गूगल ने दिया 2 लाख करोड़ का ऑफर, नहीं बेची कंपनी, अब तैयार हुई तो किस कीमत पर?

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Last Updated:November 06, 2025, 13:46 IST

Google New Deal : गूगल ने इजराइल के एक स्‍टार्टअप को सालभर पहले 2 लाख करोड़ में खरीदने की मंशा जताई थी, तब कंपनी के फाउंडर ने यह कहते हुए मना कर दिया था कि हम आगे और ग्रोथ करेंगे. अब उनका भरोसा रंग लाया और कंपनी का सौदा 3 लाख करोड़ में पूरा होने वाला है.

गूगल ने दिया 2 लाख करोड़ का ऑफर, नहीं बेची कंपनी, अब तैयार हुई तो किस कीमत पर?गूगल और विज का सौदा करीब 3 लाख करोड़ रुपये में पूरा होगा.

नई दिल्‍ली. इजराइल के एक स्‍टार्टअप को खरीदने के लिए गूगल ने पहले 23 अरब डॉलर (करीब 2 लाख करोड़ रुपये) का ऑफर दिया था. तब इस स्‍टार्टअप ने ऑफर को लेने से मना कर दिया और सौदा पूरा नहीं हुआ. अब अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस सौदे को हरी झंडी दे दी, जिसके बाद स्‍टार्टअप को सालभर के अंदर ही रिकॉर्ड कीमत मिली है. अब गूगल ने इसे 32 अरब डॉलर (करीब 2.8 लाख करोड़ रुपये) में खरीदने पर हामी भरी है. इसका मतलब है कि महज सालभर के भीतर ही स्‍टार्टअप को करीब 1 लाख करोड़ रुपये का फायदा हो गया है.

अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने इस सौदे को कानूनी रूप से हरी झंडी दिखा दी है. विभाग इस सौदे को लेकर एंटीट्रस्‍ट मामले की समीक्षा कर रहा था. अब इस सौदे को मंजूरी मिलने के बाद तय हो गया है कि यह टेक इतिहास का सबसे बड़ा सौदा साबित होने वाला है. गूगल ने साल 2024 में इस टेक स्‍टार्टअप को खरीदने के लिए 23 अरब डॉलर का ऑफर दिया था. तब कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ असफ रैपापोर्ट ने ऑफर को ठुकराते हुए कहा था कि हमारा बिजनेस तेजी से ग्रो कर रहा है और जल्‍द ही यह और बड़ा बन जाएगा. उनका भरोसा रंग लाया और महज सालभर के अंदर ही कंपनी की कीमत 1 लाख करोड़ रुपये और बढ़ गई.

कब तक पूरा होगा सौदा
स्‍टार्टअप के फाउंडर ने इसे बेचने से मना कर दिया, लेकिन गूगल इस सौदे को पूरा करने का लगातार प्रयास करती रही. साल 2025 की शुरुआत में ही गूगल ने 32 अरब डॉलर (करीब 3 लाख करोड़ रुपये) के सौदे को मंजूरी दी थी, जो साइबरसिक्‍योरिटी के इतिहास की सबसे बड़ी डील होगी. इस डील को लेकर मार्च में दोनों कंपनियों के बीच सौदा तय हुआ था और इसके साल 2026 की शुरुआत में खत्‍म होने का अनुमान है.

क्‍या काम करती है कंपनी
साइबरसिक्‍योरिटी सेक्‍टर में काम करने वाली इस कंपनी विज (Wiz) की शुरुआत इजराइल में हुई थी और इसका मुख्‍यालय न्‍यूयॉर्क में है. यह स्‍टार्टअप क्‍लाउड आधारित साइबरसिक्‍योरिटी की फील्‍ड में काफी अच्‍छा काम कर रहा है और अमेजन वेब सर्विसेज, माइक्रोसाफ्ट एज्‍योर व गूगल क्‍लाउड जैसी कंपनियों को सर्विस उपलब्‍ध कराता है. कंपनी की तकनीक फॉच्‍र्यून 500 कंपनियों की पसंदीदा बनती जा रही है. मॉर्गन स्‍टेनली और DocuSign जैसी कंपनियों ने भी इसमें अपना भरोसा जताया है.

अमेरिका-यूरोप और एशिया तक फैला कारोबार
इजराइल की इस कंपनी का कारोबार सिर्फ उसके देश तक ही नहीं, अमेरिका-यूरोप और एशिया के तमाम देशों तक फैला हुआ है. फिलहाल कंपनी के पास 1,000 से ज्‍यादा कर्मचारी काम करते हैं. गूगल का क्‍लाउड डिविजन इसे खरीदकर अमेजन और माइक्रोसाफ्ट जैसी विरोधी कंपनियों से आगे निकलने की तैयारी में है. रेगुलेटर की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अब यह सौदा अपने आखिरी चरण में पहुंच गया है. सौदा पूरा होने के बाद भी कंपनी के कर्मचारी अपनी-अपनी लोकेशन पर बने रह सकते हैं. कंपनी का यह सफर बताता है कि साइबरसिक्‍योरिटी का महत्‍व किस कदर बढ़ता जा रहा है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 06, 2025, 13:46 IST

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