मुंबई. हरियाणा में शानदार जीत से उत्साहित बीजेपी महाराष्ट्र में भी वही कामयाबी दोहराना चाहती है. इसके लिए अभी से कोशिशें तेज हो गई हैं. महाराष्ट्र की सरकार चला ही बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी ने ओबीसी और एससी वोटर्स को लुभाने के लिए बहुत बड़ा दांव चल दिया है.
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य अनुसूचित आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले अध्यादेश पर मुहर लगा दी है. वहीं केंद्र सरकार से मांग की है कि ओबीसी में क्रीमी लेयर तय करने की जो सीमा 8 लाख रखी गई है, उसे बढ़ाकर 15 लाख कर दिया जाए. इसे ओबीसी और एससी वोटर्स को लुभाने की कोशिश के तौर पर देखा जाता है. बता दें कि ओबीसी श्रेणी में रिजर्वेशन का लाभ लेने के लिए क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट दिखाना पड़ता है. साबित करना पड़ता है कि परिवार की आय सालाना 8 लाख रुपये से कम है. अगर ये बढ़ जाएगा तो हजारों लोगों को सीधा लाभ होगा.
जोखिम मोल नहीं लेना चाहती
महाराष्ट्र कैबिनेट का यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विपक्षी गुट के नेता शरद पवार ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर सीमा बढ़ाने की मांग करते रहे हैं. बीजेपी-शिवसेना सरकार ने उनकी इस कोशिश पर अपनी मुहर लगा दी है. महाराष्ट्र में माना जा रहा है कि ओबीसी और एससी ही इस बार जीत तय करेंगे. मराठा आरक्षण की वजह से बीजेपी कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से कहा गया कि स्टेट एससी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दे दिया जाएगा. अगले विधानसभ सत्र में इसके लिए बिल भी पेश किया जाएगा. इसके अलावा आयोग के लिए 27 पदों पर भर्ती की मंजूरी भी दे दी गई है.
राहुल गांधी के दावे की काट
इस फैसले से साफ हो गया है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनावों से सबक लिया है. क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में 23 सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार सिर्फ 9 सीटों पर सिमट गई थी. इसके पीछे माना जा रहा था कि वह जातिगत समीकरण को मैनेज नहीं कर पाई. जबकि विपक्षी गठबंधन ने इसे अच्छी तरह से मैनेज किया. इस फैसले को राहुल गांधी के उस दावे के काट के तौर पर भी देखा जा रहा है, जिसमें वे बार-बार कहते थे कि बीजेपी आरक्षण खत्म करना चाहती है.
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FIRST PUBLISHED :
October 10, 2024, 22:32 IST