Last Updated:December 10, 2025, 20:13 IST
India-America Trade Deal : भारत और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड डील में एक रोचक मोड़ आ गया है. ट्रेड डील पर अमेरिकी दल की अगुवाई करने वाले प्रतिनिधि ने बताया है कि भारत की ओर से पहली बार शानदार ऑफर मिला है.
भारत और अमेरिका की ट्रेड डील एक नए मोड़ पर आ चुकी है. नई दिल्ली. इस साल की शुरुआत से जबसे भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बातचीत शुरू हुई है, कई उतार-चढ़ाव आ चुके हैं. एक समय लगभग फाइनल दिख रही डील अचानक डेयरी और एग्री प्रोडक्ट को लेकर अटक गई थी. अब ट्रेड डील पर अमेरिका की अगुवाई करने वाले प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने कहा है कि भारत से पहली बार एक शानदार ऑफर मिला है. उनके इस बयान पर कयास लगाए जाने शुरू हो गए हैं कि क्या दोनों देशों के बीच एग्री और डेयरी प्रोडक्ट को लेकर सहमति तो नहीं बन गई.
दोनों देशों के बीच फार्म प्रोडक्ट पर जारी कवायद के बीच अमेरिकी ट्रेड प्रतिनिध ग्रीर ने बताया कि एक देश के तौर पर वॉशिंगटन को पहली बार भारत से शानदार ऑफर मिला है. उन्होंने कहा कि अमेरिका की ट्रेड ट्रीम अभी दिल्ली में ही है और वहां एग्रीकल्चर जैसे संवदेनशील विषयों पर भी बातचीत जारी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के डिप्टी ट्रेड प्रतिनिधि फिलहाल भारत से बातचीत कर रहे हैं. भारत की ओर से संयुक्त सचिव दर्पण सिंह बातचीत की अगुवाई कर रहे हैं.
भारत ने क्या दिया है ऑफर
अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि भारत में कुछ फसलों और एग्री प्रोडक्ट को लेकर प्रतिबंध था, लेकिन अब नई दिल्ली की ओर से जो ऑफर दिए गए हैं, उससे नए रास्ते खुलने की संभावना तेज हो गई है. हालांकि, उन्होंने सीधे तौर पर यह नहीं बताया कि भारत ने कौन सा ऑफर दिया है, लेकिन इसके लिए भारत की प्रशंसा जरूर की है कि वह ट्रेड डील पर बातचीत के लिए नई संभावनाएं खोल रहा है. उन्होंने इशारा किया कि भारतीय बाजार में अमेरिकी एग्री प्रोडक्ट को अन्य तरीकों से एंट्री पर सहमति बन सकती है.
इन फसलों को मिल सकती है एंट्री
ग्रीर ने अमेरिकी संसद को बताया कि भारत हमारे ज्वार और सोयाबीन को अपने बाजार में एंट्री देने के लिए तैयार हो गया है. इससे ट्रेड डील की राह में कृषि क्षेत्र को लेकर आ रही बाधाओं से निपटने में आसानी होगी. हालांकि, भारत ने कुछ फसलों को लेकर आपत्ति जताई, लेकिन दोनों देशों में पहली बार इतनी सकारात्मक तरीके से बातचीत आगे बढ़ रही है. उन्होंने यह भी दावा किया कि अमेरिकी उत्पादों के लिए भारत एक अच्छा विकल्प है और उसके साथ व्यापार पर आगे बढ़ना हमारी प्राथमिकता है.
एथनॉल पर भी बन सकती है बात
ग्रीर ने उम्मीद जताई कि अमेरिका अभी यूरोप और एशिया सहित दुनियाभर में अपने एग्री प्रोडक्ट को लेकर बाजार तलाश कर रहा है. हम चीन पर निर्भरता कम करना चाहते हैं और जो भी देश हमारी कृषि उत्पादों को एंट्री देंगे, हम उनसे बातचीत आगे बढ़ाएंगे. ग्रीर ने उम्मीद जताई कि भारत सोयाबीन और मक्के से बनने वाले अमेरिकी एथनॉल को भी खरीद सकता है. उन्होंने कहा कि कई देशों ने अमेरिकी एथनॉल खरीदने पर सहमति जताई है. यूरोपीय यूनियन के साथ तो 750 अरब डॉलर (करीब 67 लाख करोड़ रुपये) की ऊर्जा खरीद पर बातचीत चल रही है.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 10, 2025, 20:13 IST

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