Last Updated:April 18, 2025, 18:41 IST
Muslims Protest Against Waqf Act: इधर झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन ने भड़काऊ बयान दिया, उधर कर्नाटक में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ हजारों की संख्या में मुसलमान सड़कों पर उतर गए.

वक्फ एक्ट पर विरोध के बीच झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन (इनसेट) ने दी थी चेतावनी.
हाइलाइट्स
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ कर्नाटक के मंगलुरु में प्रदर्शन.उलेमा कमेटी के नेतृत्व में हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे मुसलमान.झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन ने कहा था- मुसलमान सड़क पर उतरा तो मार-काट होगी.नई दिल्ली: झारखंड के मंत्री हफीजुल हसन ने जैसे ही कहा, ‘मुसलमान सब्र में है, कब्र में नहीं’, राजनीति में धमाका हो गया. उन्होंने खुले मंच से कहा, ‘पहले शरीयत है, फिर संविधान. मुसलमान सड़क पर आएगा, मार-काट होगी, देश बर्बाद होगा.’ हसन ने जो कहा, उसका ट्रेलर अब कर्नाटक की सड़कों पर दिखा है. शुक्रवार (18 अप्रैल) को कन्नूर की सड़कों पर हजारों की भीड़. नारों के साथ, झंडों के साथ, गुस्से के साथ. केंद्र सरकार के वक्फ एक्ट में संशोधन के खिलाफ ‘स्टेट उलेमा कोऑर्डिनेशन कमेटी’ ने बवाल खड़ा कर दिया.
ये महज प्रदर्शन नहीं था, ये शक्ति प्रदर्शन था. धमकी थी कि ‘हम अभी जिंदा हैं’. दक्षिण कन्नड़, उडुपी, चिकमंगलूर और कोडागु जैसे जिलों से भीड़ उमड़ी. दावा किया गया कि 3,000 से ज्यादा लोग जुटे. गनीमत रही कि कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, लेकिन संदेश साफ था, ‘सरकार, हमसे टकराओ मत.’
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— News18 (@CNNnews18) April 18, 2025
क्यों उबल रहा है मामला?
वक्फ एक्ट में संशोधन के बाद अब ‘वक्फ बाय यूजर’ खत्म किया गया. मतलब, अगर कोई जमीन सदियों से मस्जिद या कब्रिस्तान के तौर पर इस्तेमाल हो रही है, लेकिन उसका रिकॉर्ड नहीं है, तो अब वो वक्फ नहीं मानी जाएगी. सिर्फ इतना ही नहीं, अगर जमीन पर विवाद है और सरकार उसे सरकारी बता रही है, तो वो वक्फ नहीं रह सकती. यानी सरकारी अफसर तय करेंगे कि कौन-सी जमीन वक्फ होगी.
मामला सुप्रीम कोर्ट में, फिर प्रोटेस्ट क्यों?
कानून में बदलाव होते ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई. SC ने केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए सप्ताह भर का समय दिया है. इसके बावजूद, सड़कों पर विरोध बढ़ रहा है. प्रदर्शन हो रहे हैं, बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद से लेकर अब कर्नाटक तक.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने तो राज्य सरकार को फटकार तक लगा दी. पूछा, ‘जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तब आपने प्रदर्शन की इजाजत क्यों दी?’ कोर्ट ने कहा कि ये महज ट्रैफिक की बात नहीं, ये संवैधानिक मर्यादा की बात है. राज्य सरकार ने सफाई दी कि हमने बस ट्रैफिक डायवर्जन किया तो कोर्ट ने झाड़ दिया कि ‘प्रदर्शन की इजाजत कैसे दी, ये बताओ.’ अब अगली सुनवाई 23 अप्रैल को है.
मामले पर सरकार के कदम पीछे हटने के आसार नहीं. सुप्रीम कोर्ट मामले की गहराई में जा चुका है. लेकिन उलेमा, राजनीतिक दल, और कई धार्मिक संगठनों की चुनौती भी बड़ी है. उन्हें लगता है कि ये केवल वक्फ की लड़ाई नहीं, धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है.
Location :
Mangalore,Dakshina Kannada,Karnataka
First Published :
April 18, 2025, 18:31 IST
हफीजुल हसन ने कहा- मुसलमान सब्र में, कब्र में नहीं… और सड़कों पर उतर गए हजारों