Last Updated:November 27, 2025, 08:29 IST
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त( सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है. उन पर तरह तरह के आरोप तक लगाए गए, उन्हीं ज्ञानेश कुमार अब दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित चुनावी संस्था इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस की कमान संभालने जा रहे हैं.
ज्ञानेश कुमार 3 दिसंबर को संभालेंगे पदभार.नई दिल्ली. भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त( सीईसी) ज्ञानेश कुमार पर विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है. उन पर तरह तरह के आरोप तक लगाए गए, उन्हीं ज्ञानेश कुमार अब दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित चुनावी संस्था की कमान संभालने जा रहे हैं. 3 दिसंबर को वे स्टॉकहोम में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (IIDEA) के चेयरमैन का पदभार ग्रहण करेंगे. पूरा 2026 साल वे इस संस्था की अध्यक्षता करेंगे.
भारत आईआईडीईए के संस्थापक सदस्यों में से एक है. मौजूदा समय इसके 35 सदस्य देश हैं. अमेरिका और जापान पर्यवेक्षक हैं. दुनिया भर में निष्पक्ष और मजबूत चुनाव कराने के लिए यह सबसे बड़ा मंच माना जाता है. अभी तक यह पद स्विट्जरलैंड के पास था था, अब बारी भारत की है. चुनाव आयोग ने इसे ‘भारत के चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और इनोवेशन की ग्लोबल मान्यता’ बताया है.
आयोग का कहना है कि ज्ञानेश कुमार भारत के 90 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं वाले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के अनुभव को इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर लेकर जाएंगे. वे चुनावी सुधारों, तकनीक के इस्तेमाल और निष्पक्षता के नए मानक तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे.
विपक्ष लगातार उठा रहा है सवाल
पिछले कई महीनों से कांग्रेस, तृणमूल, सपा समेत तमाम विपक्षी दल ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी, विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसआईआर) में धांधली और ईवीएम को लेकर आरोप लगा रहे हैं. विपक्ष का दावा है कि कुछ राज्यों में लाखों वोटरों के नाम काटे जा रहे हैं और नए नाम जोड़े नहीं जा रहे.
3 दिसंबर को संभालेंगे पदभार
अब जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठीक वही चुनाव आयुक्त और वही संस्था को दुनिया की सबसे विश्वसनीय चुनावी संस्थाओं में से एक का तमगा मिल रहा है, तो विपक्ष के लिए यह जवाब बन गया है. चुनाव आयोग ने बयान में कहा कि यह सम्मान भारत के हर मतदाता और चुनाव कर्मी का है. हम ज्ञान, अनुभव और तकनीक साझा करके दुनिया के लोकतंत्र को और मजबूत करेंगे. 3 दिसंबर को स्टॉकहोम में होने वाले समारोह में ज्ञानेश कुमार औपचारिक रूप से कुर्सी संभालेंगे.
क्या है यह संस्था
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (IIDEA) दुनिया का सबसे बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है जो लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव को मजबूत करने के लिए काम करता है. इसकी स्थापना फरवरी 1995 में स्वीडन के स्टॉकहोम में हुई थी. भारत इसके 35 संस्थापक सदस्य देशों में से एक है. IIDEA चुनाव कराने वाली संस्थाओं संविधान विशेषज्ञों और लोकतंत्र से जुड़े लोगों को एक मंच देता है. यह चुनावी रिसर्च, ट्रेनिंग, तकनीकी मदद और बेस्ट प्रैक्टिस शेयर करता है. हर साल इसके सदस्य देश एक चेयरमैन और दो वाइस-चेयर चुनते हैं.
Sharad Pandeyविशेष संवाददाता
करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...और पढ़ें
करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...
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Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
November 27, 2025, 08:21 IST

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