मोदी सरकार की बड़ी कूटनीति जीत, करीब 1 साल बाद ही कनाडा और मालदीव का यू-टर्न

1 month ago
कनाडा और मालदीव के साथ भारत के रिश्ते पटरी पर लौट रहे हैं.कनाडा और मालदीव के साथ भारत के रिश्ते पटरी पर लौट रहे हैं.

करीब एक साल पहले हुई भारत और दो देशों से जुड़ी घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी सुर्खियां बटोरीं. पहली घटना सितंबर, 2023 में कनाडा में घटी और दूसरी नवंबर, 2023 में मालदीव में. जून, 2023 में कनाडा में भारत में मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई. करीब तीन महीने बाद ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने वहां की संसद में बयान दिया कि निज्जर की हत्या में भारत का हाथ हो सकता है.

इतना ही नहीं, आरोप लगाने के कुछ देर बाद ही एक भारतीय अधिकारी को कनाडा से भारत वापस भेजने का फरमान भी सुना दिया गया. जवाब में भारत ने कनाडा के बयान को बेतुका और बेबुनियाद करार देने में देर नहीं लगाई और करारा जवाब देते हुए कनाडा के एक अधिकारी को भारत छोड़ने का आदेश दे दिया गया. दोनों देशों के संबंधों में तब से तनाव के नए बादल घुमड़ते रहे हैं.

मालदीव में नवंबर, 2023 में घटी दूसरी भारत विरोधी घटना का जिक्र करें, तो आप जानते ही हैं कि वहां ‘इंडिया आउट’ के मुखर नारे के साथ मोहम्मद मुइज्जू राष्ट्रपति चुने गए थे. उन्हें पूरी उम्मीद थी कि इस नारे के साथ जब वे चीन के साथ गलबहियां करेंगे, तो उसकी विश्वसनीयता पर पेइचिंग को कोई शक नहीं होगा.

मालदीव प्रशासन ने चीन को स्पष्ट संदेश देने के लिए वहां मौजूद भारतीय सैनिकों तक को वापस भारत आने को मजबूर कर दिया. लेकिन यह दांव मालदीव को भारी पड़ गया. पर्यटन के शौकीन भारतीय नागरिकों ने मुइज्जू के रुख के विरोध में मालदीव की करीब-करीब सारी बुकिंग रद्द करा दीं. इससे वहां की माली हालत बुरी तरह चरमरा गई. मालदीव को अच्छी तरह समझ में आ गया कि भारत के साथ दोस्ती रखने में ही उसकी भलाई है.

अब जरा इन दोनों घटनाओं के करीब एक साल बाद के हालात पर गौर कीजिए. अक्टूबर, 2024 में कनाडा और मालदीव के नजरिए में कितना बदलाव आया है या कहें कि दोनों ही देशों को भारत के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है, यह स्पष्ट है. छह अक्टूबर, 2024 कनाडा का बयान आया कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए. ओटावा में विदेशी हस्तक्षेप आयोग के सामने पेशी में कनाडा के उप-विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने यह बात साफ-साफ बिना किसी लाग-लपेट के कही.

कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थक अलगावादियों, आतंकवादियों की हरकतों के बारे में मॉरिसन ने कहा कि यह “भयानक है, लेकिन कानूनी” है. ऐसी चीजें हैं जो “हम में से कई नहीं देखना चाहते”, लेकिन यह अभिव्यक्ति की आजादी के तहत आता है. तीसरी बार नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद से ही जस्टिन ट्रूडो संबंध सुधारने की कोशिशें कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि भारत के साथ “राष्ट्रीय सुरक्षा, कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा और कानून के शासन” जैसे गंभीर मुद्दों पर बातचीत फिर से शुरू हो सकती है.

अगले दिन यानी सात अक्टूबर (2024) को भारत के पांच दिन के दौरे पर आए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई. दोनों देशों के बीच मुद्रा की अदला-बदली समेत पांच अहम समझौतों पर दस्तखत हुए. संयुक्त बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का फैसला लिया है. इसी कड़ी में मालदीव में रूपे कार्ड लॉन्च किया गया. संबंधों को नए सिरे से पटरी पर लाने के लिए भारत मालदीव में और मालवीद बेंगलुरू में वाणिज्य दूतावास खोलेगा. मुइज्जू के न्योते पर पीएम मोदी मालदीव का दौरा भी करेंगे.

साफ है कि दोनों ही मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति की जीत हुई है. भारत अपने पड़ोसियों के साथ मधुर संबंध बनाने की नीति पर पूरी स्थिरता से चल रहा है. कनाडा को अगर कहना पड़ा है कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए और करीब एक साल बाद ही मालदीव को इंडिया आउट की नीति को इंडिया इन से बदलने को मजबूर होना पड़ा है, तो फिर से यह बात ही साबित हुई है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भारत के दबदबे में बढ़ोतरी होती जा रही है. भारतीय कूटनय ग्लोबल स्वीकार्यता के नए शिखरों पर विचर रहा है.

Tags: Canada, Justin Trudeau, Maldives

FIRST PUBLISHED :

October 9, 2024, 18:14 IST

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