ह‍िन्‍दू अध‍िकारों पर फैसला देने वाले जज स्‍वामिनाथन पर महाभ‍ियोग का प्रस्‍ताव

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Last Updated:December 09, 2025, 15:52 IST

संसद में मंदिर-दरगाह विवाद ने बड़ा मोड़ ले लिया है. जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के दीपथून आदेश को आधार बनाते हुए 100 विपक्षी सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग की अर्जी दी है. विपक्ष का आरोप है कि अदालत का निर्देश धार्मिक तनाव बढ़ाने वाला था और संवैधानिक सीमाओं से परे था. तमिलनाडु सरकार पहले ही कानून-व्यवस्था का हवाला देकर आदेश मानने से इनकार कर चुकी है. अब मामला संसद, न्यायपालिका और राज्य सरकार तीनों के बीच टकराव का रूप ले चुका है.

ह‍िन्‍दू अध‍िकारों पर फैसला देने वाले जज स्‍वामिनाथन पर महाभ‍ियोग का प्रस्‍तावजज ने हिन्‍दुओं के पक्ष में दिया था फैसला.

नई दिल्‍ली. मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कई विपक्षी सांसदों ने महाभियोग यानी इंपीचमेंट प्रस्ताव लाने जा रही है. यह कदम न्यायाधीश स्वामीनाथन द्वारा दिए गए एक आदेश को लेकर उठाया जा रहा है. जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने 4 दिसंबर को एक मंदिर और दरगाह से जुड़े मामले में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया था. उन्होंने सुब्रमनिया स्वामी मंदिर के अधिकारियों को दूसरे पक्ष के विरोध के बावजूद दीपथून (Deepathoon) पर शाम 6 बजे तक दीपक जलाने का आदेश दिया था.इस आदेश के बाद तमिलनाडु सरकार काफी भड़क गई थी और आदेश मानने से ही इनकार कर दिया.
इस स्थान पर दीपक जलाने का विरोध किया गया था.

मंदिर के अधिकार की पुष्टि
विरोध का कारण इसकी सिकंदर बादशाह दरगाह से निकटता थी. इसके अलावा कार्तिकई दीपम आमतौर पर पहाड़ी पर स्थित उचिपेल्लैयार मंदिर के पास दीपा मंडपम पर जलाया जाता है. जस्टिस स्वामीनाथन ने इन सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया. अपने फैसले में न्यायाधीश ने स्पष्ट कहा कि दीपथून पर दीप जलाने से दरगाह या मुसलमानों के अधिकारों पर कोई असर नहीं होगा. लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि दीप नहीं जलाया गया तो इससे मंदिर के अधिकार खतरे में पड़ सकते हैं. आरोप था कि मस्जिद के ट्रस्टी कथित तौर पर पहाड़ी के खाली हिस्सों पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे हैं.

‘मंदिर सतर्क रहें’
जज साहब ने कहा, “भले ही यह परंपरा का मामला न हो,लेकिन दीपथून पर दीप जलाकर मंदिर का शीर्ष पर अधिकार जताना जरूरी है.” उन्होंने 1923 के एक फैसले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मस्जिद ट्रस्टी यथास्थिति को भंग कर रहे हैं. मंदिर प्रबंधन को अपनी संपत्ति पर अतिक्रमण के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए चौकस रहना चाहिए.

तमिलनाडु सरकार ने नहीं माना फैसला
जस्टिस स्वामीनाथन के आदेश को तमिलनाडु सरकार ने लागू करने से मना कर दिया. सरकार ने इसके पीछे कानून-व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया है. इसी आदेश को आधार बनाकर अब विपक्ष महाभियोग की तैयारी में है. तमिलनाडु सरकार इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है.

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Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

First Published :

December 09, 2025, 15:52 IST

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