यूट्यूबर से चौकीदार तक! ISI के लिए जासूसी करते पकड़े गए 12, कैसे चलता था खेल?

4 hours ago

Last Updated:May 20, 2025, 18:27 IST

Pakistani Spy Ring In India: भारतीय एजेंसियों ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 12 लोगों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया. आरोपियों में यूट्यूबर से लेकर स्टूडेंट औ...और पढ़ें

यूट्यूबर से चौकीदार तक! ISI के लिए जासूसी करते पकड़े गए 12, कैसे चलता था खेल?

देश के अलग-अलग हिस्सों से जासूसी के आरोप में पकड़े गए हैं 12 लोग. (File Pics)

नई दिल्ली: पिछले दो सप्ताह में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कुल 12 लोग गिरफ्तार किए गए. इन पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का आरोप है. इनके बीच एक चर्चित यूट्यूबर से लेकर फैक्ट्री चौकीदार तक शामिल हैं. पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि ये सभी एक बेहद संगठित नेटवर्क से जुड़े थे, जो पाकिस्तान में तैनात अपने मददगारों को संवेदनशील सूचनाएं पहुंचाते थे.

कहां-कहां से पकड़े गए ‘जासूस’?

पंजाब में छह गिरफ्तारी: अमृतसर, मलर्कोटला और गुरदासपुर से छह अभियुक्त हिरासत में लिए गए. इनमें दो भाई- फाल्कशर मसीह व सूरज मसीह पर सेना छावनी व हवाई अड्डों की तस्वीरें लीकर पाकिस्तान भेजने का आरोप है.

हरियाणा में पांच गिरफ्तारियां: फरीदाबाद, कैथल, पानीपत, हिसार और नूह से पांच आरोपियों को पकड़ा गया. हिसार की मशहूर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (‘Travel with JO’ चैनल) भी इस मामले में नामजद हैं.

उत्तर प्रदेश में एक गिरफ्तारी: मुरादाबाद स्पेशल टास्क फोर्स ने रामपुर से शाहज़ाद को तस्करी के बहाने सूचना सप्लाई करने के शक में पकड़ा.

इन सभी को Official Secrets Act और भारतीय न्याय संहिता के तहत गिरफ्तार किया गया है.

आरोपियों की कहानी

फाल्कशर व सूरज मसीह (अमृतसर): दोनों भाइयों ने सीमा पर स्थित सेना शिविरों की ताज़ा जानकारी, BSF कैम्पों के लोकेशन और हवाई अड्डों की तस्वीरें ISI को भेजी. उनके मोबाइल से डेटा ट्रांसफर रिकॉर्ड और जासूसी फिल्में बरामद हुईं. ग़ज़ाला व यामीन (मलेरकोटला): पाक उच्चायोग में अफ़सर ‘दानीश’ से संपर्क में रहकर संवेदनशील सूचनाएं ऑनलाइन शेयर करती थीं. ग़ज़ाला ने पूछताछ में स्वीकार किया कि दो किश्तों में ₹30,000 मिली थी. सुखप्रीत व करणबीर (गुरदासपुर): ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना की टुकड़ी मूवमेंट से लेकर रणनीतिक स्थानों की जानकारी भेजी. ये पहले नशीली दवाइयाँ तस्करी में लिप्त थे, जहां से ISI हैंडलर्स से संपर्क हुआ. नोमान इल्लाही (पानीपत): फैक्ट्री चौकीदार नऔमान पर संवेदनशील फाइलें पाकिस्तानियों तक पहुंचाने का आरोप है. उसने ISI एजेंट से वॉट्सऐप पर कुंजी जानकारी शेयर की. देवेंद्र सिंह (कैथल): मास्टर डिग्री कर रहा देवेंद्र सोशल मीडिया पर बंदूक की तस्वीरे पोस्ट करता था. उसने पिछली साल पाकिस्तान यात्रा के दौरान ISI अफसरों से संपर्क किया और पठानकोट कैंट का फोटो अपलोड किया. ज्योति मल्होत्रा (हिसार): ‘Travel with JO’ चैनल की ज्योति कई बार पाक में घूमी-फिरी. उस पर पाकिस्तानी स्टाफर ‘दानीश’ से मुलाकात का आरोप है. युद्ध के दौरान ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी भेजी गई. अरमान व मोहम्मद तारीफ़ (नूह): दोनों ने स्थानीय quack (गैरक़ानूनी चिकित्सा) के बहाने सैनिक मूवमेंट की जानकारी साझा की. तारीफ़ ने हाई कमीशन कर्मचारी को सिम कार्ड देकर गुप्त कॉल की व्यवस्था की. शाहज़ाद (रामपुर): मोरादाबाद STF ने शाहज़ाद को निर्यात-आयात की आड़ में संवेदनशील डेटा लीक करने के आरोप में गिरफ़्तार किया.

कैसे चलता था जासूसी का खेल?

ऑनलाइन चैनल: YouTube, Instagram, WhatsApp ग्रुप्स और निजी मैसेजिंग ऐप्स के जरिए सूचनाएं साझा होती थीं.

नकली पहचान एवं क्यू-कोड: हर आरोपी के पास पाकिस्तानी हैंडलर्स से मिली पहचान पट्टियां और क्यू-कोड थे, जो बातों को एनक्रिप्ट रखने में मदद करते थे.

नकदी लेन-देन: पैसे UPI, Paytm व छोटे-छोटे कैश ट्रांजेक्शन्स द्वारा भेजे-लिये जाते थे. पूछताछ में कई खातों व ट्रांजेक्शन्स की पुष्टि हुई.

अंडरकवर मुलाकातें: पाकिस्तान हाई कमीशन और सीमावर्ती इलाकों में अंडरकवर मीटिंग्स आयोजित की जाती थीं, जहां फाइलें हाथ बदलती थीं.

अब आगे क्या होगा?

फोरेंसिक एनालिसिस: गिरफ्तार अभियुक्तों के लैपटॉप, मोबाइल, पेन्ड्राइव और सोशल मीडिया अकाउंट्स की छानबीन जारी है.

फायनेंशियल ऑडिट: सभी संदिग्ध बैंक ट्रांजेक्शन्स, क्रेडिट–डेबिट विवरण और ई-कॉमर्स लेन-देन की जांच हो रही है.

सीमा-पार सहयोग: एनआईए, IB और सेनाएं मिलकर पाकिस्तानी हैंडलर्स तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. संयुक्त साक्ष्य के आधार पर अगले अभियुक्तों की खोज जारी है.

क्यों बढ़ी जासूसी की घटनाएं?

सोशल मीडिया के दौर में जानकारी का तेजी से प्रसार होता है. व्यक्तिगत डेटा की असुरक्षा ने जासूसी के रास्ते खोल दिए. युवा प्रभावशाली लोग (इन्फ्लुएंसर) आसानी से प्रभावित हो जाते हैं, और विदेशी एजेंसियां इन्हें ‘एसेट’ बनाने में सफल रहती हैं. हालिया आतंकवादी घटनाओं, ऑपरेशन सिंदूर और कश्मीर में बढ़े तनाव ने खुफिया गतिविधियों को बढ़ावा दिया.

कुछ अभियुक्त पहले नशीली दवाइयों की तस्करी में लिप्त थे, जहां उन्हें पाक हैंडलर्स ने रिक्रूट किया. इन 12 गिरफ्तारियों ने साफ कर दिया कि यूट्यूब स्टार्स से लेकर मामूली चौकीदार तक, हर कोई खुफिया एजेंसियों के निशाने पर हो सकता है.

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Deepak Verma

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें

Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...

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