हाइलाइट्स
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले हरियाणा में 2.80 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है. जब्त किए इन पैसों को इनकम टैक्स विभाग के पास जमा करते हैं.
नई दिल्ली. चुनाव चाहे लोकसभा का हो, विधानसभा या फिर किसी ग्राम पंचायत का, इसे जीतने के लिए सभी दल पैसों का जमकर इस्तेमाल करते हैं. इस पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग भी अभियान चलाकर अवैध रूप से ले जाए जा रहे पैसों को जब्त करता है. अक्टूबर की शुरुआत में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बीच हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को गुरुग्राम में 2.80 करोड़ रुपये की नकदी पकड़ी है. अब सवाल ये उठता है कि आखिर पुलिस इस रकम का करती क्या है और आखिर में यह पैसा किसकी जेब में जाता है.
चुनाव आयोग रुपये के दम पर इलेक्शन को प्रभावित करने से रोक लगाने के लिए इस तरह के कदम उठाता है. इस साल खत्म हुए लोकसभा चुनाव में भी देशभर में करीब 4,650 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई थी. 5 साल पहले 2019 में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में भी 3,475 करोड़ की नकदी जब्त की गई थी. अब हम आपको बताते हैं कि आखिर जब्त की जाने वाली इस नकदी का होता क्या है और कौन इसका मालिक बनता है.
कर सकते हैं क्लेम
सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि चुनाव के दौरान पकड़े गए पैसे जरूरी नहीं है कि मतदाताओं को बांटने के लिए ही ले जाए जा रहे हों. इस दौरान कोई बिजनेस के लिए तो कोई अन्य किसी काम के लिए भी नकदी लेकर चल सकता है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति यह साबित कर देता है कि वह किस काम के लिए पैसे ले जा रहा और इसका कानूनी स्रोत भी बताता है तो उसे रकम वापस कर दी जाती है.
कहां जमा होती है रकम
आपको बता दें कि इस तरह की रकम को कालेधन की श्रेणी में रखा जाता है. जाहिर है कि इनकम टैक्स कानून के तहत यह धन अवैध होता है और इसे इनकम टैक्स विभाग को सौंपना पड़ता है. कानून यह कहता है कि 10 लाख से ज्यादा की रकम पकड़ी जाती है तो उसे संबंधित जिले की ट्रेजरी में जमा कर दिया जाता है और इसकी सूचना जिले के इनकम टैक्स विभाग के नोडल अधिकारी को देनी होती है.
आखिर में क्या होता है पैसों का
ट्रेजरी में जमा रकम पर अगर कोई क्लेम नहीं करता तो एक समय के बाद यह रकम सरकारी खजाने में जका करा दी जाती है. पहले इसे इनकम टैक्स विभाग अपने डॉक्यूमेंट में दर्ज करता है और फिर इसे सरकार के खजाने में जमा करा दिया जाता है. यानी जिले के ट्रेजरी विभाग में ही इस पैसे को अंतिम रूप से जमा कराया जाता है, जहां इसका इस्तेमाल सरकार अपने अनुसार कर सकती है.
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FIRST PUBLISHED :
September 20, 2024, 12:52 IST