Last Updated:March 17, 2025, 14:34 IST
Indian Railway News: कांग्रेस ने भारतीय रेल की वित्तीय स्थिति को चिंताजनक बताते हुए इसे 'वेंटिलेटर' पर बताया और मित्रों को सौंपने की आशंका जताई. तृणमूल ने 'वंदे भारत' की आलोचना की.

कांग्रेस ने भारतीय रेल की वित्तीय स्थिति को चिंताजनक करार दिया. (सांकेतिक फोटो)
हाइलाइट्स
कांग्रेस ने रेलवे की वित्तीय स्थिति को चिंताजनक बताया.तृणमूल ने 'वंदे भारत' की आलोचना की.रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग.नई दिल्ली. कांग्रेस ने भारतीय रेल की वित्तीय स्थिति को चिंताजनक करार देते हुए सोमवार को दावा किया कि देश की यह जीवनरेखा आज ‘वेंटिलेटर’ पर है और ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसे ‘मित्रों के हवाले करने’ की तैयारी है.
लोकसभा में रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने यह दावा भी किया कि ‘वंदे भारत’ ट्रेन को दिखाकर रेलवे की गंभीर स्थिति को छिपाया नहीं जा सकता. उनका कहना था, ‘8.22 लाख करोड़ रुपये का बजट है जिसमें 2.55 लाख करोड़ रुपये भारत सरकार से मिला है, जबकि शेष रेल मंत्रालय का अपना राजस्व है. इससे पता चलता है कि रेल मंत्रालय अपने राजस्व से संचालित हो रही है.’
‘आईसीयू में वेंटिलेटर पर लाइफलाइन’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘रेल हमारी जीवनरेखा है. यह जीवनरेखा आईसीयू में भर्ती है और वेंटिलेटर पर है. यह काम इस सरकार ने किया है.’ उन्होंने कहा कि रेलवे की वित्तीय सेहत की चिंता करने की जरूरत है.
वर्षा ने दावा किया कि सरकार धीरे-धीरे सरकारी कंपनियों की हालत खराब कर रही है और फिर उसे अपने ‘मित्रों को’ बेच देती है. कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘क्या रेलवे भी आने वाले दिनों में मित्रों के हाथ में चला जाएगा? क्या ऐसा कोई षड्यंत्र तो नहीं है? ‘ उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘वक्त आता है तो रील बनाकर डालते हैं और जब दुर्घटना होती है तो चुप्पी साध लेते हैं.’
‘वंदे भारत ट्रेन की बिरयानी की तरह’
वहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद शताब्दी रॉय ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि ‘वंदे भारत ट्रेन की बिरयानी की तरह है’ जो उन लोगों के लिए बहुत बड़ी बात है जिन्हें रोटी, दाल और चावल भी नहीं मिल पाता है. उन्होंने ‘वर्ष 2025-26 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों’ पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि सरकार को रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.
शताब्दी रॉय ने कहा, ‘वंदे भारत बिरयानी की तरह है. जिस देश में लोग दाल, चावल और रोटी नहीं खा पाते हैं वहां बिरयानी बड़ी बात होती है.’ उनका कहना था कि ‘वंदे भारत’ बड़े लोगों के लिए है. रॉय ने कहा, ‘सरकार को वंदे भारत और बुलेट ट्रेन से ज्यादा ध्यान आम रेलगाड़ियों पर देना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय को इस पर ध्यान देना चाहिए कि दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं? तृणमूल कांग्रेस सांसद का कहना था कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 17, 2025, 14:34 IST