Last Updated:December 26, 2025, 20:20 IST
सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हर्बल टी हर किसी के लिए सही नहीं है, जिन लोगों को पहले से लिवर की समस्या है उन्हें इससे बचना चाहिए, ऐसा पेट और लिवर के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है. सोशल मीडिया पर चल रहे ने नेचुरल डिटॉक्स ट्रेंड से लिवर की बीमारी वाले लोगों को गंभीर नुकसान हो सकता है. इन्हीं में से एक है 'हर्बल डिटॉक्स टी'.
जानिए, लिवर को कैसे नुकसान पहुंचा सकती है हर्बल टी. (AI)सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हर्बल टी हर किसी के लिए सही नहीं है, जिन लोगों को पहले से लिवर की समस्या है उन्हें इससे बचना चाहिए, ऐसा पेट और लिवर के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है. सोशल मीडिया पर चल रहे नेचुरल डिटॉक्स ट्रेंड से लिवर की बीमारी वाले लोगों को गंभीर नुकसान हो सकता है, ऐसा अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया है. सोशल मीडिया पर सेहतमंद और नेचुरल के नाम पर कई बातें शेयर की जाती हैं. इन्हीं में से एक है ‘हर्बल डिटॉक्स टी’. इसे नेचुरल तरीके से शरीर को साफ करने के लिए प्रचारित किया जाता है और वजन कम करने, लिवर डिटॉक्स, बॉडी डिटॉक्स जैसे नामों से यह अरबों डॉलर का बाजार बन गया है. लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये नेचुरल उपाय कई लोगों के लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो, बिना कंट्रोल के हर्बल मिक्सचर से लिवर को गंभीर चोट, फेलियर और कई बार ट्रांसप्लांट तक की जरूरत पड़ सकती है.
अपोलो अस्पताल के डॉक्टर सुदीप कन्ना बताते हैं कि लिवर शरीर का नेचुरल और सबसे असरदार डिटॉक्स अंग है. बहुत से लोग अपने शरीर को ‘साफ’ करने के लिए हर्बल डिटॉक्स टी पीते हैं. ये जल्दी असर का वादा करती हैं, लेकिन इनमें छुपे टॉक्सिन्स और बिना रेगुलेशन के मिक्सचर लिवर की बीमारी को और बढ़ा सकते हैं. फैटी लिवर, हेपेटाइटिस या सिरोसिस जैसी बीमारियों में ये हर्बल टी जल्दी लिवर फेलियर का कारण बन सकती है. लिवर खुद ही डिटॉक्स के लिए बना है, इसलिए बाहर से किसी ‘डिटॉक्स टी’ की जरूरत नहीं है.
हर्बल डिटॉक्स टी से लिवर को नुकसान पहुंचने वाले 5 कारण
1. जहरीले केमिकल्स: कई हर्बल टी में पाए जाने वाले पाइरोलिजिडिन एल्कलॉइड्स जैसे केमिकल्स सीधे लिवर सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
2. ज्यादा कंसन्ट्रेटेड जूस: डिटॉक्स टी में डाले गए ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट्स अगर लिमिट से ज्यादा हों तो खतरनाक हो सकते हैं.
3. बिना कंट्रोल के हर्बल मिक्सचर: बिना सेफ्टी टेस्ट के कई तरह की जड़ी-बूटियां एक साथ मिला दी जाती हैं, जिससे पित्त का फ्लो रुक सकता है.
4. कमजोर लिवर पर ज्यादा दबाव: लैक्सेटिव या डाइयूरेटिक असर वाली टी से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है, जिससे लिवर पर और दबाव पड़ता है.
5. कोई साबित फायदा नहीं: डिटॉक्स टी के लिवर को ठीक करने के कोई साइंटिफिक सबूत नहीं हैं. सिरोसिस जैसी बीमारियों में असली फायदा सिर्फ मेडिकल डाइट और दवाओं से ही होता है.
एक्सपर्ट की सलाह: मुंबई के एसएल रहेजा अस्पताल की न्यूट्रिशनिस्ट राजेश्वरी वी. शेट्टी कहती हैं कि हर्बल का मतलब सेफ है, ये मानना ही सबसे बड़ी गलती है. इनमें से कई बिना टेस्ट के आती हैं, कुछ में हैवी मेटल्स या लेबल पर न लिखे केमिकल्स भी हो सकते हैं.
इन लोगों को हर्बल चीजों से बचना चाहिए
लिवर की बीमारी वाले लोगों को इन हर्बल चीजों से बचना चाहिए: ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट्स, अश्वगंधा, कावा, एलोवेरा टी, सना, कैमोमाइल. एक्सपर्ट्स की एक राय है कि लिवर की सुरक्षा सोशल मीडिया ट्रेंड से नहीं, बल्कि मेडिकल डाइट और सही इलाज से ही संभव है. जो चीज एक हेल्दी इंसान के लिए ठीक है, वही लिवर की बीमारी वाले के लिए खतरनाक हो सकती है. इसलिए कोई भी हर्बल या सप्लीमेंट लेने से पहले, खासकर अगर आप लंबे समय से दवाएं ले रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
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ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क...और पढ़ें
First Published :
December 26, 2025, 20:20 IST

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