Last Updated:December 27, 2025, 16:51 IST
Sukesh Chandrasekhar News: महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने 200 करोड़ की रंगदारी केस में शिकायतकर्ता अदिति सिंह को 217 करोड़ रुपए लौटाने की पेशकश की है. पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल आवेदन में सुकेश ने साफ किया कि पैसे लौटाने का मतलब अपराध स्वीकार करना नहीं है. सवाल है कि आखिर सुकेश का यह मास्टर स्ट्रोक है या कानून से बचने की मजबूरी.
200 करोड़ की ठगी केस में सुकेश चंद्रशेखर ने अदिति सिंह को 217 करोड़ लौटाने की पेशकश की. (फाइल फोटो PTI)नई दिल्ली: तिहाड़ जेल से चल रहे देश के सबसे बड़े ठगी नेटवर्क के आरोपी महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने एक बार फिर ऐसा दांव चला है. इस नए दांव ने कानूनी गलियारों से लेकर सियासी और कारोबारी हलकों तक हलचल मचा दी है. 200 करोड़ रुपए की रंगदारी के मामले में सुकेश ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आवेदन दाखिल कर 217 करोड़ रुपए लौटाने की पेशकश की है. सवाल उठ रहा है कि क्या यह एक सोचा-समझा मास्टर स्ट्रोक है या फिर कानून के शिकंजे से निकलने की मजबूरी?
सुकेश का यह कदम इसलिए भी अहम है क्योंकि उसने साफ शब्दों में कहा है कि पैसे लौटाने की पेशकश को अपराध स्वीकार करना न माना जाए. यानी वह रकम देने को तैयार है लेकिन खुद को दोषी नहीं मान रहा. यही लाइन इस पूरे मामले को कानूनी तौर पर बेहद पेचीदा बना रही है.
क्या है पूरा मामला?
महाठग सुकेश चंद्रशेखर पर आरोप है कि उसने तिहाड़ जेल में रहते हुए 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी और जबरन वसूली को अंजाम दिया. इस मामले की शिकायत रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र मोहन की पत्नी अदिति सिंह ने दर्ज कराई थी. FIR के मुताबिक यह ठगी 2020-21 के दौरान हुई जब शिवेंद्र मोहन जेल में बंद थे.
कैसे रचा गया ठगी का जाल?
जांच एजेंसियों के मुताबिक सुकेश ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय का फर्जी अधिकारी बताकर लोगों को जाल में फंसाया. स्पूफिंग और फर्जी कॉल्स के जरिए उसने भरोसा दिलाया कि सरकार की तरफ से मदद की जा रही है और इसके बदले मोटी रकम की मांग की गई.
FIR में लगे गंभीर आरोप
शिकायत के अनुसार पहले एक महिला ने कॉल कर कहा कि कानून मंत्रालय के सचिव अनूप कुमार बात करेंगे. इसके बाद कॉल आया और कहा गया कि सरकार कोरोना काल में सहयोग चाहती है और शिवेंद्र मोहन की रिहाई में मदद होगी. एक कॉल में तो दावा किया गया कि स्पीकर पर गृह मंत्री अमित शाह मौजूद हैं. बाद में ट्रू कॉलर पर नंबर पीएमओ सलाहकार पीके मिश्रा के नाम से दिखा, जिससे शक की गुंजाइश ही नहीं बची.
झूठे भरोसे और डर का खेल
सुकेश के नेटवर्क ने अदिति सिंह को यह भरोसा दिलाया कि:
उनके पति की रिहाई कराई जा सकती है. सरकार के सीनियर अधिकारी खुद निगरानी कर रहे हैं. खुफिया एजेंसियां इस पूरे ऑपरेशन पर नजर रखे हुए हैं. इस बात को सार्वजनिक न किया जाए. इन्हीं दावों के आधार पर करोड़ों रुपए की वसूली की गई.217 करोड़ लौटाने की पेशकश क्यों?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि सुकेश ने 217 करोड़ रुपए लौटाने की पेशकश आखिर क्यों की? कानूनी जानकारों का मानना है कि यह एक रणनीतिक कदम हो सकता है. कई मामलों में आरोपी मुआवजा देकर अदालत में यह दलील देते हैं कि उनका मकसद विवाद खत्म करना है, न कि अपराध स्वीकार करना.
मास्टर स्ट्रोक या कानूनी मजबूरी?
सुकेश ने अपने आवेदन में यह भी लिखा है कि यह पेशकश उसके कानूनी अधिकारों को नुकसान पहुंचाए बिना की जा रही है. यानी वह भविष्य में यह तर्क दे सकता है कि रकम लौटाने को अपराध कबूल करना न माना जाए. यह दांव आगे चलकर जमानत, सजा या ट्रायल की दिशा को प्रभावित कर सकता है.
आगे क्या?
फिलहाल अदालत को तय करना है कि इस पेशकश को कानूनी राहत के रूप में देखा जाए या सिर्फ एक चाल माना जाए. जांच एजेंसियां पहले ही सुकेश के नेटवर्क, पैसों की ट्रेल और फर्जी पहचान के इस्तेमाल की जांच कर रही हैं. यह मामला आने वाले वक्त में देश के सबसे चर्चित आर्थिक अपराध मामलों में से एक बना रह सकता है.
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सुमित कुमार News18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. वे पिछले 3 साल से यहां सेंट्रल डेस्क टीम से जुड़े हुए हैं. उनके पास जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री है. News18 हिंदी में काम करने से पहले, उन्ह...और पढ़ें
First Published :
December 27, 2025, 16:49 IST

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