Last Updated:December 20, 2025, 11:05 IST
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बांग्लादेश के हालात पर गंभीर चिंता जताई है.Shashi Tharoor Warns On Bangladesh Anarchy: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने बांग्लादेश में बढ़ते राजनीतिक संकट पर कड़ी चेतावनी दी है. थरूर ने कहा कि बांग्लादेश में भीड़तंत्र हावी हो रहा है, जो न केवल वहां की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरा है, बल्कि पूरे क्षेत्र, खासकर भारत के लिए गंभीर क्षेत्रीय खतरा पैदा कर रहा है. थरूर ने अपने विस्तृत बयान में बांग्लादेश से आ रही हालिया रिपोर्टों पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता पर हो रहे हमलों को सीधा प्रहार बताया. प्रमुख मीडिया हाउसों जैसे प्रोथोम आलो और डेली स्टार के कार्यालयों में आगजनी और हमले की घटनाओं का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा कि पत्रकारों को अपने कार्यालय जलते देखकर जान बचाने के लिए हड़बड़ी में संदेश पोस्ट करने की स्थिति नहीं आनी चाहिए. भीड़तंत्र को किसी भी हाल में हावी नहीं होने दिया जा सकता.
एक अन्य गंभीर मुद्दे के रूप में थरूर ने खुलना और राजशाही स्थित भारतीय सहायक उच्चायोगों में वीजा सेवाओं के जबरन निलंबन को बड़ा झटका करार दिया. सुरक्षा कारणों से इन केंद्रों को बंद करना पड़ा, जिससे हजारों छात्र, मरीज और परिवार सीधे प्रभावित हो रहे हैं. थरूर ने अंतरिम सरकार से मांग की कि राजनयिक मिशनों को सुरक्षित क्षेत्र बनाए रखा जाए और लक्षित दूतावासों व वाणिज्य दूतावासों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की जाए.
अगले साल की 12 फरवरी को होने वाले प्रस्तावित राष्ट्रीय चुनावों के संदर्भ में थरूर ने मौजूदा हिंसा और असहिष्णुता के माहौल को लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत बताया. उन्होंने कहा कि यदि बांग्लादेश इस संक्रमण काल से लोकतांत्रिक स्वरूप के साथ बाहर निकलना चाहता है, तो भीड़तंत्र की जगह रचनात्मक संवाद को प्राथमिकता देनी होगी. इसके लिए अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस को स्वयं आगे आकर नेतृत्व करना चाहिए.
थरूर ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश में स्थिरता पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. भारत एक स्थिर, समृद्ध और शांतिपूर्ण पड़ोस चाहता है. बांग्लादेश में अस्थिरता का सीधा असर भारत की सुरक्षा, सीमा प्रबंधन और आर्थिक हितों पर पड़ता है. उन्होंने अंतरिम सरकार से तीन प्रमुख कदम उठाने की अपील की. पहला, पत्रकारों और मीडिया की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करना, दूसरा- भारतीय राजनयिक प्रतिष्ठानों की रक्षा करना तथा तीसरा- शांति बहाली के लिए ठोस प्रयास करना.
थरूर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल चरम पर है. मीडिया पर हमले, विरोध प्रदर्शन और अल्पसंख्यकों पर खतरे की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. संसदीय समिति की हालिया रिपोर्ट में भी बांग्लादेश को 1971 के बाद भारत के लिए सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती बताया गया है. अंत में थरूर ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में जल्द शांति बहाल होगी और लोगों की आवाज मतपेटी के माध्यम से सुनी जाएगी, न कि हिंसा और धमकियों से. उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे सुरक्षित वातावरण की कामना करते हैं जहां लोकतंत्र सही मायनों में फल-फूल सके.
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न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
First Published :
December 20, 2025, 11:05 IST

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