इटली के पाइडमॉन्ट के घने पहाड़ों में एक ऐसी कहानी सामने आई है जिससे इटली ही नहीं पूरी दुनिया हैरान है. करीब एक साल पहले लापता हुए 64 साल के डॉक्टर निकोला इवाल्डो का शव आखिरकार मिल गया है. कई महीनों तक खोजबीन के बाद जब कोई तरीका काम नहीं आया तो थक हार कर एआई का उपयोग किया गया. इसके बाद जो हुआ हर कोई हैरान है.
एनडीटीवी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से इटली के पीडमोंट क्षेत्र में लगभग एक साल पहले लापता हुए एक हाइकर के शव का पता लगाने में मदद मिली है. नेशनल एल्पाइन एंड स्पेलोलॉजिकल रेस्क्यू कॉर्प्स (CNSAS) ने 64 साल के लिगुरियन डॉक्टर निकोला इवाल्डो का शव खोजने के लिए AI पर भरोसा किया.
वायर्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, CNSAS के ड्रोन पायलट सेवेरियो इसोला ने अपने सहयोगी जियोर्जियो वियाना के साथ मिलकर 29 जुलाई को दो ड्रोनों का उपयोग करके इस अभियान को अंजाम दिया, जिन्होंने पांच घंटे के भीतर विशाल पहाड़ी क्षेत्र की तस्वीरें खींचीं. इसके बाद, इन तस्वीरों को AI सिस्टम में डाला गया, जिसने तुरंत कुछ 'संदिग्ध जगहों' को चिह्नित किया गया. सवेरो ने बताया, "AI ने तस्वीरों में कुछ अलग रंग के पिक्सल पकड़े, जो हमें संदेहास्पद लगे."
बारिश और कोहरे ने ऑपरेशन में थोड़ी देरी की, लेकिन AI ने आखिरकार निकोला के हेलमेट को ढूंढ निकाला. हेलमेट का रंग पहाड़ों की विशालता में एक छोटा सा निशान था, जिसे इंसानी आंखों से ढूंढना मुश्किल था. सवेरो ने कहा, "हम सुबह 4 बजे उठे और उस जगह पहुंचे जहां लाल पिक्सल दिखे थे. ड्रोन से पुष्टि हुई कि ये हेलमेट ही था." इसके बाद तस्वीरें और जरूरी जानकारी रेस्क्यू सेंटर को भेजी गई. फिर फायर ब्रिगेड के हेलीकॉप्टर ने 31 जुलाई की सुबह निकोला के शव को बरामद किया.
तकनीक का कमाल
इस पूरे ऑपरेशन में 72 घंटे से भी कम समय लगा. अगर इंसान इन तस्वीरों का विश्लेषण करता, तो इसमें हफ्तों या महीनों लग सकते थे. सवेरो ने कहा, "ये इंसानी मेहनत की जीत है, लेकिन बिना तकनीक के ये मिशन असंभव था. ये हमारी टीम की सफलता है."