Last Updated:June 28, 2025, 13:58 IST
भारत में टीकाकरण अभियान से Zero Dose बच्चों की संख्या 2023 में 0.11% से घटकर 2024 में 0.06% हो गई है. संयुक्त राष्ट्र ने भारत को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए रोल मॉडल कहा है.

वैक्सिनेशन के मामले में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
भारत में बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए सरकार लगातार टीकाकरण अभियान चला रही है. इसका असर अब साफ नजर आ रहा है.साल 2023 में जहां बिना टीका लगे (Zero Dose) बच्चों की संख्या देश की कुल आबादी का 0.11% थी, वो 2024 में घटकर सिर्फ 0.06% रह गई है. ये बड़ी कामयाबी है और अब संयुक्त राष्ट्र ने भारत को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए दुनिया का रोल मॉडल कहा है.
क्या है भारत की ये बड़ी कामयाबी?
हर साल 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ छोटे बच्चों को मुफ्त टीके लगाए जाते हैं. देशभर में 1.3 करोड़ से ज़्यादा टीकाकरण सत्र किए जाते हैं. Zero Dose बच्चों की संख्या तेजी से कम हुई है. भारत को Measles और Rubella चैंपियन अवॉर्ड भी मिला है, जो अमेरिका में दिया गया. भारत में बच्चों की जान बचाने में कितना बदलाव आया?
5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौतों में 78% की कमी आई है.
नवजात (जन्म के 28 दिन तक) बच्चों की मौत में 70% की कमी.
माताओं की मौत (डिलीवरी के समय) में 86% की कमी आई है.
बड़ी योजनाएं जो बदलाव लाईं
Zero Dose प्लान 2024 – 11 राज्यों के 143 जिलों में चल रहा है.
मिशन इंद्रधनुष – अब तक 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ महिलाओं को टीका लगा.
पल्स पोलियो अभियान – 2014 से देश में पोलियो का एक भी मामला नहीं.
गांवों में स्वास्थ्य और पोषण दिवस – गांव-गांव जाकर टीके लगाए जाते हैं.
राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर की टीमें – हर स्तर पर निगरानी और योजना.
जागरूकता अभियान (IEC) – लोगों को टीकाकरण का महत्व समझाया जाता है.
भारत की ताकत-तकनीक और मेहनत
U-WIN ऐप और प्लेटफॉर्म से हर बच्चे का टीकाकरण रिकॉर्ड होता है. आशा और एएनएम वर्कर घर-घर जाकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाती हैं. टीवी,रेडियो, सोशल मीडिया, नुक्कड़ नाटक से टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
दुनिया से तुलना में भारत सबसे आगे कैसे?
भारत में हर साल जितने बच्चे पैदा होते हैं (2.6 करोड़), उतनी तो कई देशों की पूरी आबादी भी नहीं होती. फिर भी भारत में:
93% बच्चों को पहला टीका (DTP-1) मिला
टीका बीच में छोड़ने वालों की संख्या घटी – 2013 में 7% से 2023 में सिर्फ 2%
खसरे के टीके की कवरेज 2013 में 83% से बढ़कर 2023 में 93% हो गई
दूसरे देशों के मुकाबले भारत की स्थिति बेहतर
देश का नाम Zero Dose बच्चों का % (2023)
यमन 1.68%
नाइजीरिया 0.98%
पाकिस्तान 0.16%
भारत 0.11% → 2024 में 0.06%
भारत सरकार की कोशिश है कि हर बच्चा सुरक्षित हो, चाहे वो शहर में हो या गांव में, गरीब हो या अमीर.
2014 में पोलियो का खात्मा, 2015 में टेटनस से मुक्ति, और अब 2025 में खसरा-रूबेला खत्म करने का लक्ष्य इसी का हिस्सा हैं.