राफेल-5, Su-30MKI से ज्‍यादा चालबाज, अब स्‍वदेशी तेजस फाइटर जेट का बजेगा डंका

5 hours ago

Last Updated:June 19, 2025, 11:44 IST

Tejas Fighter Jet News: हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (HAL) की ओर से विकसित तेजस फाइटर जेट को अपग्रेड करने का काम लगातार जारी है. अब इस लाइट कॉम्‍बैट फाइटर जेट में ऐसा रडार लगाया जा रहा है, जो एडवांस्‍ड जे...और पढ़ें

राफेल-5, Su-30MKI से ज्‍यादा चालबाज, अब स्‍वदेशी तेजस फाइटर जेट का बजेगा डंका

तेजस फाइटर जेट में उन्‍नत रडार सिस्‍टम लगाने की तैयारी चल रही है. (पीटीआई/फाइटर जेट)

हाइलाइट्स

तेजस में अल्‍ट्रा मॉडर्न रडार सिस्‍टम लगाया जाएगा, डिटेक्‍शन की बढ़ेगी क्षमतादुश्‍मनों का बचकर निकलना होगा मुश्किल, टारगेट पर सटीक प्रहार होगा संभवराफेल-5 और Su-30MKI में भी नहीं यह रडार, तेजस निकल जाएगा आगे

Tejas Fighter Jet: मॉडर्न एज में युद्ध अब जमीन पर कम और आसमान में ज्‍यादा लड़े जा रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. रूस-यूक्रेन या फिर इजरायल-ईरान वॉर में फाइटर जेट, मिसाइल और ड्रोन ज्‍यादा पावरफुल माध्‍यम बनकर सामने आया है. ऐसे में दुनिया का हर देश अपने एयरफोर्स को और मजबूत करने में जुटा है. पांचवीं पीढ़ी के स्‍टील्‍थ फाइटर जेट की डिमांड लगातर बढ़ रही है, ताकि दुश्‍मनों के रडार को चकमा देकर टारगेट को तबाह किया जा सके. भारत भी इसमें पीछे नहीं रहना चाहता है. इसे देखते हुए देश की डिफेंस एजेंसीज लगातार इनोवेशन और प्रोटोटाइप टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल कर रही हैं. डीआरडीओ की इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड रडार डेवलपमेंट इस्‍टेब्लिशमेंट ने ऐसा रडार डेवलप किया है, जिसकी नजर से दुश्‍मनों का बचकर निकलना नामुमकिन हो जाएगा. इस रडार की मदद से टारगेट का पता लगाकर सटीक प्रहार करना भी आसान होगा. युद्ध के समय में यह सिस्‍टम काफी कारगर और मारक सिद्ध हो सकता है. इसे गैलियम नाइट्राइड (GaN) बेस्‍ड एक्टिव इलेक्‍ट्रॉनिकली स्‍कैन्‍ड ऐरे (AESA) रडार कहा जाता है. तेजस फाइटर जेट को GaN आधारित रडार सिस्‍टम से लैस करने की तैयारी चल रही है. ऐसा होने पर तेजस MKII रडार के मामले में दासॉल्‍ट एविएशन द्वारा विकसित राफेल के F5 वैरिएंट और Su-30MKI से भी आगे निकल जाएगा.

डीआरडीओ बाद में तेजस MKIA फाइटर जेट को भी GaN बेस्ड एईएसए रडार से लैस करेगा. तेजएस एमके-2 और तेजस एमके-1ए फाइटर जेट में GaN आधारित रडार इंटीग्रेट करने की प्रक्रिया जल्‍द ही शुरू कर दी जाएगी. इस काम को साल 2026 तक पूरा करने की प्‍लानिंग है. वहीं, राफेल के एफ-5 वैरिएंट में साल 2033 तक GaN बेस्‍ड रडार लगाने की योजना है. इस तरह राफेल लड़ाकू विमान इस मामले में स्‍वदेशी तेजस फाइटर जेट से पीछ छूट जाएगा. भारत ने इसे उत्‍तम AESA रडार का नाम दिया है. स्‍वदेशी उत्‍तम एईएसए में 912 ट्रांसमिट रिसीव मॉड्यूल होंगे, वहीं राफेल में 838 टीआरएम ही होंगे. ऐसे में तेजस फाइटर जेट में GaN बेस्‍ड रडार लगने से दुश्‍मनों का पता लगाकर उसे तबाह करने के मामले में यह राफेल से कहीं ज्‍यादा पावरफुल हो जाएगा. ऐसे में उत्‍तम एईएसए रडार को बड़ी छलांग बताया जा रहा है. बता दें कि भारत ने एयरफोर्स के लिए 36 राफेल जेट खरीदे हैं. वहीं, नेवी के लिए फ्रांस की दसॉल्‍ट एविएशन कंपनी से खास राफेल फाइटर जेट खरीदने के करार पर सहमति बन चुकी है.

