Last Updated:September 06, 2025, 13:15 IST

ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की इस टीम ने तिहाड़ जेल का निरीक्षण किया है. यह दौरा विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों को भारत लाने की कोशिशों को अमली जामा पहनाने के लिए किया गया. यह दौरा इसलिए किया गया ताकि ब्रिटेन की अदालतों में यह साबित किया जा सके कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों को तिहाड़ जेल में सुरक्षित और बेहतर माहौल मिलेगा. दरअसल, हाल ही में ब्रिटेन की अदालतों ने तिहाड़ की स्थिति को लेकर कई मामलों में भारत की प्रत्यर्पण याचिकाएं खारिज की थीं.
इसी वजह से भारत सरकार ने ब्रिटेन को यह गारंटी भी दी है कि किसी भी आरोपी के साथ जेल में न तो मारपीट होगी और न ही होगी गैरकानूनी पूछताछ. भारत से भागे आर्थिक अपराधियों और फरारों को वापस लाने की कोशिशों में यह अहम कदम उठाया गया है. ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की टीम हाल ही में दिल्ली की तिहाड़ जेल पहुंची और वहां की सुविधाओं का जायज़ा लिया.
जानकारी के मुताबिक टीम तिहाड़ की हाई-सिक्योरिटी वार्ड तक गई और वहां मौजूद कैदियों से बातचीत भी की. अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़ने पर जेल परिसर में खास एन्क्लेव बनाया जाएगा, जहां विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल आरोपी सुरक्षित रह सकें. अभी तक भारत के 178 प्रत्यर्पण अनुरोध विदेशों में लंबित हैं, जिनमें से करीब 20 अकेले ब्रिटेन में फंसे हैं. इनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, हथियार कारोबारी संजय भंडारी और कई खालिस्तानी नेताओं के नाम शामिल हैं.
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First Published :
September 06, 2025, 13:15 IST