मुर्शिदाबाद हिंसा: हाईकोर्ट की रिपोर्ट में गंभीर सवाल, BJP ने ममता को घेरा

7 hours ago

Last Updated:May 21, 2025, 12:28 IST

कलकत्ता हाईकोर्ट की समिति ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर टीएमसी सरकार को दोषी ठहराया है. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए इस्तीफे की मांग की है.

 हाईकोर्ट की रिपोर्ट में गंभीर सवाल, BJP ने ममता को घेरा

हाईकोर्ट की रिपोर्ट के बाद अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर करारा हमला बोला है.

हाइलाइट्स

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद हिंसा के लिए TMC को दोषी ठहराया.अमित मालवीय ने ममता बनर्जी से इस्तीफे की मांग की.हिंसा में तीन लोगों की मौत, 150 से ज्यादा गिरफ्तार.

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में बीते अप्रैल में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट की समिति ने तृणमूल कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. ऐसे में भाजपा आक्रामक हो गई है. बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने टीएमसी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला. एक्स पर अपनी पोस्ट में मालवीय ने कहा कि मुर्शिदाबाद हिंसा पर हाईकोर्ट की रिपोर्ट ममता बनर्जी की सरकार के लिए सबसे बड़ा झटका है. यह साफ करता है कि टीएमसी के स्थानीय नेता और विधायक ने हिंसा को भड़काया और पुलिस को निष्क्रिय रहने दिया. उन्होंने ममता के दावे को खारिज किया कि हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे. मालवीय ने इसे राज्य प्रायोजित हिंसा करार देते हुए कहा कि टीएमसी ने मुर्शिदाबाद में हिंदुओं की जनसांख्यिकी बदलने की कोशिश की.

मालवीय ने ममता के एक बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर एक समुदाय को आंदोलन के लिए उकसाया था. उन्होंने इसे गैर-जिम्मेदार और भड़काऊ बताया. कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने पलायन को उचित ठहराया था. मालवीय ने इसे कश्मीरी पंडितों के पलायन से जोड़ा और कहा कि बंगाल के हिंदू अपनी जमीन पर शरणार्थी बन रहे हैं. उन्होंने ममता से इस्तीफे की मांग की और कहा कि उनकी नीतियां बंगाल की सांस्कृतिक विरासत के लिए खतरा हैं.

स्थानीय पुलिस निष्क्रिय और अनुपस्थित

दरअसल, समिति ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि 11 अप्रैल को धुलियान में हुई हिंसा के दौरान स्थानीय पुलिस निष्क्रिय और अनुपस्थित थी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि हिंसा को भड़काने में धुलियान नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष मेहबूब आलम की अहम भूमिका थी, जिन्हें गलती से पार्षद बताया गया. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई, 150 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए और हिंदू समुदाय के 113 घरों को नुकसान पहुंचा.

हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय समिति में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के रजिस्ट्रार (कानून) जोगिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल विधिक सेवा प्राधिकरण (WBLSA) के सदस्य सचिव सत्य अर्नब घोषाल और पश्चिम बंगाल न्यायिक सेवा (WBJS) के रजिस्ट्रार सौगत चक्रवर्ती शामिल थे. समिति ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों से बातचीत के बाद 17 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपी. इसमें बताया गया कि धुलियान में एक कपड़ा शोरूम में लूटपाट हुई और बेटबोना गांव में मंदिरों को निशाना बनाया गया. समिति ने पीड़ितों के लिए मुआवजा और पुनर्वास की सिफारिश की है.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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