भारत ने पाकिस्तान में मचाया गदर तो इजरायल और अमेरिका क्यों कहने लगा- थैंक्यू इंडिया, थैंक्यू

10 hours ago

JeM commander Abdul Rauf Azhar: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पीएम मोदी ने कहा था आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया जाएगा. 15 दिन बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर कोहराम मचा दिया.भारत के ऑपरेशन सिंदूर में लगभग 100 आतंकवादियों को मार गिराया गया. जिसमें खूंखार आतंकी जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का प्रमुख कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर भी शामिल था. रऊप की मौत की सूचना जैसे ही पता चली पूरे भारत में खुशी मनाई जाने लगी, लेकिन इजरायल और अमेरिका इस मौत से और भी खुश हुआ. यहां तक की अमेरिकी-इजराइली लोग भारत को बधाई देने लगे. आइए इसके पीछे की कहानी जानते हैं.

अब्दुल रऊफ अजहर की मौत पर इजरायल और अमेरिका क्यों खुश?
जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर अमेरिका और इजरायल दोनों का कट्टर दुश्मन था. दुश्मनी थी एक नाम की वजह से और वह नाम था डैनियल पर्ल. इससे पहले आप दिमाग पर जोर दें हम आपको बता दें कि डैनियल पर्ल की हत्या का मुख्य आरोपी रऊफ था. 2002 में अमेरिकी-यहूदी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या कर दी गई थी. ऑपरेशन  सिंदूर ने न सिर्फ पहलगाम आतंकी हमले का जवाब दिया, बल्कि 23 साल पुराने उस जख्म को भी न्याय दिलाया, जो दुनियाभर के लोगों के जेहन में था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डैनियल पर्ल वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार थे. जनवरी 2002 में कराची में उनका अपहरण हुआ, जब वे पाकिस्तान की सेना और आतंकियों के बीच संबंधों की जांच कर रहे थे. एक महीने बाद उनकी बर्बर हत्या का वीडियो सामने आया था, जिसके बाद पूरी दुनिया सन्न रह गई थी. पर्ल की हत्या का मास्टरमाइंड था उमर सईद शेख, जिसे 1999 में इंडियन एयरलाइंस के फ्लाइट IC-814 के अपहरण के बाद रिहा किया गया था. इस अपहरण के पीछे भी अब्दुल रऊफ अजहर का हाथ था. जिसे कंधार कांड के नाम से भी जाना जाता है.

इजरायल और अमेरिकी लोग भारत को दे रहे बधाई
जैसे ही अजहर की मौत की सूचना आई पर्ल की दोस्त और पत्रकार असरा नोमानी ने X पर लिखा, 'मेरा दोस्त डैनी पर्ल 2001 में बहावलपुर गया था, सिर्फ नोटबुक और पेन के साथ. उसने वहां के आतंकी ठिकानों की सच्चाई उजागर की. वो कोई जोखिम लेने वाला नहीं था, लेकिन उसे नहीं पता था कि उसकी जान खतरे में है.” अमेरिकी कार्यकर्ता एमी मेक ने भी अजहर की मौत पर खुशी जताई. उन्होंने लिखा, “भारत ने पर्ल की हत्या का बदला ले लिया. ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के गढ़ को ध्वस्त किया. पश्चिमी देशों को भारत से सीखना चाहिए कि इस्लामिक आतंक से कैसे निपटा जाता है.” इस ऑपरेशन को दुनियाभर से समर्थन मिला. अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया. ब्रिटेन, फ्रांस, इजरायल, नीदरलैंड्स और पनामा ने भी भारत के साथ एकजुटता दिखाई है.

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