Tilkut Recipe: जैसे ही ठंड का मौसम शुरू होता है, पलामू जिले में तिलकुट और लाई की मांग बढ़ जाती है. दिसंबर में बाजारों में खासा रौनक देखने को मिलती है. जगह-जगह तिलकुट बनते हुए दिखाई देते हैं. जिसकी खुशबू दूर-दूर तक लोगों को अपनी ओर खींचती है. तिलकुट मुख्य रूप से तिल और गुड़ से बनता है. इसमें किसी प्रकार की मिलावट नहीं की जाती. हालांकि सामग्री कम होती है, लेकिन इसे बनाने की प्रक्रिया लंबी और मेहनत भरी होती है. सही तापमान और समय पर इसे तैयार करना कारीगरों का खास हुनर होता है. शहर बाजार में तिलकुट की दुकानों पर भारी भीड़ रहती है. मेदिनीनगर में 30 साल पुरानी अनूप तिलकुट भंडार में रोजाना 50 से 70 किलो तक तिलकुट बिकता है. इसके अलावा बादाम पट्टी, तिलवा और लाई की भी अच्छी मांग रहती है. स्पेशल तिलकुट नरम और स्वादिष्ट होता है. जिसे बच्चे, बुजुर्ग और बिना दांत वाले लोग भी आसानी से खा सकते हैं. गुड़ और चीनी से बनने के कारण इसका स्वाद लाजवाब होता है. अब पलामू का तिलकुट सिर्फ स्थानीय बाजार तक सीमित नहीं, बल्कि आसपास के जिलों तक इसकी मांग फैल गई है. सर्दी में यह पारंपरिक मिठाई लोगों की पहली पसंद बन चुकी है.
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2 hours ago

