महाराष्‍ट्र दशहरा पर दंगल: एकनाथ शिंदे का वार, उद्धव ठाकरे ने छेड़ा कौरव राग

1 month ago

मुंबई. मुंबई के शिवाजी पार्क में पार्टी की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘…मैं इस दिल्ली शासन और भ्रष्ट सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हूं. स्वर्गीय रतन टाटा एक बार मेरे घर आए थे और उसके बाद ‘मातोश्री’ से लौटते हुए उन्होंने मुझसे कहा कि उद्धव तुम्हारे और मेरे पीछे एक विरासत है, जिसे हमें आगे ले जाना है. रतन टाटा के पास अपने पिता की विरासत है और मेरे पास मेरे पिता बालासाहेब ठाकरे की विरासत है शिव सेना और बाला साहेब ठाकरे का नाम मेरे साथ है.’ वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना (UBT) अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की तरह हो गई है. जिसका फोकस मुस्लिम तुष्टीकरण पर है.

उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि महायुति सरकार ने केवल वोटों के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति बनवाई और वह मूर्ति ढह गई. लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं और आपसे वादा करता हूं कि जब हम सत्ता में आएंगे, तो हम महाराष्ट्र के हर जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज का एक मंदिर बनाएंगे. छत्रपति शिवाजी महाराज उनके लिए वोट बैंक हैं, लेकिन हमारे लिए वह भगवान हैं.

शिवसेना (यूबीटी) और एआईएमआईएम में कोई अंतर नहीं
सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना (यूबीटी) और एआईएमआईएम में कोई अंतर नहीं है. शिंदे ने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की लोकसभा चुनाव में सफलता एक क्षणिक सफलता थी, जिसे आगामी विधानसभा चुनावों में दोहराया नहीं जा सकेगा. दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में शिवसेना की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) की तुलना असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम से की, जो मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का संकेत है.

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शिंदे बोले- शिवसेना को मुक्त कराया
एकनाथ शिंदे ने कहा कि ‘महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी की लोकसभा चुनाव में सफलता आकस्मिक थी, स्थायी नहीं. लोकसभा चुनाव में शिवसेना ने शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ सीधी लड़ाई में 7 सीटें जीतीं, जिससे वे छह सीटों तक सीमित रह गए. यह सफलता दिखाती है कि हम असली शिवसेना हैं.’ जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ अपने विद्रोह को याद करते हुए शिंदे ने कहा कि उन्होंने असली शिवसेना को उन लोगों के चंगुल से मुक्त कराया जिन्होंने बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों के साथ विश्वासघात किया था.

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FIRST PUBLISHED :

October 12, 2024, 21:56 IST

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