भारत से क्यों खिसिआए ट्रंप, 50% टैरिफ की क्या वजह, विकास स्वरूप ने बताई वजह

1 week ago

Last Updated:August 14, 2025, 11:48 IST

भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते टैरिफ विवाद पर पूर्व राजनयिक विकास स्वरूप ने कहा कि असली "टैरिफ किंग" अमेरिका है, भारत नहीं. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत कभी भी दबाव में झुककर अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता से समझौता नही...और पढ़ें

भारत से क्यों खिसिआए ट्रंप, 50% टैरिफ की क्या वजह, विकास स्वरूप ने बताई वजहभारत के पूर्व राजनयिक विकास स्वरूप ने कहा कि असली "टैरिफ किंग" अमेरिका है

India-US Trade Dispute: भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ विवाद पर भारत के पूर्व राजनयिक और कनाडा में भारत के पूर्व हाई कमिश्नर विकास स्वरूप ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि भारत ने अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से इंकार करके सही कदम उठाया है.

उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को “टैरिफ किंग” कहा था, लेकिन अब खुद अमेरिका ही असली “टैरिफ किंग” बन गया है.

अमेरिका ही है असली ‘टैरिफ किंग’

विकास स्वरूप ने कहा, “अमेरिका ने भारत को ‘टैरिफ किंग’ कहा, लेकिन सच्चाई यह है कि भारत का औसत टैरिफ 15.98% है, जबकि अमेरिका का औसत टैरिफ 18.4% हो गया है. यानी असली ‘टैरिफ किंग’ अब अमेरिका है. ये टैरिफ अमेरिकी सरकार को सालाना करीब 100 अरब डॉलर की आमदनी देंगे. लेकिन सवाल यह है कि इसका बोझ कौन उठाएगा? इसका असर सीधे अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. इससे अमेरिका में महंगाई और दाम बढ़ेंगे और अंततः इसका नुकसान अमेरिकी जनता को ही होगा.”

नहीं झुकेगा भारत

विकास स्वरूप ने कहा, “अगर आप किसी दबंग के सामने झुकते हैं तो वह अपनी मांगें और बढ़ा देगा. इसलिए भारत ने सही किया है. भारत बहुत बड़ा और गर्व के साथ जीने वाला देश है, वह किसी का अनुयायी नहीं बन सकता. 1950 के दशक से ही भारत की विदेश नीति का आधार रणनीतिक स्वायत्तता रही है. दिल्ली की कोई भी सरकार इस पर समझौता नहीं कर सकती.”

ट्रंप ने लगाए 50% तक टैरिफ

जुलाई 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के सामानों पर पहले 25% टैरिफ और बाद में और 25% टैरिफ जोड़कर कुल 50% टैरिफ लगा दिया. यह टैरिफ भारत के रूसी तेल (Russian Oil) आयात पर भी लगाया गया. जबकि दोनों देशों के बीच Bilateral Trade Agreement (BTA) यानी द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी.

पाकिस्तान फैक्टर – ऑयल रिजर्व और क्रिप्टोकरेंसी कनेक्शन

विकास स्वरूप ने कहा कि पाकिस्तान ने कुछ माध्यमों से ट्रंप का ध्यान खींचा है. उन्होंने कहा “पाकिस्तान ने अमेरिका से अपने ‘तेल भंडार समझौते’ (Oil Reserves Deal) और ‘क्रिप्टोकरेंसी’ को लेकर खुद को एक ‘Crypto King of South Asia’ के रूप में पेश किया है. इसमें World Liberty Financial जैसी कंपनियों की भूमिका है, जिसमें ट्रंप के परिवार और स्टीव विटकॉफ के परिवार की हिस्सेदारी है. इसी वजह से ट्रंप का पाकिस्तान के प्रति रुख नरम हुआ है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अमेरिका भारत को दुश्मन मानने लगा है. यह सिर्फ दबाव बनाने की रणनीति है.”

ट्रंप चाहते नोबेल शांति पुरस्कार

विकास स्वरूप ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की महत्वाकांक्षा नोबेल शांति पुरस्कार पाने की है. “ट्रंप खुद को एक Deal Maker और Peacemaker के रूप में पेश करते हैं. उन्होंने थाईलैंड-कंबोडिया, रवांडा-कांगो, आर्मेनिया-अजरबैजान जैसे विवादों में मध्यस्थता की. वे मानते हैं कि भारत-पाकिस्तान विवाद सबसे बड़ा था क्योंकि दोनों परमाणु शक्ति हैं. पाकिस्तान ने तो ट्रंप को शांति प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित भी किया है. लेकिन भारत ने कभी भी उनकी मध्यस्थता की भूमिका स्वीकार नहीं की.”

टैरिफ लगाने के पीछे तीन बड़ी वजह

विकास स्वरूप के अनुसार, ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के पीछे तीन बड़ी वजहें हैं:

– BRICS से नाराज़गी – ट्रंप मानते हैं कि BRICS एक एंटी-अमेरिका गठबंधन है, जो डॉलर के विकल्प के रूप में नई मुद्रा लाना चाहता है.

– ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) – भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम को लेकर ट्रंप दावा करते हैं कि यह उनकी वजह से हुआ, जबकि वास्तव में यह दोनों देशों के DGMO स्तर पर हुआ समझौता था.

– भारत का ट्रंप को श्रेय न देना – पाकिस्तान ने ट्रंप को श्रेय दिया और उनके नाम को नोबेल पुरस्कार के लिए आगे बढ़ाया, लेकिन भारत ने हमेशा कहा कि हम किसी बाहरी मध्यस्थता को नहीं मानते.

अलास्का बैठक और रूस-यूक्रेन युद्ध

विकास स्वरूप ने कहा कि 15 अगस्त 2025 को अलास्का में राष्ट्रपति ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की बैठक होगी. “अगर इस बैठक का सकारात्मक परिणाम निकलता है, तो रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हट सकते हैं. क्योंकि पुतिन युद्धविराम मानकर भी आर्थिक प्रतिबंध झेलने को तैयार नहीं होंगे.”

भारत-अमेरिका BTA वार्ता

मार्च 2025 से भारत और अमेरिका के बीच Bilateral Trade Agreement (BTA) को लेकर बातचीत शुरू हुई थी. लक्ष्य था कि अक्टूबर-नवंबर 2025 तक पहला चरण पूरा हो जाए. वहीं, 2 अप्रैल 2025 को ट्रंप ने कई देशों पर 10-50% तक Reciprocal Tariffs लगाने का आदेश दिया. हालांकि, शुरुआत में इसे 90 दिनों के लिए रोक दिया गया और 10% बेसलाइन टैरिफ लगाया गया. यह समयसीमा 9 जुलाई को खत्म होनी थी, जिसे बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया गया.

भारत सरकार का रुख

संसद के मानसून सत्र में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दोनों सदनों में बयान दिया. उन्होंने कहा कि सरकार इन टैरिफ के असर की बारीकी से जांच कर रही है और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी.

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First Published :

August 14, 2025, 11:48 IST

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