मणिपुर. मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष और हिंसा के बीच एक भयावह घटना सामने आई है. सोमवार को कथित कुकी समुदाय के लोकों ने तीन बच्चों और तीन महिलाओं के बंधक बना लिया था. तकरीबन 4 से 5 दिन के बाद असम के सिलचर जिले के मुर्दे घर में 2 बच्चों और 1 महिला के शव मिलने से हड़कंप मच गया. एनडीटीवी के हवाले बताया गया ये तीनों लाश उन्हीं लोगों की है, जिन्हें बधंक बनाया गया था. हालांकि, शवों की पहचान नहीं हो पाई है.
बताया जा रहा है कि जिनका अपहरण हुआ है वे मैतयी समुदाय के बताए जा रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लैशाराम हीरोजित नाम के शख्स, जो कि राज्य सरकार में निचले स्तर के कर्मचारी हैं, उनके परिवार के सदस्यों का अपहरण हुआ है. बताया जा रहा है कि हीरोजित के दो बच्चे, पत्नी, सास और पत्नी की बहन को उग्रवादियों ने बंधक बना लिया. परिजनों ने बताया कि उन्हें अभी तक शव नहीं मिले हैं.
सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसएमएचसी) की ओर बताया गया कि वहां पर मौजूद शवगृह में शवों पोस्टमार्टम नहीं हो पाती है. इसलिए तीनों शव को शाम 7 बजे शवगृह में लाया गया. यह शवगृह जिरीबाम से लगभग 50 किलोमीटर दूर है. अधिकारियों ने बताया कि कहा कि शहर में उचित बुनियादी ढांचे की कमी के कारण जिरीबाम में पाए गए शवों का पोस्टमार्टम एसएमएचसी में किया जाता है.
मणिपुर में हाल ही में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ कुकी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुआ था. सूत्रों ने बताया कि सोमवार को कुकी समर्थकों ने इलाके से मैतयी समुदाय के 6 लोगों का किडनैप कर लिया था. वहीं, कुकी के साथ मुठभेड़ में सेना ने 10 संदिग्ध उग्रवादियों मार गिराया है.
हीरोजित ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि उनकी पत्नी के एक दोस्त ने सोमवार को उन्हें हथियारबंद लोगों द्वारा नाव पर ले जाते हुए देखा था. उन्होंने कहा कि सोमवार को बोरोबेकरा में गोलीबारी और आगजनी होने पर उन्हें अपनी पत्नी का फोन आया था. कॉल डिस्कनेक्ट हो गई और जब उन्होंने वापस डायल किया, तो फोन बंद था.
उन्होंने कहा, ‘वह फोन पर रो रही थी. उसने कहा कि उन्हें बहुत सारे हथियारबंद लोगों ने घेर लिया है. कॉल डिस्कनेक्ट हो गई, जिसके बाद मैंने उसे वापस कॉल किया, लेकिन मोबाइल बंद था. मेरी सास का फोन भी बंद था. लगभग एक घंटे बाद- और हम कुछ समय से खोज रहे थे. मेरी पत्नी की एक बंगाली दोस्त ने हमें बताया कि उसने उन्हें नाव में ले जाते हुए देखा था.’ जिरीबाम के बोरोबेकरा में सीआरपीएफ कैंप और पुलिस स्टेशन बराक नदी से 1 किमी से भी कम दूरी पर हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 12:54 IST