Last Updated:May 22, 2025, 11:38 IST
Faridabad Agro News: डीग गांव के किसान खीरे की खेती से परिवार का गुज़ारा चलाते हैं. बटाई पर ली गई ज़मीन पर मेहनत तो पूरी करते हैं लेकिन मुनाफा मंडी के रेट पर निर्भर करता है. एक किले की लागत करीब 1 लाख रुपये आती...और पढ़ें

हरियाणा के फरीदाबाद का किसान कर रहा खीरे की खेती.
विकास झा/फरीदाबाद. हरियाणा के बल्लभगढ़ के डीग गांव में कई किसान खीरे की खेती कर अपने परिवार का गुज़ारा चला रहे हैं. ज़्यादातर किसान खेत बटाई पर लेकर खेती करते हैं. ये काम मेहनत वाला है और इसमें पूरा परिवार मिलकर काम करता है. किसान बताते हैं कि खीरे की खेती में लागत तो बहुत है लेकिन मुनाफा कब होगा ये मंडी के भाव पर टिका होता है.
किसान मान सिंह ने Local18 को बताया कि वो यूपी के इटा जिले के रहने वाले हैं लेकिन खेती डीग गांव में करते हैं. उन्होंने दो किले ज़मीन बटाई पर ली हुई है. बटाई की शर्त ये है कि जो भी खर्च होता है जैसे सिंचाई, खाद, दवाई, बीज उसका आधा हिस्सा खेत का मालिक देता है और आधा किसान खुद देता है. मेहनत और मज़दूरी किसान की खुद की होती है.
मान सिंह कहते हैं कि खीरे की खेती में सबसे पहले खेत को रोटावेटर और कल्टीवेटर से दो बार जोता जाता है. फिर मांझे से डोल खींचकर सूखे में बीज चुभाया जाता है. हाइब्रिड बीज चार उंगली के गैप में और देसी बीज चार ब्लांत की दूरी पर लगाया जाता है. एक किले में करीब 350 से 400 ग्राम बीज लगता है और एक किले में कुल लागत 20 से 25 हजार रुपये आती है.
गर्मियों में हर पांचवें दिन सिंचाई करनी पड़ती है. बिजली तीन दिन दिन में और तीन दिन रात में आती है जिससे सिंचाई में कोई खास दिक्कत नहीं आती. कीड़े लगने पर ढंका कंपनी की मैक्सिल, धनवर्षा और किरारी जैसी दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं.
31 साल के किसान 10 साल से कर रहे खेती
खेती का सीजन दो महीने का होता है. फरवरी से बीज बोना शुरू होता है और मई तक फसल चलती है. किसान खीरा फरीदाबाद और बल्लभगढ़ की मंडियों में बेचते हैं. इस समय मंडी में भाव 10 से 12 रुपये किलो मिल रहा है. जबकि एक किले की कुल लागत मज़दूरी समेत 1 लाख रुपये तक पहुंच जाती है. ऐसे में किसान कहते हैं कि अगर भाव 25 से 30 रुपये किलो मिले तभी फायदा होता है वरना बस खर्चा ही निकल पाता है. मान सिंह की उम्र 31 साल है और उन्हें खेती करते हुए 8 से 10 साल हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि हालात कभी-कभी इतने कठिन हो जाते हैं कि मुनाफा छोड़िए सोचते हैं खेत से बस घर का खर्चा ही किसी तरह चल जाए.
13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...और पढ़ें
13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...
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Location :
Faridabad,Faridabad,Haryana
यूपी से आया किसान, हरियाणा में करने लगा खेती, पट्टे पर ली जमीन से हो रही कमाई!