रस्सी जल गई लेकिन नहीं खत्म हुई ऐठन... फिर गिदड़भभकी देने लगे शहबाज शरीफ

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Last Updated:May 11, 2025, 06:27 IST

shehbaz sharif speech: पाकिस्तान ने सीजफायर के बावजूद कई जगहों पर उसका उल्लंघन किया, जिससे शहबाज शरीफ और असीम मुनीर के बीच तनाव स्पष्ट रूप से दिखने लगा है. बावजूद इसके शरीफ ने भारत के खिलाफ जहर उगला, जबकि भारत ...और पढ़ें

रस्सी जल गई लेकिन नहीं खत्म हुई ऐठन... फिर गिदड़भभकी देने लगे शहबाज शरीफ

शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में फिर गिदड़भभकी दी है.

हाइलाइट्स

शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ जहर उगला.सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान ने उल्लंघन किया.भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए.

shehbaz sharif speech: पाकिस्तान की ओर से सीजफायर की गुहार लगाए जाने और उसके बाद दोनों देशों के आगे किसी तरह के हमला नहीं करने पर सहमति बनने के बाद भी पाकिस्तान ने अपनी चाल से बाज नहीं आ रहा है. पहले तो सीजफायर लागू होते ही उसने कई जगहों पर इसे तोड़ दिया. इससे पता चलता है कि पाकिस्तान की शहबाज शरीफ की सरकार और असीम मुनीर की सेना के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. इसके साथ ही राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में शरीफ ने फिर वही गिदड़भभकी शुरू कर दी, जो पाकिस्तान बीते 70 सालों से दे रहा है. शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में जमकर भारत के खिलाफ जहर उगले. ऐसे में सवाल उठता है कि शहबाज शरीफ एक तरफ भारत से सीजफायर की गुहार लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ वह क्यों ऐसा भाषण दे रहे हैं.

‘पाकिस्तान ने किया जबर्दस्त प्रतिरोध’
शहबाज शरीफ एक काल्पनिक दुनिया में जी रहे हैं और पाकिस्तान के असली मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं. अपने भाषण में उनका यह कहना कि इस संघर्ष में पाकिस्तान जीत गया और उसने जबर्दस्त प्रतिरोध किया. पूरी तरह गलत है. अगर पाकिस्तान के पास प्रतिरोध की ऐसी क्षमता थी तो आतंकवादियों के ठिकानों पर मिसाइलों से हमले और फिर उसके शहरों में भारत की ओर से जो ड्रोन हमले किए गए, वो कैसे हो गए.

कश्मीर पर फिर गलत दावा
उनका कहना कि भारत अब पाकिस्तान से बात करेगा और कश्मीर मुद्दा खत्म नहीं हुआ है. यह पाकिस्तान की जनता को गलत संदेश दे रहा है. भारत ने साफ कहा है कि कश्मीर उसका आंतरिक मामला है और वह पाकिस्तान से इस पर बात नहीं करेगा. जो बात होगी वह पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर को लेकर होगी.

भारत की रणनीति
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए है. इसमें ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया. भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जो पाकिस्तान की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका है. यह निलंबन अभी भी लागू है. भारत ने आतंकवाद को पानी साझा करने से जोड़ा, ताकि पाकिस्तान पर दबाव बनाया जाए.

पाकिस्तान की स्थिति
पाकिस्तान की सेना घरेलू स्तर पर वैधता के संकट का सामना कर रही है. जनता राजनीतिक दखल और आर्थिक अस्थिरता से नाराज है. ऐसे में मुनीर भारत के साथ तनाव चाहते हैं. वहीं राजनीतिक नेतृत्व संयम बरतना चाहता है. क्योंकि उसको पता है कि उसकी आर्थिक हालत बहुत खराब है.

पाकिस्तान की गिदड़भभकी
पाकिस्तान ने भारत के ठिकानों पर ड्रोन हमले किए, लेकिन भारत ने संयमित जवाब दिया. पाकिस्तान का परमाणु हथियारों का दावा विश्वसनीय नहीं है और सिर्फ अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचने के लिए है. शहबाज शरीफ की जीत के दावे लोगों को हंसने पर मजबूर कर रहे हैं. भारत ने आतंकी ढांचे को निशाना बनाया, न कि सैन्य ठिकानों को.

तीसरे पक्ष की भूमिका
पाकिस्तान ने अमेरिका, सऊदी अरब और तुर्की की मध्यस्थता की तारीफ की, लेकिन भारत ने किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को नकार दिया है. भारत ने चीन, मलेशिया जैसे देशों के मध्यस्थता प्रस्ताव ठुकरा दिए थे और द्विपक्षीय बातचीत पर जोर दिया. अमेरिका ने सिर्फ संवाद में मदद की कोई औपचारिक मध्यस्थता नहीं की.

वर्तमान स्थिति
सीजफायर के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने LoC पर गोलीबारी और ड्रोन हमले शुरू कर दिए. भारत की सेना हाई अलर्ट पर है और पाकिस्तान के सीजफायर पालन पर संदेह जता रही है. पाकिस्तान के जीत और कूटनीतिक बदलाव के दावे सिर्फ दिखावटी हैं. असल तनाव अभी भी बरकरार है.

भारत का फोकस
भारत का मकसद आतंकी ढांचे को नष्ट करना. द्विपक्षीय नियंत्रण बनाए रखना है. ये सारी बातें दिखाती हैं कि भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रुख अपना रहा है और पाकिस्तान के दावे हकीकत से कोसों दूर हैं.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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