Last Updated:September 07, 2025, 12:48 IST
Bihar Chunav: बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव का X पर किया गया पोस्ट नया सियासी संग्राम छेड़ दिया है. तेजस्वी का लालू यादव को सदी का 'भगवान' और 'भारत का नेल्सन मंडेला' कहने का असली मकसद आखिर क्या है? क्या बिह...और पढ़ें

पटना. तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू यादव को ‘भगवान’ और ‘भारत का नेल्सन मंडेला’ कह कर एक और नया सियासी बम फोड़ा है. बिहार चुनाव 2025 से पहले इस बयान की गूंज अब सुनाई देने लगी है. तेजस्वी यादव का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. तेजस्वी ने इस बयान के साथ-साथ यादव और कोइरी वोट बैंक को साधने के लिए भी एक बड़ा दांव खेला है. तेजस्वी ने कुशवाहा समाज के बड़े नेता जगदेव प्रसाद के हत्यारों को भी सत्ता से उखाड़ फेंकने की बात कही है. खास बात है कि जब जगदेव प्रसाद की हत्या हुई थी तो राज्य में कांग्रेस की सरकार थी. तेजस्वी ने लालू यादव का बीबीसी को दिया एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें लालू यादव बोल रहे हैं कि कर्पूरी, लोहिया और जगदेव प्रसाद उनके आदर्श थे. तेजस्वी का यह पोस्ट बिहार चुनाव से पहले एक नया सियासी चाल तो नहीं है? लालू यादव को ‘सदी का भगवान’ और भारत का नेल्सन मंडेला कहना कितना सही है?
हर बेटे को पिता में भगवान नजर आता है. लेकिन तेजस्वी यादव को अपने पिता लालू यादव में सदी का भगवान नजर आता है. बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी का यह बयान कई मायनों में खास है. सवाल यह नहीं है कि यह तुलना सही है या गलत, सवाल यह है कि इस तरह के ‘बड़े कलेजे’ वाले बयान आखिर तेजस्वी ने क्यों दिया और इस समय देने के मायने क्या है? क्या तेजस्वी को यादव वोट बैंक में सेंध लगने का डर सता रहा है? या फिर यह सिर्फ एक वोट बैंक को साधने का नया तरीका है?
यूं ही लालू जी को भारत का नेल्सन मंडेला नहीं कहा जाता है। बहुत बड़ा कलेजा चाहिए यह कहने के लिए।
इस सदी के भगवान हैं आदरणीय लालू जी।
हम बिहारवासी कसम खाते हैं कि बाबू जगदेव कुशवाहा जी के हत्यारों को सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे…!! pic.twitter.com/hGdhAP3EQc
‘लालू यादव सदी का भगवान’
जानकार कहते हैं, ‘लालू यादव बिहार की राजनीति में दशकों तक बेताज बादशाह के तौर पर राजनीति की. आज उनकी छवि चारा घोटाले और जंगलराज के आरोपों से घिरी हुई है. ऐसे में उन्हें ‘भगवान’ कहना या उनकी तुलना नेल्सन मंडेला से करना सिर्फ एक व्यंग्य बनकर रह जाता है. नेल्सन मंडेला ने रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ी. मंडेला ने अपनी जिंदगी के 27 साल जेल में बिताए, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी राजनीतिक यात्रा में भ्रष्टाचार का सहारा नहीं लिया. क्या लालू यादव की राजनीतिक यात्रा ऐसी है?’
भारत का नेल्सन मंडेला हैं लालू यादव?
लालू यादव ने लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और बाबू जगदेव प्रसाद को अपना आदर्श बताया है. यह बात भी कटाक्ष से भरी हुई है. लोहिया और कर्पूरी ने समाजवादी मूल्यों को आगे बढ़ाया. गरीबों और पिछड़ों के लिए काम किया, जबकि बाबू जगदेव कुशवाहा ने अपने जीवन का बलिदान किया. इन नेताओं ने कभी भी सत्ता को अपनी व्यक्तिगत संपत्ति नहीं समझा. खास बात यह कि लोहिया का परिवार राजनीति से कोसों दूर है. वहीं, लालू यादव के आदर्श कर्पूरी ठाकुर और जगदेव प्रसाद के बेटे आरजेडी से दूर हैं. जगदेव प्रसाद के बेटे नागमणी हाल ही में बीजेपी ज्वाइन किया है. वहीं कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर जेडीयू से पहले राज्यसभा सांसद थे अब मोदी-3 सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं.
तेजस्वी ने क्यों चली यह चाल?
इस पोस्ट का सबसे बड़ा और तीखा कटाक्ष जगदेव प्रसाद कुशवाहा के नाम पर है. तेजस्वी ने लिखा कि ‘बिहारवासी कसम खाते हैं कि बाबू जगदेव कुशवाहा के हत्यारों को सत्ता से उखाड़ फेकेंगे.’ यह बात भी बहुत ही हास्यास्पद है, क्योंकि जब 1974 में जगदेव प्रसाद की हत्या हुई थी, तब बिहार में कांग्रेस की सरकार थी. लालू यादव उस समय छात्र नेता थे और उन्होंने इस हत्याकांड पर कोई खास विरोध नहीं किया था. आज जब राजद और कांग्रेस का गठबंधन है और तेजस्वी यादव जगदेव प्रसाद के नाम पर वोट मांग रहे हैं. क्या यह दोहरा मापदंड नहीं है?
कुलमिलाकर तेजस्वी यादव पिछड़े वर्गों के वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए महान नेताओं का नाम ले रहे हैं. यह पोस्ट इतिहास को अपने स्वार्थ के लिए मोड़ने का एक प्रयास है. नेल्सन मंडेला या लोहिया, कर्पूरी और जगदेव प्रसाद जैसे नेताओं की तुलना किसी भी राजनेता से करना उनके आदर्शों का अपमान है.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
September 07, 2025, 12:48 IST