Viral News: दुनिया अनोखी-अनोखी जगह हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां को लेकर यह कहा जाए कि यहां मरने गैरकानूनी है? शायद नहीं सुना होगा, बल्कि मरने से संबंधित कुछ सुना होगा तो वो यह सुना होगा कि दुनिया की सबसे बड़ी सच्चाई मौत है. खैर आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको लेकर कहा जाता है कि यहा मरना गैरकानूनी है.
यह जगह है लॉन्गईयरब्येन (Longyearbyen), यह नॉर्वे के स्वालबार्ड (Svalbard) द्वीपसमूह में बसा हुआ एक छोटा-सा शहर है, जो आर्कटिक सर्कल के अंदर आता है. यह दुनिया की सबसे ठंडी और अनोखी जगहों में से एक है. अब जरा सोचिए – यहां एक ऐसा कानून है जो सुनकर अजीब लगेगा और वो कानून है कि यहां मरना गैरकानूनी है. आखिर ऐसा क्यों है? चलिए जानते हैं.
वायरस-बैक्टीरिया भी रह जाते हैं सुरक्षित
इसके पीछे की वजह है कि यह जगह इतनी ठंडी है कि यहां की जमीन हर वक्त जमी रहती है, जिसे परमाफ्रॉस्ट कहते हैं. ऐसे में अगर किसी भी मृत व्यक्ति को दफनाया जाएगा तो उसका शरीर सड़ नहीं पाएगा, या फिर नष्ट नहीं हो पाएगा, यह वर्षों तक वैसा का वैसा ही पड़ा रहता है. इतना ही नहीं यहां तक कि बीमारी फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया भी शरीर के साथ सुरक्षित रह जाते हैं.
कब्रिस्तानों को किया खत्म
हालांकि इसके कई नुकसान भी हैं. वैज्ञानिकों ने पुराने कब्रों से सैकड़ों साल पुराने वायरस पाए हैं, जो दोबारा जिंदा हो सकते हैं और लोगों को बीमार कर सकते हैं. जिसको देखते हुए नॉर्वे की सरकार ने एक 1950 में कानून बनाया है और वो कानून है कि यहां मरने वाले किसी भी व्यक्ति के शव को दफनाया नहीं जाएगा. इसके अलावा जो पुराने कब्रिस्तान थे उन्हें भी खत्म कर दिया गया है.
जाते हैं 2000 किलोमीटर दूर
सरकारी कानून के मुताबिक अगर कोई बहुत बीमार होता है या मरने की हालत में होता है, तो उसे इलाज के लिए नॉर्वे के मुख्य हिस्से (Mainland) भेज दिया जाता है जो कि लगभग 2000 किलोमीटर दूर है. अगर किसी की मौत अचानक हो जाए, तो उसे वहीं दाह-संस्कार (cremation) करके अस्थियां रखी जाती हैं लेकिन इसके लिए भी सरकार से स्पेशल परमिशन लेनी पड़ती है.