रूस ने रातभर बरसाए यूक्रेन पर आग के गोले, 315 ड्रोन से दहला कीव और ओडेसा, निशाने पर आया Maternity हॉस्पिटल

1 day ago

Russia Drone Attack: रूस और यूक्रेन के बीच कई सालों से युद्ध चल रहा है. कई बार इस युद्ध को खत्म होने की बात आई लेकिन फिर भी ये चल रहा है. दोनों देश एक- दूसरे पर हमला कर रहे हैं. बीते दिन यूक्रेन रूस के कई एयरबेस के निशाना बनाया था. अब रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए हैं. ड्रोन ने राजधानी कीव और बंदरगाह शहर ओडेसा और एक प्रसूति अस्पताल को निशाना बनाया गया है. यह रूस के द्वारा किए गए अभी तक के सबसे बड़े हमलों में एक था. 

हमले के बाद बजा सायरन
हमले की वजह से इन शहरों के अधिकांश क्षेत्रों में सायरन बजने लगे और हवाई हमले की चेतावनी दी गई. कीव शहर के सैन्य प्रशासन के प्रमुख तैमूर तकाचेंको ने कहा कि हमले में ऊंची इमारतें, घर, कारें और गोदाम जलकर खाक हो गए. हम सभी के लिए एक कठिन रात थी. तकाचेंको के अनुसार, एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने कहा कि चार लोग घायल भी हुए. 

हमले के बाद क्या बोले जेलेंस्की
हमले के बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए जेलेंस्की ने लिखा कि रूस की मिसाइल और शाहेड हमलों ने रूस को शांति के लिए मजबूर करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया भर के अन्य लोगों के प्रयासों को दबा दिया. एक और रात के लिए, युद्ध विराम के बजाय, शाहेड ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ बड़े पैमाने पर हमले हुए, आज कीव पर सबसे बड़े हमलों में से एक था. ओडेसा, द्निप्रो क्षेत्र और चेर्निहाइव क्षेत्र को भी निशाना बनाया गया.

315 ड्रोन हमले
रूस ने हमले में 315 ड्रोन का इस्तेमाल किया, जिसमें 250 शाहेड और 7 मिसाइलें शामिल थीं, जिनमें से 2 उत्तर कोरियाई निर्मित बैलिस्टिक मिसाइलें थीं. आवासीय भवन और शहरी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा. ओडेसा में, एक प्रसूति अस्पताल भी रूस का लक्ष्य बन गया. तेरह लोग घायल हो गए. दुखद रूप से मौतें हुई हैं.

कार्रवाई की मांग
यह महत्वपूर्ण है कि इस और इसी तरह के अन्य रूसी हमलों का जवाब दुनिया की ओर से चुप्पी नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई हो. अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पास रूस को शांति के लिए मजबूर करने की शक्ति है. यूरोप की ओर से कार्रवाई हो. दुनिया भर के अन्य देशों की ओर से कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने कूटनीति और युद्ध को समाप्त करने का आह्वान किया है और जिन्हें रूस ने नज़रअंदाज़ किया है. शांति के लिए मज़बूत दबाव होना चाहिए. 

Read Full Article at Source