भारत ने शुरू कर दिया एक्शन, दूर अंतरिक्ष में चीन की आंखें कर रहा बंद

3 hours ago

Last Updated:November 06, 2025, 10:33 IST

Chinese Satellites Ban: भारत अब उन सैटेलाइट्स के इस्तेमाल पर रोक लगा रहा है जिनका चीन से किसी भी तरह का संबंध पाया जा रहा है. यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और चीन की जासूसी से जुड़ी के बीच उठाया गया है.

भारत ने शुरू कर दिया एक्शन, दूर अंतरिक्ष में चीन की आंखें कर रहा बंदभारत ने अंतरिक्ष में मौजूद चीनी सैटेलाइट पर रोक लगाना शुरू कर दिया है.

चीन दूर आसमान में सैटेलाइट का जाल बिछाकर दुनिया भर की जासूसी करता है. यह सच्चाई किसी से छुपी हुई नहीं है. हालांकि भारत ने उसकी इन आंखों को बंद करने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. भारत अब उन सैटेलाइट्स के इस्तेमाल पर रोक लगा रहा है जिनका चीन से किसी भी तरह का संबंध पाया जा रहा है. यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और चीन की जासूसी से जुड़ी के बीच उठाया गया है.

इकॉनमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के नियामक IN-SPACe (Indian Space Promotion and Authorization Centre) ने चीन की Chinasat और हांगकांग की ApStar और AsiaSat कंपनियों के प्रस्तावों को खारिज कर दिया है. ये कंपनियां भारत में सैटेलाइट सेवाएं देना चाहती थीं.

AsiaSat पिछले 33 सालों से भारत में काम कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल उसे मार्च 2026 तक अपने सिर्फ दो सैटेलाइट्स AsiaSat-5 और AsiaSat-7 के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है. वहीं AS6, AS8, और AS9 जैसे बाकी सैटेलाइट्स को मंजूरी नहीं मिली है.

भारतीय चैनलों और कंपनियों को बदलाव का आदेश

अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि Zee और JioStar जैसी देश की बड़ी ब्रॉडकास्ट कंपनियों को अब AsiaSat सैटेलाइट्स से हटकर भारतीय या दूसरे देशों के सैटेलाइट्स पर शिफ्ट होना होगा. ज़ी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसने सितंबर 2025 में ही अपनी सेवाएं GSAT-30, GSAT-17 और Intelsat-20 पर शिफ्ट कर दी हैं.

कंपनियों की दलील

भारत में AsiaSat की पार्टनर कंपनी Inorbit Space ने बताया कि उन्होंने AsiaSat-5 और 7 की अनुमति बढ़ाने के लिए IN-SPACe से आवेदन किया है. कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर राजदीपसिंह गोहिल ने कहा, ‘पिछले कुछ महीनों से हम IN-SPACe से बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक लंबी अवधि की अनुमति को लेकर कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है.’ उन्होंने कहा कि AsiaSat ने भारत में हमेशा सभी नियमों का पालन किया है और 33 सालों में कभी कोई उल्लंघन नहीं किया.

सरकार का रुख

IN-SPACe के अधिकारियों का कहना है कि अब सभी विदेशी सैटेलाइट्स को भारत में सेवा देने के लिए अनुमति लेनी होगी. वर्तमान में इंटेलसैट, स्टारलिंक, वनवेब, आईपीस्टार, ऑर्बिट कनेक्ट और इनमारसैट जैसी विदेशी कंपनियों को मंजूरी मिल चुकी है.

अधिकारियों ने बताया कि भारत अब अपनी खुद की GSAT सैटेलाइट्स के ज़रिए पर्याप्त क्षमता तैयार कर रहा है. पहले जहां विदेशी सैटेलाइट्स पर निर्भर रहना मजबूरी थी, अब देश खुद अपनी ज़रूरतें पूरी करने में सक्षम हो रहा है.

बढ़ती भारतीय स्पेस इकोनॉमी

IN-SPACe के अनुसार, भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र तेज़ी से बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में इसका मूल्य 44 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. इससे भारत की वैश्विक हिस्सेदारी 2% से बढ़कर 8% तक हो सकती है. ब्रॉडकास्टिंग के साथ-साथ सैटकॉम (Satellite Communication) सेक्टर में भी बड़ा उछाल आने की उम्मीद है.

एलन मस्क की स्टारलिंक , अमेजन की क्वीपर और Jio-SES जैसी कंपनियां भारत में सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए सरकार की अंतिम मंजूरी का इंतज़ार कर रही हैं.

आसान भाषा में समझें तो भारत अब विदेशी सैटेलाइट्स पर निर्भरता घटा रहा है और चीनी कंपनियों से दूरी बनाकर अपनी सुरक्षा और अंतरिक्ष क्षमता दोनों को मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहा है.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 06, 2025, 10:33 IST

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