नई दिल्ली. भारतीय रेलवे यात्री टिकटों की कीमत या माल भाड़ा बढ़ाए बगैर राजस्व बढ़ाने का नायाब तरीका निकाल रखा है. इससे रेलवे मालामाल हो रहा है और यात्रियों की जेब से भी कुछ नहीं जा रहा है. इस तरीके में सोलर पैनल लगाकर बिजली की बचत और डीजल की बचत शामिल है. यह तरीका धीरे-धीरे सभी जोनों में लागू किया जा रहा है, जिससे रेलवे की कमाई बढ़ाई जा सके.
रेल मंत्रालय के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 में नवम्बर तक 36.25 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन हुआ, इससे 1.37 करोड़ के रेल राजस्व की बचत हुई.
इन स्टेशनों पर सोलर पैनल
लालकुआं एवं रामनगर स्टेशनों पर 50 केडब्ल्यूपी, टनकपुर पर 30 केडब्ल्यूपी, कासगंज एवं बदायूँ स्टेशनों पर 20 केडब्ल्यूपी, फर्रुखाबाद पर 15 केडब्ल्यूपी तथा कन्नौज, गंजडुण्डवारा, रावतपुर, मथुरा कैंट, पीलीभीत, फतेहगढ़, रुद्रपुर सिटी, हल्द्वानी, काठगोदाम एवं खटीमा स्टेशनों पर 10 केडब्ल्यूपी सहित 16 स्टेशनों पर 285 किलो वाट क्षमता के रूफ टॉप सोलर पैनल लगाये जा चुके हैं.
लखनऊ एवं वाराणसी मंडल के स्टेशनों पर रूफ टॉप सोलर पैनल लगाये जाने का काम चल रहा है. रेल कारखाना, गोरखपुर पर 500 केडब्ल्यूपी एवं इज्जतनगर लोको शेड पर 150 केडब्ल्यूपी सहित 02 सर्विस भवनों पर 650 किलो वाट क्षमता के रूफ टॉप सोलर पैनल लगाये गये हैं.
डीजल की खपत कम करने से फायदा
झांसी डिवीजन तक अप्रैल से नवंबर तक डीजल की खपत में कमी के माध्यम से 6.09 रुपये करोड़ की बचत की गई है. केवल नवंबर माह में हाई-स्पीड डीजल की खपत में कमी से 73.67 रुपये लाख का राजस्व बचाया गया. पिछले वर्ष की तुलना में, नवंबर 2024 में हाई-स्पीड डीजल की खपत 474 किलोलीटर रही, जबकि नवंबर 2023 में यह खपत 546 किलोलीटर थी. इस प्रकार, नवंबर में डीजल खपत में 13.18% की कमी दर्ज की गई है. डीजल खपत में कमी से कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई है, जो पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
December 17, 2024, 18:58 IST