आप अंडरगार्मेंट भी..., हाईकोर्ट के जज बिगड़े बोल, CJI चंद्रचूड़ ने लगाई क्लास

2 hours ago

बेंगलुरु. कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जस्टिस के विवादास्पद बयान के बाद बवाल मचा हुआ है. जस्टिस वेदव्यासाचार्य श्रीशानंद के दो अलग-अलग वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार 20 सितंबर को स्वतः संज्ञान लिया है. शीर्ष कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट को इस मामले पर सोमवार तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की 5 न्यायाधीशों की पीठ ने आज सुबह बैठक की. सीजेआई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार की सुबह बेंच की बैठक के दौरान उन्होंने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा, ‘हम कुछ बुनियादी दिशा-निर्देश तय कर सकते हैं और उच्च न्यायालय के महासचिव से रिपोर्ट मांग सकते हैं. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट से रिपोर्ट सौंपने की आदेश दिए.’

हाल ही में, कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वेदव्यासाचार्य श्रीशानंद के दो वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं. इसमें वह काफी आपत्तिजनक टिप्पणी करते नजर आए. एक वीडियो में वह बेंगलुरु के मुस्लिम बहुल एक इलाके को “पाकिस्तान” कहते नजर आ रहे हैं. वहीं. कोर्ट में सुनवाई के दौरान वह जब दूसरे पक्ष के वकील से कुछ पूछते हैं तो विपक्ष की वकील की ओर कुछ कहने पर वह भड़क जाते हैं. महिला वकील पर अभद्र टिपण्णी करते नजर आए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के बारे में इतना जानती हैं कि अब उनके अंडरगार्मेंट की रंग भी बता देंगी…

We call upon the Chief Justice of India to take suo moto action agsinst this judge and send him for gender sensitisation training. pic.twitter.com/MPEP6x8Jov

— Indira Jaising (@IJaising) September 19, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को मुख्य न्यायाधीश से प्रशासनिक निर्देश प्राप्त करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय को रिपोर्ट देने की मांग की है. इस मामले पर अगली सुनवाई सोमवार को होगी. सीजेआई ने कहा, ‘सोशल मीडिया के इस युग में हम पर कड़ी नजर रख रहे हैं. अब हमें उसी के अनुसार काम करना होगा.’

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने भी जमकर कमेंट किया है. एक यूजर ने लिखा है, ‘भगवान का शुक्र है कि इस घटना की रिकॉर्डिंग मौजूद है, वरना हम इस घटना के बारे में कभी नहीं जान पाते.’ वही, एक अन्य ने लिखा है, ‘उसे (जज को) सजा मिलनी चाहिए. उसे आसानी से नहीं छोड़ा जाना चाहिए.’ एक अन्य यूजर ने जज के पक्ष में लिखा है, ‘राई का पहाड़ बनाया जा रहा है. यह कोई मुद्दा नहीं है. यह लिंगभेद का भी मुद्दा नहीं है.’

Tags: Karnataka High Court, Supreme Court

FIRST PUBLISHED :

September 20, 2024, 12:56 IST

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