Last Updated:May 27, 2025, 14:56 IST
Delhi Metro In Heavy Rain: मुंबई में भारी बारिश से मेट्रो स्टेशन जलमग्न हो गए, सेवाएं ठप हुईं. दिल्ली में भी ऐसी बारिश से मेट्रो प्रभावित हो सकती है. दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम कमजोर है, सुधार की जरूरत है.

अगर मुंबई जैसी बारिश होती है तो दिल्ली मेट्रो का हाल कैसा होगा? ये एक काल्पनिक तस्वीर है. फोटो- AI
हाइलाइट्स
दिल्ली में भारी बारिश से मेट्रो सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं.दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम कमजोर है, सुधार की जरूरत है.अंडरग्राउंड स्टेशनों पर जलभराव से मेट्रो सेवाएं ठप हो सकती हैं.Delhi Metro In Heavy Rain: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई हर साल मानसून के दौरान भारी बारिश और बाढ़ का सामना करती है. इसका असर वहां की परिवहन व्यवस्था विशेष रूप से मेट्रो और लोकल ट्रेनों पर पड़ता है. यह बहुत आम बात है. इसके लिए मुंबई की जनता तैयार भी रहती है. लेकिन, इस बार समय से पहले मुंबई में मानसून आने के बाद स्थिति थोड़ी बेकाबू हो गई. चंद दिनों पहले बने मुंबई मेट्रो की अंडरग्राउंड स्टेशन जैसे अचर्या आत्रे चौक भारी बारिश के कारण जलमग्न हो गए. इससे सेवाएं ठप हो गईं. मुंबई में करीब 13 घंटे के भीतर 250 मिमी से अधिक बारिश हुई.
अब सवाल है कि अगर दिल्ली में भी मुंबई जैसी भारी बारिश हुई तो क्या होगा? क्या यहां की लाइफ लाइन दिल्ली मेट्रो पूरी तरह ठप्प हो जाएगी. दरअसल मुंबई भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वहां हर साल भारी बारिश होती है. ऐसे में इस महानगर का ड्रेनेज सिस्टम अन्य चीजें भी भारी बारिश का दबाव झेलने में सक्षम है. भारी से भारी बारिश होने के कुछ घंटे के बाद यहां की लाइफ पटरी आ जाती है. पानी समंदर में चला जाता है. ब्रिटिश काल से ही यहां का ड्रेनेज सिस्टम काफी बेहतर रहा है. दिल्ली के लेकर ऐसी स्थिति की कल्पना मात्र से परेशानी बढ़ जाती है. दिल्ली के ड्रेनेज सिस्टम की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. जहां तक दिल्ली मेट्रो की बात है तो इसकी बात थोड़ी अलग है.
मुंबई की अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन 3 (कोलाबा-सीप्ज़) के आचार्य अत्रे चौक स्टेशन पर भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई, जिससे मेट्रो सेवाएं बाधित हुईं. इस वजह से वरली और आचार्य अत्रे चौक के बीच ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया. बाढ़ का कारण डॉ. एनी बेसेंट रोड पर बन रहे प्रवेश/निकास द्वार की पानी रोकने वाली दीवार का ढहना था. मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने बताया कि पास की एक लाइन से पानी के तेज बहाव के कारण यह हादसा हुआ.
मुंबई जैसी बारिश हुई कुछ ऐसी दिखेगी दिल्पी मेट्रो.
दिल्ली मेट्रो देश की सबसे आधुनिक मेट्रो प्रणाली
दिल्ली मेट्रो भारत की सबसे आधुनिक और व्यापक मेट्रो प्रणालियों में से एक है. यह रोजाना लाखों यात्रियों को सेवा देती है और शहर की ट्रैफिक समस्या को कम करती है. हालांकि, दिल्ली में हाल के वर्षों में भारी बारिश के दौरान जलभराव की घटनाएं सामने आई हैं, जैसे मिंटो ब्रिज और अन्य अंडरपास में बाढ़. दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम पहले से ही कमजोर है और भारी बारिश में सड़कों पर जलजमाव आम बात है. अगर मुंबई जैसी तीव्र बारिश दिल्ली में होती है, तो मेट्रो की सेवाएं प्रभावित होने की संभावना है, खासकर अंडरग्राउंड स्टेशनों पर.
मुंबई में अचर्या आत्रे चौक स्टेशन पर जलभराव का कारण अपर्याप्त वाटरप्रूफिंग और निर्माण के दौरान ड्रेनेज सिस्टम की कमी थी. दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशन जैसे कश्मीरी गेट और हौज खास भी अंडरग्राउंड हैं. अगर इन स्टेशनों के प्रवेश/निकास बिंदुओं पर जलरोधी उपाय कमजोर हुए तो पानी स्टेशनों में घुस सकता है. इसके अलावा दिल्ली के कई स्टेशन सड़क स्तर पर हैं, जहां जलजमाव आसानी से प्रवेश द्वारों को प्रभावित कर सकता है. कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन पर पहले भी बारिश के दौरान छत से पानी टपकने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.
दिल्ली का ड्रेनेज सिस्टम मुंबई की तरह नहीं है. मुंबई में मिठी नदी और अन्य जल निकायों का खराब प्रबंधन बाढ़ को बढ़ाता है, वहीं दिल्ली में यमुना नदी के आसपास के इलाकों में अनियोजित बसावट और अतिक्रमण जल निकासी को बाधित करते हैं. भारी बारिश में मेट्रो स्टेशनों के आसपास सड़कों पर जलजमाव से यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचने में दिक्कत होगी. इसके अलावा, मेट्रो की बिजली आपूर्ति और सिग्नलिंग सिस्टम पर भी असर पड़ सकता है, जैसा कि मुंबई में रेलवे ट्रैक पर जलजमाव के कारण ट्रेनें रुकी थीं.
दिल्ली मेट्रों की एआई द्वारा निर्मित तस्वीर.
हालांकि, दिल्ली मेट्रो ने आपात स्थिति के लिए कुछ उपाय किए हैं. जैसे पंपिंग सिस्टम और आपातकालीन प्रोटोकॉल. लेकिन मुंबई जैसी तीव्र बारिश इन उपायों की परीक्षा ले सकती है. जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश की तीव्रता बढ़ रही है और दिल्ली जैसे शहरों को इसके लिए तैयार रहना होगा.
अंत में, मुंबई जैसी बारिश दिल्ली मेट्रो को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है, खासकर अंडरग्राउंड स्टेशनों और आसपास के क्षेत्रों में. जनता को जागरूक करना, बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और समन्वित आपदा प्रबंधन ही इसका समाधान है. दिल्ली मेट्रो को इस चुनौती से निपटने के लिए अभी से कदम उठाने होंगे.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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