सीट शेयरिंग विवाद के बीच चिराग और PM मोदी के रिश्ते में दरार की कितनी गुंजाइश?

17 hours ago

पटना. एनडीए में एक ओर जहां सीट शेयरिंग को लेकर चिराग पासवान की नाराजगी की खबरें मीडिया की सुर्खियों में हैं, वहीं सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या चिराग पासवान राजनीतिक हिसाब-किताब में पीएम मोदी का साथ छोड़ देंगे? सवाल बड़ा है क्योंकि चिराग पासवान ने साफ-साफ कहा है कि एनडीए में सीट शेयरिंग की बात अभी शुरुआती दौर में ही है. जाहिर है चिराग के तल्ख तेवर और एनडीए के भीतर तकरार की बातें अब सरेआम हैं. लेकिन बात पीएम मोदी के साथ को लेकर है. खुद को पीएम मोदी का हनुमान कहने वाले क्या टीम मोदी से अलग हो जाएंगे. तो इसको लेकर राजनीति के जानकार कुछ अलग नजरिये से बात कहते हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान का रिश्ता वास्तव में बिहार की राजनीति में एक अनोखा उदाहरण है जो किसी एक झटके से कमजोर पड़ जाएगा ऐसा कहना अतिशियोक्ति होगी. दरअसल, पीएम मोदी और चिराग पासवान के बीच का यह रिश्ता सत्ता की राजनीति से परे स्नेह, भरोसे और सम्मान पर आधारित है. क्योंकि चिराग पासवान ने कई बार पीएम मोदी की प्रशंसा की है और उन्हें अपने दिल में बसा हुआ बताया है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार चिराग पासवान की तारीफ सार्वजनिक तौर पर की है.

जानकार कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान का संबंध इस परंपरा, प्रथा और प्रचलन से अलग है. यह रिश्ता सत्ता की राजनीति से ज्या स्नेह, भरोसे और सम्मान की नींव पर खड़ा है. जब पिता रामविलास पासवान का साया सिर से उठ गया तब पीएम मोदी ने न केवल चिराग पासवान को संभाला, बल्कि उन्हें परिवार जैसा अपनापन दिया. यही कारण है कि बिहार की राजनीति में यह रिश्ता अब ‘राजनीतिक गठजोड़’ से कहीं आगे की कहानी बन चुका है.

पीएम मोदी छत्रछाया में आगे बढ़ते चिराग!

एक बार तो उन्होंने चिराग पासवान को अपने बेटे जैसा बता दिया. इसके अतिरिक्त एक बार चिराग पासवान ने उनके सांसद होने की तारीफ की. उन्होंने शुरुआती दिनों में ही चिराग की संसद में उपस्थिति में कुछ खास देखने की बात भी कही थी. पीएम मोदी की तारीफ करते हुए चिराग पासवान कहते हैं कि जब पिता रामविलास पासवान का साया उनके सिर से उठ गया तो पीएम मोदी ने उन्हें अपनी छत्रछाया दी. इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान हाजीपुर की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिराग पासवान की खुले मंच से तारीफ की थी. पीएम मोदी ने कहा था- ”जब चिराग पहली बार संसद में आए, तो मुझे लगा यह रामविलास जी के बेटे हैं, लेकिन इनमें रत्तीभर भी घमंड नहीं है. ये बिहार का भविष्य हैं.” पीएम मोदी का यह बयान सिर्फ एक नेता की प्रशंसा भर नहीं थी, बल्कि उस भावनात्मक जुड़ाव का संकेत था जो पीएम मोदी और रामविलास पासवान के बीच कभी था और अब चिराग पासवान के साथ कायम है.

बीजेपी नेताओं की उपस्थिति में चिराग पासवान को दुलारते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

रामविलास पासवान के निधन के बाद स्नेह का सहारा

8 अक्टूबर 2020 को जब रामविलास पासवान का निधन हुआ तब पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा- ”रामविलास जी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी छाप हमेशा बनी रहेगी”. अंतिम संस्कार में पीएम मोदी की उपस्थिति और सहयोग ने चिराग पासवान को भावनात्मक संबल दिया. बाद में चिराग पासवान ने कहा था, ”जिस तरह पिताजी के जाने के बाद पीएम मोदी जी ने मेरा हाथ थामा वह मेरे लिए पिता तुल्य आशीर्वाद जैसा था.”

