Last Updated:December 22, 2025, 18:24 IST
तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ लालू भी इस वक्त दिल्ली में हैं. (फाइल फोटो)नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र खत्म होते ही दिल्ली अब राज्यों की राजनीति का केंद्र बन गई है. एक तरफ जहां उत्तर और मध्य भारत के तीन अहम राज्यों – हिमाचल, बिहार और मध्य प्रदेश – के मुख्यमंत्री अपनी-अपनी फाइलों और मांगों के साथ दिल्ली पहुंचे हैं. वहीं लालू यादव की मौजूदगी ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है. ऊपर से यह महज संयोग लग सकता है, लेकिन अंदरखाने यह ‘साल के अंत (Year-end) की सेटलमेंट’ और ‘मिशन 2026’ की तैयारी है. जहां सीएम अपने राज्यों के लिए आर्थिक पैकेज और प्रोजेक्ट्स की मंजूरी चाहते हैं, वहीं लालू यादव की ‘दौड़’ स्वास्थ्य के साथ-साथ विपक्ष को एकजुट करने की नई रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है.
1. हिमाचल प्रदेश सीएम (सुखविंदर सिंह सुक्खू): आर्थिक मदद और ‘ग्रीन बोनस’
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा पूरी तरह से राज्य की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने पर केंद्रित है. सूत्रों के मुताबिक, वे प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से मुलाकात कर ‘विशेष आर्थिक पैकेज’ की मांग करेंगे. पिछले मानसून और हालिया बर्फबारी से हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के नुकसान की भरपाई के लिए राज्य को तत्काल फंड की जरूरत है. इसके अलावा, सीएम का बड़ा एजेंडा ‘ग्रीन बोनस’ है. वे केंद्र से मांग कर रहे हैं कि हिमाचल वनों का संरक्षण कर देश को ऑक्सीजन दे रहा है, इसलिए उसे मुआवजे के तौर पर सालाना ग्रांट मिले. साथ ही, पड़ोसी राज्यों के साथ चल रहे ‘वाटर सेस’ (Water Cess) विवाद और बिजली परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर वे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ भी बैठक कर सकते हैं.
2. बिहार सीएम (नीतीश कुमार): चुनावी वादे और विशेष पैकेज
बिहार में हाल ही में (अक्टूबर-नवंबर 2025) विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं और नई सरकार का गठन हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह दौरा बेहद अहम है. वे चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए केंद्र से खजाना खोलने की अपील करने आए हैं. उनका मुख्य मकसद बिहार के लिए लंबे समय से लंबित ‘विशेष राज्य के दर्जे’ या उसके समतुल्य ‘विशेष वित्तीय सहायता’ पर मुहर लगवाना है. इसके अलावा, कोसी-मेची नदी जोड़ो परियोजना के लिए फंड रिलीज करवाना और बिहार में नए एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स की मंजूरी उनकी प्राथमिकता है. राजनीतिक रूप से, वे एनडीए के शीर्ष नेतृत्व को बिहार चुनाव में मिली जीत (या स्थिति) के बाद की रूपरेखा और मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा करने आए हैं.
3. मध्य प्रदेश सीएम (मोहन यादव): कृषि और निवेश का रिपोर्ट कार्ड
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का दिल्ली दौरा ‘परफॉर्मेंस और पॉलिटिक्स’ का मिश्रण है. वे पार्टी हाईकमान को अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड सौंपने और आगामी पंचायत/निकाय चुनावों की रणनीति पर चर्चा करने आए हैं. चूंकि एमपी में किसान आंदोलन की सुगबुगाहट है, वे कृषि मंत्री से मिलकर सोयाबीन और गेहूं की एमएसपी और खाद (Fertilizer) की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहते हैं. दूसरा बड़ा कारण ‘इन्वेस्टमेंट’ है. सीएम 2026 की शुरुआत में होने वाली ‘इन्वेस्टर समिट’ के लिए प्रधानमंत्री को न्योता देने आए हैं. वे केंद्र से केन-बेतवा लिंक परियोजना की प्रगति और राज्य के लिए स्वीकृत रेलवे प्रोजेक्ट्स में तेजी लाने की मांग भी रखेंगे, ताकि राज्य में विकास की गति को और तेज दिखाया जा सके.
4. लालू प्रसाद यादव: सेहत का बहाना, सियासत निशाना
लालू यादव की दिल्ली दौड़ हमेशा सुर्खियों में रहती है. आधिकारिक तौर पर उनका यह दौरा रूटीन हेल्थ चेकअप और एम्स (AIIMS) में डॉक्टरों से परामर्श के लिए बताया जा रहा है. उनकी किडनी ट्रांसप्लांट के बाद वे नियमित जांच के लिए दिल्ली आते रहते हैं. हालाँकि, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि लालू यादव ‘इंडिया गठबंधन’ (INDIA Bloc) के नेताओं से अनौपचारिक मुलाकातें करेंगे. बिहार विधानसभा चुनाव (2025) के नतीजों की समीक्षा और भविष्य में केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हो सकती है. लालू यादव संसद सत्र के बाद विपक्ष के बिखरे हुए सुरों को एक करने और 2026 में होने वाले अन्य राज्यों के चुनावों के लिए विपक्षी एकता का नया फॉर्मूला तैयार करने की कोशिश में भी सक्रिय दिख सकते हैं.
About the Author
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 22, 2025, 18:24 IST

1 hour ago
