानी सेना ने अपने सैनिकों को भारतीय सीमा की तरफ रवाना करने की भी खबर आई. फिर कुछ ही घंटों बाद अचानक से सीजफायर की खबरों ने सभी को हैरान कर दिया. सभी हैरान थे कि आखिर पाकिस्तान के साथ अचानक से संघर्षविराम का फैसल कैसे ले लिया गया.
सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया, जिसके बाद दोनों पक्षों ने सीजफायर पर सहमति जताई. इस दौरान पाकिस्तान ने साफ तौर पर कहा कि वह आगे कोई हमले नहीं करेगा और औपचारिक रूप से सीजफायर की मांग की. दोनों देशों के डीजीएमओ 12 मई को आगे की बातचीत करेंगे.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पुष्टि की कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के बाद सीजफायर समझौता किया है और सभी सैन्य कार्रवाइयां रोक दी गई हैं. मिसरी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के बाद सामने आया, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘अमेरिका की मध्यस्थता’ के बाद दोनों देश जंग रोकने पर राजी हो गए हैं.
समझौते में अमेरिका का क्या रोल?
हालांकि, सरकार ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच सीधे बातचीत में हुआ. उधर सूत्रों ने भी बताया कि इस बातचीत में अमेरिका का दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से संपर्क करने के अलावा कोई सीधा योगदान नहीं था.
हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान पर सीधा दबाव डालकर दुश्मनी को कम करने में भूमिका निभाई. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाले 1 अरब डॉलर के कर्ज सीधे सीजफायर समझौते से जोड़ दिया. यानी उसे यह पैसे तभी मिलेंगे, जब वह भारत के खिलाफ लड़ाई रोक देगा.
IMF ने भारत के सख्त विरोध के बावजूद पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज देने का फैसला किया है. भारत ने इस मामले पर वोटिंग से दूर रहने के साथ ही यह भी उजागर किया कि पाकिस्तान डिफॉल्टर रहा है और ये फंड कभी भी पाकिस्तान की जनता के विकास के लिए उपयोग नहीं किए गए, बल्कि इन्हें टेरर फंडिंग में डायवर्ट किया गया.
सिंधु जल संधि रहेगी सस्पेंड
इस बीच, सीजफायर समझौते में कोई पूर्व या बाद की शर्त नहीं थी, जिसका मतलब है कि सिंधु जल संधि सस्पेंड ही रहेगी. भारत पाकिस्तान के साथ कोई हाइड्रोलॉजिकल जानकारी साझा नहीं करेगा और उत्तर की तीन नदियों पर बांध आदि बनाने के काम को आगे बढ़ाता रहेगा.
इसके अलावा, अमेरिका ने औपचारिक रूप से भारत के संशोधित युद्ध सिद्धांत को मान्यता दी है, जिसमें भविष्य में कोई भी आतंकवादी हमला जंग की कोशिश माना जाएगा. इसका मतलब होगा कि भारत के किसी भी राज्य में अगर कोई आतंकी हुआ तो भारत पाकिस्तान को इसी तरह से सबक सिखाएगा.
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन सिंधु जल संधि का निलंबन और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति इस क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए लंबी लड़ाई को दर्शाती है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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