Awami League protest against Yunus: बांग्लादेश में इन दिनों सियासी हलचल तेज है. सोमवार को ढाका की सड़कों पर अवामी लीग के सैकड़ों कार्यकर्ता उतरे और अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी यूनुस को 'अवैध और फासीवादी' बता रहे थे और उनकी सरकार से तुरंत इस्तीफे की मांग कर रहे थे. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मुकदमों को 'दिखावटी' बताते हुए इन्हें रद्द करने की भी बात कही.
हसीना वापस आएंगी
अवामी लीग ने अपने सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन का वीडियो शेयर किया, जिसमें कार्यकर्ता शेख हसीना के समर्थन में मार्च करते दिखे. उनके हाथों में बैनर थे, जिन पर लिखा था, "हसीना वापस आएंगी." पार्टी का कहना है कि यूनुस की सरकार ने देश को बर्बाद कर दिया है. उनका दावा है कि पिछले कुछ महीनों में लोकतंत्र खत्म हो गया, अर्थव्यवस्था चौपट हो गई, शिक्षा व्यवस्था ठप पड़ गई और न्यायपालिका सरकार की कठपुतली बन गई. अवामी लीग इन कठिन समय में लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र ताकत है."
लड़ाई शुरू हो चुकी है
पार्टी ने कहा, "आवामी लीग ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो स्वतंत्रता संग्राम की चेतना में विश्वास करती है, धर्मनिरपेक्षता की रक्षा करती है और देश के विकास को आगे ले जा सकती है. अन्य लोग सिर्फ राष्ट्रविरोधी साजिश में व्यस्त हैं. लड़ाई शुरू हो चुकी है और अब पीछे मुड़ने का कोई रास्ता नहीं है. आज का कार्यक्रम सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है. यह एक क्रांति की शुरुआत है. पूरा देश अब इस कार्यक्रम को देख रहा है. आवामी लीग का हर जुलूस एक चिंगारी की तरह है, जो एक दिन आग में फैल जाएगी. पूरे देश में अवैध सरकार के गिरने तक संघर्ष जारी रहेगा."
लोग "लुटेरों, भ्रष्ट, यूनुस सरकार" का कुशासन नहीं चाहते
पार्टी ने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश के लोग "लुटेरों, भ्रष्ट, यूनुस सरकार" का कुशासन नहीं चाहते हैं. बताया गया कि सोमवार को सड़कों पर हुए विरोध प्रदर्शन ने एक संदेश दिया कि "आवामी लीग का मतलब देश को बचाने की ताकत है." अवामी लीग के अनुसार, अगस्त 2024 में सत्ता संभालने के बाद से यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत आम लोग पीड़ित हैं. अवामी लीग द्वारा आम लोगों की पीड़ा को उजागर करने और यूनुस शासन के तहत उनकी पीड़ा को दिखाने के लिए एक वीडियो पोस्ट किया गया. इसमें एक रिक्शा चालक कहता है, "मैं यूनुस के शासन में रिक्शा चलाने से डरता हूं. पुलिस हमें हिरासत में ले लेती है और पैसे लिए बिना नहीं छोड़ती. अगर अवामी लीग होती, तो कम से कम मैं भूखा नहीं मरता." (इनपुट आईएएनएस से भी)