वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग की आलोचना की

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Last Updated:July 10, 2025, 21:07 IST

बिहार चुनावों से पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विवाद बढ़ रहा है. AAP ने BJP और चुनाव आयोग पर आरोप लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से पारदर्शिता की मांग की है. AAP ने तीन मांगें रखी हैं.

वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर आम आदमी पार्टी का चुनाव आयोग और बीजेपी पर बड़ा हमला

चुनाव आयोग (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

मतदाता सूची में गड़बड़ी करना बीजेपी का पुराना हथियार: अनुराग ढांडा'हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र और बिहार तक वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ का पैटर्न'सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग से विपक्ष के सवाल पूछे: अनुराग ढांडा

नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सीधे-सीधे गंभीर आरोप लगाए हैं. AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग ढांडा ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा कि “हर बार चुनाव से पहले बीजेपी मतदाता सूची से छेड़छाड़ करवाती है और चुनाव आयोग इसमें उसकी मदद करता है.” ढांडा ने दावा किया कि यह कोई नई रणनीति नहीं है. उन्होंने कहा, “हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में भी चुनावों से ठीक पहले इसी तरह से लाखों नाम काटे गए, फर्जी नाम जोड़े गए और जातिगत व क्षेत्रीय समीकरण बिगाड़े गए. यह एक सुनियोजित चुनावी साजिश है. अब यही खेल बिहार में भी दोहराया जा रहा है.”

सुप्रीम कोर्ट की फटकार और जनता की चिंता

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में पारदर्शिता क्यों नहीं है. इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और कई नागरिक समूह पहले से आवाज उठा रहे थे, लेकिन आयोग और केंद्र सरकार ने अब तक कोई ठोस जवाब नहीं दिया. अनुराग ढांडा का कहना है कि “ऐसे में सवाल उठता है कि क्या चुनाव आयोग वाकई स्वतंत्र है या राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है?”

चुनाव आयोग से AAP की तीन मांगें

आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग के सामने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:

-बिहार में चल रही विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को तत्काल रोका जाए.

-इस पूरी प्रक्रिया की स्वतंत्र और न्यायिक जांच करवाई जाए.

-सभी राजनीतिक दलों को पारदर्शी और समयबद्ध जानकारी दी जाए.

ढांडा ने चेताया कि “अगर चुनाव आयोग जनता का भरोसा खो देगा तो लोकतंत्र की नींव ही हिल जाएगी.”

‘यह सिर्फ विपक्ष की चिंता नहीं, जनता का भी मुद्दा’

AAP नेता का कहना है कि अब यह मामला सिर्फ राजनीतिक दलों का नहीं रह गया है. “जनता भी डर और असमंजस में है. क्या उसका नाम वोटर लिस्ट में रहेगा? क्या उसका वोट किसी और के नाम पर नहीं डाल दिया जाएगा? ऐसे सवाल लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं.”

अनुराग ढांडा ने अंत में कहा कि चुनाव आयोग को आत्ममंथन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह निष्पक्ष, पारदर्शी और जवाबदेह बना रहे. वरना भविष्य में देश की चुनावी प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में आ जाएगी.

गिरिराज सिंह का पलटवार

वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह पूरी तरह मुद्दाविहीन हो चुका है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण एक संवैधानिक प्रक्रिया है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं. गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि विपक्ष घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में शामिल करवाने की साजिश कर रहा है ताकि वोट बैंक तैयार किया जा सके. उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी और जनता विपक्ष की साजिशों को नकार देगी.

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