'राम के होने का सबूत नहीं' मंत्री का विवादित बयान, आगबबूला BJP का तीखा हमला

1 month ago

चेन्नई. तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता एसएस शिवशंकर ने शुक्रवार को भगवान राम के बारे में एक विवादित बयान दिया है. शिवशंकर ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया कि भगवान राम के अस्तित्व को साबित करने के लिए कोई ऐतिहासिक सबूत नहीं है. चोल वंश के राजाओं के साथ तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की इमारतें अभी भी उनके अस्तित्व को साबित करने के लिए सबूत के तौर पर काम करती हैं.

अरियालुर जिले के गंगईकोंडाचोलपुरम में राजेंद्र चोल की जयंती मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए डीएमके मंत्री शिवशंकर ने कहा कि ‘हम चोल वंश के सम्राट राजेंद्र चोल का जन्मदिन मनाते हैं. हमारे पास शिलालेख, उनके द्वारा बनाए गए मंदिर और उनके द्वारा बनाई गई झील जैसे पुरातात्विक सबूत हैं. लेकिन, भगवान राम के इतिहास का पता लगाने के लिए कोई सबूत नहीं है.’ डीएमके नेता इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने कहा कि ‘वे दावा करते हैं कि भगवान राम 3,000 साल पहले रहते थे और उन्हें अवतार कहते हैं. अवतार पैदा नहीं हो सकता. अगर राम अवतार थे तो उनका जन्म नहीं हो सकता था. अगर उनका जन्म हुआ तो वे भगवान नहीं हो सकते थे.’

DMK’s sudden obsession with Bhagwan Shri Ram is truly a sight to behold—who would’ve thought?

Just last week, DMK’s Law Minister Thiru Raghupathy avl declared that Bhagwan Shri Ram was the ultimate champion of social justice, the pioneer of secularism, and the one who proclaimed… pic.twitter.com/z8or4AQQML

— K.Annamalai (@annamalai_k) August 2, 2024

बीजेपी आगबबूला
डीएमके के मंत्री शिवशंकर ने आगे कहा कि रामायण और महाभारत में लोगों के लिए सीखने के लिए कोई ‘जीवन का पाठ’ नहीं है. जबकि तमिल संत-कवि तिरुवल्लुवर द्वारा 2,000 साल पहले लिखे गए दोहों के संग्रह तिरुक्कुरल में ऐसा है. बहरहाल मंत्री की टिप्पणियों पर भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने डीएमके के ‘भगवान राम के प्रति जुनून’ पर सवाल उठाया. मंत्री की विवादास्पद क्लिप शेयर करते हुए अन्नामलाई ने डीएमके नेता की टिप्पणी की एक्स पर निंदा की.

‘शुक्र है पानी का चालान नहीं काटा…’, कोर्ट ने भले लगाई फटकार, पर यहां तो भगवान को भी मिल चुका है नोटिस

अन्नामलाई ने बोला हमला
अन्नामलाई ने नई संसद में सेंगोल को रखे जाने का विरोध करने के लिए डीएमके की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह लगभग हास्यास्पद है कि डीएमके एक ऐसी पार्टी जो सोचती है कि तमिलनाडु का इतिहास 1967 में शुरू हुआ था. उसको अचानक देश की समृद्ध संस्कृति और इतिहास से प्यार हो गया है. बहरहाल डीएमके के मंत्री की ये टिप्पणियां खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया’ के बराबर बताने और उसके ‘विनाश’ की अपील करने के लगभग एक साल बाद आईं हैं.

Tags: BJP, Lord Ram, Tamil Nadu news

FIRST PUBLISHED :

August 3, 2024, 13:54 IST

Read Full Article at Source