पीएम मोदी को आदर्श मानते हैं चिराग पासवान

पिछले साल पीएम मोदी के सार्वजनिक जीवन के 23 वर्ष पूरे होने पर पटना में चिराग ने कहा- ”मेरे पिता के बाद यदि किसी को मैं आदर्श मानता हूं तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं.”उन्होंने आगे कहा, ”उन्होंने मुझे राजनीति में वह दिशा दी जो पिता दिया करते थे”. राजनीति के जानकारों का मानना है कि चिराग पासवान का यह बयान सिर्फ़ व्यक्तिगत भावनाएं नहीं, बल्कि एनडीए की एकजुटता का मजबूत संकेत भी है.

चिराग पासवान के खास बयान

“मेरे पीएम मेरे दिल में बसे हैं… चाहे तो मैं दिल चीर के दिखा दूंगा” “मैं अपने पिता की तरह मंत्री पद को लात मारने में संकोच नहीं करूंगा” “मेरा पीएम मोदी के साथ रिश्ता सत्ता की राजनीति से परे है”

पीएम मोदी के बयान

“जब चिराग पहली बार संसद में आए, तो मुझे लगा यह रामविलास जी के बेटे हैं, लेकिन इनमें रत्तीभर भी घमंड नहीं है. ये बिहार का भविष्य हैं”  चिराग पासवान की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह अपने काम से लोगों का दिल जीत रहे हैं

एनडीए बैठक में भावनात्मक पल

लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए की संसदीय दल बैठक में जब नरेंद्र मोदी को नेता चुना गया, तब चिराग पासवान ने उनके पैर छुए और गले लगाया. पीएम मोदी ने उनके सिर पर हाथ रखा और मुस्कुराकर कहा- “‘रामविलास जी को आप पर गर्व होता”. यह दृश्य केवल राजनीतिक नहीं था, बल्कि ‘पिता-पुत्र’ जैसा अपनापन दिखाने वाला क्षण था. बाद में चिराग ने कहा- पीएम मोदी जी का आशीर्वाद मेरे लिए पिता के प्यार जैसा है”.

भावनाओं में बुना राजनीतिक भरोसा

रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि पर पीएम मोदी ने चिराग पासवान को एक पत्र लिखा था जिसमें लिखा- मैं उन्हें मित्र नहीं, परिवार का सदस्य मानता था. इस पत्र ने चिराग को भावनात्मक बल दिया. आज यही रिश्ता एनडीए में भरोसे का आधार है. बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा-लोजपा (रामविलास) के बीच तालमेल इसी रिश्ते की मजबूती पर टिका है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रामविलास पासवान के बीच बेहद खास रिश्ता बन गया था.

राजनीतिक महत्वाकांक्षा और सवाल

राजनीतिक दृष्टि से चिराग पासवान का एनडीए में स्थान बेहद अहम है. दलित वोट बैंक में उनकी पकड़ और मोदी के समर्थन ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी है. 2024 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी (रामविलास) के शानदार प्रदर्शन और केंद्र में मंत्री पद मिलने से यह साफ है कि पीएम मोदी और चिराग पासवान का यह रिश्ता राजनीतिक रूप से भी सफल रहा है. बिहार में आगामी चुनावों में यह ‘भावनात्मक गठजोड़’ एनडीए की रणनीति की सबसे मजबूत कड़ी बन सकती है.

सम्मान और विश्वास का प्रतीक यह रिश्ता

जानकार बताते हैं कि पीएम मोदी और चिराग पासवान का रिश्ता राजनीति की परंपरागत सीमाओं से परे है. यह संबंध न केवल दलित राजनीति के लिए प्रेरणास्रोत है बल्कि बिहार में गठबंधन राजनीति का नया अध्याय भी है. रामविलास पासवान की विरासत को मोदी ने सम्मान दिया और चिराग को आगे बढ़ने का आत्मविश्वास. यह कहानी सत्ता की नहीं, संबंधों की है- जहां ‘पिता की विरासत’ और ‘पुत्र का भविष्य’ एक ही छत्रछाया में आगे बढ़ रहा है. यह रिश्ता दोनों नेताओं के बीच आपसी सम्मान और विश्वास का प्रतीक है.

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