कटिंग एज रडार सिस्‍टम के मामले में राफेल लड़ाकू विमान तेजस फाइटर जेट से पीछे छूट जाएगा. (पीटीआई)

बहुत खास है GaN AESA रडार सिस्‍टम

अब सवाल उठता है कि GaN AESA रडार इतना खास क्‍यों है? उत्‍तम का GaN बेस्‍ड रडार को खासतौर पर तेजस MKII और इसके उन्‍नत संस्‍करण MKIA के लिए डेवलप किया गया है. यह रडार 912 टीआरएम से लैस होगा जो मौजूदा राफेल फाइटर जेट से ज्‍यादा है. GaN बेस्‍ड AESA रडार ज्‍यादा पावर एफिशिएंट होने के साथ ही ज्‍यादा डिटेक्‍शन रेंज से भी लैस होगा. इस रडार को इलेक्‍ट्रॉनिकली जाम कर पाना काफी मुश्किल होगा. ऐसे में GaN AESA रडार अपने पूर्ववर्ती से कहीं ज्‍यादा ताकतवर है. इसके अलावा यह रडार एक साथ कई दुश्‍मनों का पता लगाने और उसे ट्रैक करने में भी सक्षम है. ज्‍याद क्लियर इमेज (तस्‍वीर) मिलने की वजह से एयर-टू-एयर और एयर-टू-मिशन को अंजाम देने में यह काफी मददगार साबित होगा.

रडार के मामले में SU-30 MKI भी अब पिछड़ जाएगा. (पीटीआई)

राफेल एफ-5 छूटा पीछे

कटिंग एज रडार के मामले में फ्रेंच राफेल फाइटर जेट पीछे छूट जाएगा. बता दें कि दसॉल्‍ट एविएशन राफेल के नेक्‍स्‍ट जेनरेशन फाइटर जेट में ऐसी तकनीकी एड करने जा रह है जो इसे साल 2060 तक उपयोगी रखेगा. फ्रांस के एयरफोर्स के साथ भारत जैसे खरीदार देशों के लिए भी यह आने वाले तीन दशकों तक उपयोगी रहेगा. राफेल एफ-5 में इंस्‍टॉल किया जाने वाला GaN AESA रडार अभी डेवलपमेंट फेज में है. बताया जा रहा है कि इसे साल 2033 तक राफेल के नेक्‍स्‍ट जेनरेशन जेट में इंटीग्रेट किया जा सकेगा. इस तरह अल्‍ट्रा मॉडर्न रडार सिस्‍टम के मामले में राफेल तेजस फाइटर जेट से तकरीबन 7 साल पीछे छूट जाएगा.

4.5 जेनरेशन का फाइटर जेट है तेजस MKII

इंडियन एयरफोर्स की जरूरतों को देखते हुए एचएएल ने तेजस प्रोजेक्‍ट की शुरुआत की थी. प्रारंभिक चरण में इसमें काफी देर हुई, लेकिन अब इसने पूरी तरह से रफ्तार पकड़ ली है. सरकार स्‍वदेशी तकनीक पर आधारित फाइटर जेट विकसित करने पर ज्‍यादा जोर दे रही है. तेजस MKII फाइटर जेट साल 2026 तक अत्‍याधुनिक GaN AESA रडार के साथ उड़ान भरने वाला भारत का पहला एयरक्राफ्ट होगा. इस रडार की एक खासियत यह भी है कि यह जल्‍दी गर्म नहीं होता है, जिससे इसका वर्क ड्यूरेशन काफी बढ़ जाता है. बता दें कि Su-30MKI में भी GaN AESA रडार लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, इस तरह इंडियन एयरफोर्स के पास GaN AESA रडार से लैस बड़ी फ्लीट जल्‍द ही तैयार हो जाएगी.

Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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