‘हर घर से हिडमा’ नारे पर FIR: कौन-कौन सी धाराएं, अधिकतम सजा क्या हो सकती?

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Last Updated:November 24, 2025, 16:36 IST

Hidma Protest Delhi : इंडिया गेट पर प्रदर्शन के आरोप में पुलिस ने 15 लोगों को पकड़ा, जिन पर BNS की कई धाराओं के तहत केस दर्ज है. इनमें महिला पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार, रास्ता रोकने, पुलिस पर हमला करने और आदेश उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. कुछ आरोपियों ने पहचान बताने से इनकार किया. सभी को आज पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा रहा है.

 कौन-कौन सी धाराएं, अधिकतम सजा क्या हो सकती?इंडिया गेट पर हिडमा एनकाउंटर के खिलाफ प्रोटेस्‍ट हुआ.

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के आसपास प्रदर्शन के दौरान ‘कितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा’ जैसे उत्तेजक नारे लगाने और पुलिस पर हमला करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने 15 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है. इस मामले में कर्तव्य पथ और संसद मार्ग थानों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई हैं.

पुलिस को नहीं बता रहे अपनी पहचान
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में से कई ने अपनी पहचान बताने से इनकार कर दिया और दावा किया कि वे अपनी जानकारी सिर्फ अदालत को देंगे. सूत्रों ने यह भी बताया कि हिरासत में लिए जाने के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस टीम को काटने की कोशिश भी की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई. शुरुआती जांच में इनके “भगत सिंह क्रांति सेना” से जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है.

पुलिस पर किया हमला
दर्ज की गई FIR में मुख्य रूप से लोक सेवकों (पुलिसकर्मियों) पर ड्यूटी के दौरान हमला करने, उन्हें रोकने, सरकारी आदेश की अवहेलना करने और आपराधिक साजिश की धाराएं शामिल हैं. सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि कर्तव्य पथ थाने में महिला पुलिसकर्मियों के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार के चलते BNS 74 (महिला की मर्यादा भंग करने के इरादे से हमला) और BNS 79 (महिला की मर्यादा का अपमान करने के इरादे से कार्य) जैसी धाराएं भी लगाई गई हैं. वहीं, संसद मार्ग थाने में लोक सेवक को चोट या गंभीर चोट पहुंचाने के लिए BNS 121(A) और अवैध रूप से रास्ता रोकने के लिए BNS 126(2) जोड़ी गई है.
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BNS धाराओं के तहत सजा और जुर्माना (अधिकतम प्रावधान)BNS धाराअपराध का विवरणअधिकतम सज़ाअधिकतम जुर्माना
74किसी महिला की मर्यादा भंग करने के इरादे से हमला/बल प्रयोग1 वर्ष तक कारावासजुर्माना (प्रावधान)
79महिला की मर्यादा का अपमान (इशारा/शब्द आदि)3 वर्ष तक कारावासजुर्माना (प्रावधान)
115(2)स्वेच्छा से चोट पहुँचाना1 वर्ष तक कारावास₹10,000 तक
132ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक पर हमला / आपराधिक बल2 वर्ष तक कारावासजुर्माना (प्रावधान)
221किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकना3 माह तक कारावास₹10,000 तक
223वैध आदेश की अवहेलना (यदि कोई विशेष सज़ा न हो)1 माह तक कारावास₹5,000 तक
61(2)आपराधिक साज़िश (गंभीर अपराध के लिए साज़िश)उस अपराध के समान सज़ा, जिसकी साज़िश रची गईउस अपराध के समान जुर्माना
223(a)लोक सेवक द्वारा जारी वैध आदेश की अवज्ञा (FIR में दर्शित)1 माह तक कारावास₹5,000 तक
121(A)लोक सेवक को चोट या गंभीर चोट पहुँचाना3 वर्ष तक कारावासजुर्माना (प्रावधान)
126(2)सार्वजनिक मार्ग पर अवैध रूप से रास्ता रोकना6 माह तक कारावास₹5,000 तक
3(5)समूह/भीड़ द्वारा किया गया अपराध (मॉब/समूहिक अपराध)मूल अपराध के अनुसार सज़ामूल अपराध के अनुसार जुर्माना

सबसे बड़ी सजा कितनी?
इन धाराओं में लगी सबसे बड़ी सजा के प्रावधानों पर गौर करें तो BNS 121(A) (लोक सेवक को गंभीर चोट पहुंचाना) और BNS 61(2) (आपराधिक साजिश) सबसे कठोर हैं. BNS 121(A) के तहत लोक सेवक को गंभीर चोट पहुंचाने पर 3 साल तक का कारावास हो सकता है. हालांकि, यदि इस मामले में आपराधिक साजिश (BNS 61(2)) को किसी ऐसे अपराध से जोड़ा जाता है, जिसकी सजा सात साल या उससे अधिक है, तो साजिश रचने वाले व्यक्ति को भी उस अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा दी जा सकती है. गिरफ्तार आरोपियों को आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा रहा है, जिसके मद्देनजर कोर्ट परिसर के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

November 24, 2025, 16:33 IST

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