'वो हमें ले जाएंगे'..NRC-SIR के खौफ में शख्स ने की आत्महत्या, न्यूज देखकर...

7 hours ago

Last Updated:August 04, 2025, 11:26 IST

Bangladeshi Migrant Suicide: कोलकाता में एक 63 साल के बुजुर्ग ने NRC और डिपोर्ट होने के डर से फांसी लगाकर जान दे दी. वे 1972 में बांग्लादेश से आए थे.

'वो हमें ले जाएंगे'..NRC-SIR के खौफ में शख्स ने की आत्महत्या, न्यूज देखकर...63 साल के दिलीप कुमार साहा ने NRC-SIR को लेकर की आत्महत्या.

हाइलाइट्स

दिलीप साहा ने NRC के डर से फांसी लगाकर जान दे दी.वह 1972 में बांग्लादेश से भारत आए थे.ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी उन्हें एंजाइटी हो गई थी.

कोलकाता के बंसद्रोनी इलाके में एक 63 साल के बुज़ुर्ग दिलीप कुमार साहा ने फांसी लगाकर जान दे दी. दिलीप 1972 में अपने माता-पिता के साथ बांग्लादेश के नवाबगंज से पश्चिम बंगाल आए थे. रविवार सुबह उनका शव उनके घर में लटका मिला. परिवार का आरोप है कि वे NRC और SIR को लेकर बहुत परेशान थे, इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली.

NRC को लेकर थे बेहद डरे हुए
दिलीप साहा की पत्नी आरती ने बताया कि वो दिन-रात न्यूज चैनल देखते रहते थे. उन्हें लगातार डर रहता था कि “जब वो लोग आएंगे तो हमें पकड़कर ले जाएंगे.” वे कहते थे, “अगर मैं नहीं रहा तो तुम्हारा क्या होगा? वो तुम्हें वापस बांग्लादेश भेज देंगे, बंद कर देंगे…” उनकी पत्नी ने उन्हें कई बार समझाया कि ऐसा कुछ नहीं होगा, लेकिन वे नहीं मानते थे.

बेटे के कमरे में मिला शव
पुलिस के मुताबिक, रविवार सुबह करीब 7:40 बजे साहा का शव उनके बेटे के कमरे में मिला. वे पिछले तीन दिन से उसी कमरे में रह रहे थे, क्योंकि उनका बेटा और बहू ससुराल गए हुए थे. शनिवार रात उन्होंने खाना खाया और सोने चले गए.

पत्नी की आवाज पर नहीं दिया जवाब
सुबह जब उनकी पत्नी ने कई बार आवाज़ लगाई और कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने पास ही रहने वाली भतीजी पिंकी को बुलाया. पिंकी ने पड़ोसियों की मदद से कमरे का दरवाजा तोड़ा. अंदर जाकर देखा तो दिलीप साहा फांसी पर लटके हुए थे. इसके बाद पुलिस को तुरंत खबर दी गई.

आत्महत्या नोट में किसी को नहीं ठहराया दोषी
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें साहा ने किसी को अपनी मौत का जिम्मेदार नहीं ठहराया. उनका शव एम.आर. बंगुर अस्पताल भेजा गया है और एक अप्राकृतिक मौत का केस दर्ज किया गया है.

पहले से चल रही थी मानसिक परेशानी
स्थानीय लोगों और पुलिस का कहना है कि साहा पिछले कुछ सालों से मानसिक और न्यूरोलॉजिकल बीमारी से जूझ रहे थे. उनके डर और घबराहट के दौरे पहले भी देखे गए थे — चाहे वो ‘सिंदूर ऑपरेशन’ का वक्त हो या फिर रूस-यूक्रेन युद्ध का समय.

लालबाजार पुलिस ने बताया कि दिलीप साहा के किसी भी परिवार वाले के हाल ही में बांग्लादेश से आने की कोई जानकारी नहीं है. साथ ही अभी तक परिवार ने पुलिस को कोई लिखित शिकायत नहीं दी है.

Location :

Kolkata,West Bengal

First Published :

August 04, 2025, 11:26 IST

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