Last Updated:August 09, 2025, 12:26 IST

भारत पर अगर भविष्य में समुद्र के रास्ते हमला होता है तो सेना उसका जवाब कैसे देगी? इस सवाल का जवाब अब मिल गया है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने भारतीय सेना का पूरा प्लान साफ कर दिया. सीडीएस चौहान ने डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के सचिव के साथ जल और थल अभियानों के लिए संयुक्त सिद्धांत (Joint Doctrines for Amphibious Operations) का डिक्लासिफाइड वर्ज़न जारी किया.
नई दिल्ली में चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी की बैठक के दौरान एम्फिबियस डॉक्ट्रीन का डिक्लासिफाइड वर्ज़न जारी किया. ये डॉक्ट्रिन बताते हैं कि कैसे भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना मिलकर समुद्र और जमीन दोनों पर ऑपरेशन करेंगी. ये ऑपरेशन बहुत जटिल होते हैं, क्योंकि उन्हें पानी और जमीन दोनों पर एक साथ करना होता है. डॉक्ट्रिन में बताया गया है कि कैसे तीनों सेनाओं को आपस में समन्वय करना चाहिए, ताकि वे जल्दी और प्रभावी तरीके से जवाब दे सकें.
क्या हैं एम्फिबियस ऑपरेशन?
एम्फिबियस ऑपरेशन ऐसे सैन्य अभियान हैं, जो पानी और जमीन दोनों पर होते हैं. ये अभियान वायु, जल और थल सेनाओं को एकसाथ मिलाकर प्लान किया जाता है. नई रिलीज की गई इस ज्वाइंट डॉक्ट्रिन में साफ किया गया है कि इन अभियानों के लिए तीनों सेनाएं एक साथ मिलकर तुरंत धावा बोल सके और दुश्मन को कारगर तरीके से जवाब दे सकें.
डॉक्ट्रिन में क्या कहा गया?
डॉक्ट्रिन में भारत की समुद्री रणनीति को भी समझाया गया है. भारत का समुद्र से गहरा नाता है, क्योंकि देश की आबादी, उद्योग, बुनियादी ढांचा और राजनीतिक-आर्थिक शक्ति तटीय इलाके में बढ़ रही है. समुद्र भारत की राष्ट्रीय वृद्धि और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
इस डॉक्युमेंट में कहा गया है, ‘भारत की समुद्री रणनीति में इसका भूगोल और आर्थिक विकास की जरूरत प्रमुख हैं.’ समुद्री क्षेत्रों का आर्थिक इस्तेमाल, बंदरगाह, तटीय बुनियादी ढांचा, शिपिंग, मछली पकड़ना, समुद्री व्यापार, समुद्र तटीय ऊर्जा संसाधन, समुद्र के नीचे पाइपलाइन और केबल, समुद्री बिजली उत्पादन, सीबेड संसाधन और समुद्री जैविक संसाधनों की सुरक्षा शामिल है.
डॉक्ट्रिन में यह भी साफ किया गया है कि भविष्य में सशस्त्र बलों के पुनर्गठन में ऐसे जॉइंट स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे, जो मल्टी डोमेन ऑपरेशंस जैसे जटिल अभियानों को कुशलतापूर्वक अंजाम दे सकें.
CDS अनिल चौहान ने क्या कहा?
सीडीएस चौहान ने प्रस्तावना में लिखा, ‘एम्फीबियस ऑपरेशन (समुद्र और जमीन पर संयुक्त अभियान) सबसे जटिल सैन्य अभियानों में से एक है, जिसमें बेहद बारीकी से योजना और क्रियान्वयन की जरूरत होती है. तकनीकी प्रगति ने इन्हें और कठिन बना दिया है, लेकिन यह क्षमता दुश्मन को रोकने का एक बड़ा हथियार है.’ उन्होंने कहा कि संघर्ष के समय ही नहीं, बल्कि शांति काल में भी अम्फीबियस फोर्सेज का इस्तेमाल द्वीपीय क्षेत्रों या मित्र देशों से निकासी अभियान और आपदा राहत कार्यों के लिए किया जाता है.
सीडीएस जनरल अनिल चौहान की अगुवाई में भारतीय सशस्त्र बलों ने समुद्र से आक्रमण का जवाब देने के लिए एक स्पष्ट प्लान तैयार किया है. यह प्लान न सिर्फ युद्ध के समय में, बल्कि शांतिकाल में भी भारत की सुरक्षा और हितों की रक्षा करने में मदद करेगा. ये डॉक्ट्रिन आगे हर हमले को नाकाम करने का रास्ता साफ करता है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 09, 2025, 12:26 IST