Last Updated:September 06, 2025, 07:15 IST
Tejas Mark-1A Fighter Jet: HAL जल्द ही दो तेजस Mark-1A फाइटर जेट की डिलीवरी करने वाली है. इस लड़ाकू विमान में कई मॉडर्न वेपन और रडार सिस्टम इंटीग्रेट किए गए हैं. सिंगल इंजन का जेट होने के बावजूद इसमें कई ऐसी ...और पढ़ें

Tejas Mark-1A Fighter Jet: तेजस Mark-1A फाइटर जेट की डिलीवरी डेट लगातार टल रही है. एचएएल यानी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने पहले इसे सितंबर में एयरफोर्स को देने की बात कही थी. अब तेजस Mark-1A की दो यूनिट अक्टूबर में उपलब्ध होगी. इंजन मिलने में देरी की वजह से डिलीवर डेट की डेडलाइन लगातार आगे खिसकती रही है. अब तो डिटेल सामने आया है, उसके अनुसार तेजस Mark-1A फाइटर जेट में ऐसे वेपन इंटीग्रेट किए जा रहे हैं, जिससे दुश्मनों का दम फूलना तय है. साथ ही फ्रांस और रूस जैसे फाइटर जेट सप्लायर देश भी भौंचक्का हो जाएंगे, क्योंकि भारत फाइटर जेट बनाने में आत्मनिर्भर होने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है.
लंबे इंतजार के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की ओर से अगले महीने भारतीय वायुसेना (IAF) को पहले दो इंप्रूव्ड और अपग्रेड तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान सौंपने की उम्मीद है. हालांकि, यह डिलीवरी इस बात पर निर्भर करेगी कि स्वदेशी सिंगल-इंजन जेट अपने तयशुदा हथियार फायरिंग ट्रायल्स को सफलतापूर्वक पूरा कर पाता है या नहीं.
मॉडर्न वेपन के साथ सॉफ्टवेयर मॉडिफिकेशन
सूत्रों के मुताबिक, इस महीने के अंत तक तेजस Mark-1A पर अस्त्र बियॉन्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइल, एडवांस्ड शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल और लेजर-गाइडेड बम की फायरिंग ट्रायल्स निर्धारित हैं. इन ट्रायल्स के जरिए यह भी परखा जाएगा कि इजरायली मूल के एल्टा ELM-2052 रडार और फायर कंट्रोल सिस्टम के साथ हथियारों का इंटीग्रेशन सही ढंग से हुआ है या नहीं. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले ट्रायल में असफलता के बाद तेजस Mark-1A में सॉफ्टवेयर मॉडिफिकेशन किए गए हैं.
इंजन सप्लाई में देरी बनी बड़ी बाधा
तेजस Mark-1A परियोजना की धीमी प्रगति की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) की ओर से इंजन की सप्लाई में हुई लगभग दो साल की देरी रही. HAL ने अगस्त 2021 में 99 GE-404 इंजनों की खरीद 5,375 करोड़ रुपये में की थी, लेकिन अब तक सिर्फ दो इंजन ही मिले हैं. कंपनी ने वादा किया है कि अगले साल मार्च तक 10 और इंजन, और उसके बाद हर साल 20 इंजन सप्लाई करेगी. हथियार और रडार इंटीग्रेशन में आई तकनीकी दिक्कतें भी उत्पादन को प्रभावित कर रही हैं.
एयरफोर्स का इंतजार लंबा
IAF को अब तक तेजस के शुरुआती वर्जन मार्क-1 के 40 में से 38 विमान ही मिल पाए हैं, जिनका सौदा 2006 और 2010 में कुल 8,802 करोड़ रुपये में हुआ था. वहीं, फरवरी 2021 में किए गए 46,898 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट के तहत 83 तेजस मार्क-1ए में से अभी तक एक भी विमान वायुसेना को नहीं मिला है. इनकी आपूर्ति फरवरी 2024 से फरवरी 2028 के बीच पूरी होनी थी. पिछले महीने प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने तेजस के और 97 विमानों की खरीद 66,500 करोड़ रुपये में मंजूर की, जिससे कुल संख्या और बढ़ जाएगी.
एयरफोर्स की चिंता
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने सार्वजनिक रूप से HAL की देरी पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा था कि IAF की संख्या पहले से ही बेहद कम है और लड़ाकू क्षमता बनाए रखने के लिए हर साल कम से कम 40 नए विमान शामिल करने की जरूरत है. फिलहाल IAF के पास 31 स्क्वॉड्रन हैं, लेकिन 26 सितंबर को सेवा में मौजूद 36 पुराने मिग-21 लड़ाकू विमानों के रिटायर होने के बाद यह संख्या घटकर 29 स्क्वॉड्रन रह जाएगी, जो अब तक का सबसे कम स्तर होगा.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 06, 2025, 07:15 IST