Last Updated:April 16, 2025, 14:29 IST
SHATRUJEET BRIGADE: पाकिस्तान को भारतीय सेना की किसी ब्रिगेड से सबसे डर लगता है उसमें से पैरा ब्रिगेड शत्रुजीत भी एक है. आजादी से पहले स्थापित हुई यह इंडिपेंडेंट ब्रिगेड ने पाकिस्तान के साथ हर जंग में हिस्सा लि...और पढ़ें

पैरा फील्ड अस्पताल म्यांमार ऑपरेशन खत्म कर वापस लैटी
हाइलाइट्स
शत्रुजीत ब्रिगेड ने म्यांमार में राहत कार्य किया.15 दिन में 2500 से अधिक मरीजों का इलाज किया.60 पैरा फील्ड अस्पताल ने कई कीर्तिमान स्थापित किए.SHATRUJEET BRIGADE: 28 मार्च 2025 को म्यांमार भूकंप से झटके से हिल गया. 5000 के करीब लोगो के इसभूंकप में मारे जाने की खबर है. भारत ने नेबरहुड फर्स्ट पॉलेसी के तहत राहत बचाव के लिए ऑपरेशन को शुरू किया.भारतीय वायुसेना के विमानों के जरिए राहत सामग्री, फील्ड अस्पताल और सर्च एंड रेस्क्यू के लिए एक्स्पर्ट को रवाना किया. आगरा में स्थित सेना के शत्रुजीत पैरा ब्रिगेड 50(I) को राहत बचाव के लिए तैनात किया. 29 मार्च को भारतीय सेना की ब्रिगेड के 60 पैरा फील्ड अस्पताल को वहां भेजा गया. इस टीम के 118 स्पेशलिस्ट रेस्क्यू टीम और पैरामैडिक्स ने मंडाले में 200 बेड का अस्पताल स्थापित किया. 15 दिन तक लगातार मेहनत कर उनकी घर वापसी हो गई.
15 दिन में 2500 मरीज का इलाज
स्पेशलिस्ट टीम दिन रात पीड़ितों के उपचार में जुटा रही. पूरे ऑपरेशन के दौरान 50 पैरा ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर नवीन भी मौजूद रहे. ऑपरेशन खत्म होने के बात हिंडन लैंड करने के बाद उन्होंने कहा कि हाईटेक उपकरण की मदद से 15 दिन में 2500 से ज्यादा लोगों का इलाज किया गया. यह मिशन भारतीय सेना के इतिहास में सबसे तेज मिशन में से एक था. 65 से ज्यादा मेजर सर्जरी को अंजाम दिया गया. सेना की तरफ से जारी बयान में यह बताया गया कि इस फील्ड अस्पताल में 6888 लैब टेस्ट, 993 एक्स रे, 307 माइनर सर्जरी को अंजाम दिया. एक ऑपरेशन तो 6 घंटे चला.
2800 किलोमीटर से से जारी है टेलिमेडिसिन ऑपरेशन
सेना के फील्ड अस्पताल के एक सिग्नलिंग डिटैचमेंट ने मंडाले में एक टेलीमेडिसिन सेंटर स्थापित किया था. इसमें हाई -फ्रीक्वेंसी (HF) रेडियो लिंक स्थापित किया है. यह 2800 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी को कवर करता है. जिससे म्यांमार और भारत के बीच रीयल टाइम में चिकित्सा परामर्श संभव हो सका है. इस संचार नेटवर्क में एक सैटेलाइट टर्मिनल भी शामिल है. यह टर्मिनल 24X7 चिकित्सा सहायता प्रदान की. इससे दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) में तैनात विशेषज्ञों रीयल टाइम कंस्लटेशन किया.
60 पैरा फील्ड अस्पताल के पास कई कीर्तिमान
यह कोई पहली बार नहीं है कि 60 पैरा फील्ड अस्पताल ने किसी राहत बचाव के ऑपरेशन में हिस्सा लिया. इसकी फेहरिस्त काफी लंबी है. 2013 में उत्तराखंड त्रासदी में चिकित्सा सुविधा प्रदान की थी. साल 2015 ऑपरेशन मैत्री के तहत नेपाल भूकंप, साल 2018 में ऑपरेशन समुद्र के तहत इंडोनेशिया सुनामी में इस पैरा अस्पताल ने अपने काम को बेहतर तरीके से अंजाम दिया. इसे अलावा साल 2023 में तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के दौरान भी भारत ने सबसे पहले इसी फील्ड अस्पताल को तुर्की भेजा था. 99 सदसीय टीम ने बड़ी तेजी से लेवल 2 के 30 बेड वाले मेडिकल फेसेलिटी को तैयार किया था. साल 2024 में डिजास्टर मैनेजमेंट में बेहतरीन काम करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबांधन पुरस्कार के लिए चुना गया.
जैसा काम वैसा ही नाम ‘शत्रुजीत ब्रिगेड’
50(Independent) ब्रिगेड को दूसरे विश्व युद्ध के दौरान स्थापित किया गया था. 1941 से लेकर अब तक इस ब्रिगेड ने काई कारनामे कर दिखाए है.इस पैरा ब्रिगेड ने 1944 में मणिपुर के जंगलों में बर्मा के खिलाफ बैटल ऑफ संगशक में हिस्सा लिया था. आजादी के बाद भारत पाकिस्तान वॉर 1947-48 में जबरदस्त एक्शन किया था. ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को मरणोपरांत महावीर चक्र से नवाजा गया था. इसके बाद जितने भी जंग या संघर्ष हुए सब में यह ब्रिगेड ने अपनी वीरता के झंडे गाड़ दिए. 1961 में गोवा के विलय के ऑपरेशन में हिस्सा लिया. 1965 और 1971 में भारत पाकिस्तान वॉर में भी यह ब्रिगेड ने गदर मचा दिया था. दुनिया के सबसे चर्चित एयरबॉर्न ऑपरेशन ने नाम से जाना जाता है बांग्लादेश में तंगेल ड्रॉप. इसी ब्रिगेड के सैनिकों को बिहाइंड दी एनेमी लाईन ड्राफ किया था. 2nd बटालियन के सैनिक ही ढाका में सबसे पहले घुसे थे. 1988 में मॉलदीव में ऑपरेशन कैक्टस में भी हिस्सा लिया तो कारगिल की जंग में भी इसकी तैनाती मशकों वैली में थी. इसी जगह पूरे कारगिल की सबसे भयानक जंग लड़ी गई थी. इसी लिए इसे शत्रुजीत ब्रिगेड के नाम से जाना जाता है
First Published :
April 16, 2025, 14:26 IST
म्यांमार से ऑपरेशन पूरा कर लौटी भारतीय सेना, कई कीर्तिमान है इस 50(I) के नाम