हिमाचल में 3 महादेवियों का वो इकलौता मंदिर, जहां सामने से नहीं होते दर्शन

3 weeks ago

Last Updated:September 29, 2025, 11:38 IST

Himachal Tarna Mata Temple: मंडी के टारना माता मंदिर में महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी की पिंडी स्वरूपा मूर्तियां हैं, यहां सामने का दरवाजा बंद है और साइड से ही दर्शन होते हैं.

हिमाचल में तीन महादेवियों का वो इकलौता मंदिर, जहां सामने से नहीं होते दर्शनमंडी का टारना माता मंदिर.

मंडी.  शारदीय नवरात्रों पर आज हम आपको माता रानी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां सामने कोई दरवाजा ही नहीं है. यह इकलौता ऐसा टारना माता का मंदिर है जहां माता रानी के साइड से दर्शन किए जाते हैं. आखिर क्यों बंद है माता रानी की पिंडी स्वरूपा मूर्तियों के सामने का दरवाजा बंद, जानिए इस रिपोर्ट में.

दरअसल, छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी शहर में माता रानी का एक ऐसा मंदिर भी है जहां माता की पिंडी स्वरूपा मूर्तियों के दर्शन सामने से नहीं किए जाते. यहां साइड से दरवाजा बनाया गया है और वहीं से ही माता के दर्शन किए जाते हैं. 16वीं शताब्दी में जब राजा श्याम सेन ने टारना माता मंदिर का निर्माण करवाया तो पहले पिंडी स्वरूपा मूर्तियों के ठीक सामने ही दरवाजा था, जैसा की हर मंदिर में होता है. मंदिर के पुजारी हर्ष शर्मा के अनुसार 16वीं शताब्दी में तत्कालीन राजा श्याम सेन को इस पहाड़ी पर तीन कन्याएं दिखाई दी थी, लेकिन जब राजा पहुंचा तो यहां कोई नहीं था. बाद में राजा को स्वप्न में माता ने दर्शन देकर यहां मंदिर बनवाने को कहा.

बताया जा ता है कि खुदाई में माता की तीन पिंडी स्वरूपा मूर्तियां मिली. इनमें महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी विराजमान हैं. जब मंदिर बनवाया तो पहले सामने ही दरवाजा होता था. सामने से दर्शन करने के बाद लोग मूर्छित होने लगे. जिसके बाद माता ने फिर से स्वप्न में दर्शन दिए और अपने तेज के बारे में बताकर दरवाजा साइड से बनाने को कहा. तभी से सामने वाला दरवाजा हमेशा-हमेशा के लिए बंद कर दिया गया और अब साइड वाले दरवाजे से ही माता के दर्शन किए जाते हैं. मंदिर में स्थापित माता रानी के शेर की प्रतिमा की बात करें तो यह पिंडियों के ठीक सामने ही विराजमान है. यह बात अलग है कि अब यहां दरवाजा नहीं है.

माता रानी के इस मंदिर के प्रति प्रगाढ़ आस्था है.

छोटी काशी मंडी के लोगों की इस माता रानी के टारना माता मंदिर के प्रति प्रगाढ़ आस्था है. स्थानीय निवासी महेंद्र पाल और जोगिंद्र शर्मा ने बताया कि माता सभी को तारने का काम करती है. इसलिए इसे टारना या फिर तारना माता भी कहते हैं. यहां वर्ष भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है. शिवरात्रि के दौरान मंडी जनपद के अराध्य देव कमरूनाग भी सिर्फ इसी मंदिर में विराजते हैं. उस दौरान यहां श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी हो जाती है कि दर्शनों के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर बारी का इंतजार करना पड़ता है.

मंडी में टारना माता का मंदिर.

बड़े से बड़ा शख्स यहां आता है

हिमाचल प्रदेश का कोई राज्यपाल, सीएम, मंत्री या नेता ऐसा नहीं जो टारना माता मंदिर में रानी के इस दरबार में आकर नतमस्तक न हुआ हो. मंडी में मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान जो भी वीवीआईपी मंडी आता है वो माता रानी के दर्शनों के लिए जरूर जाता है. छोटी काशी मंडी में जितने भी मंदिर हैं उसमें टारना माता मंदिर भी अपनी विशेषता के कारण प्रसिद्ध है.

Vinod Kumar Katwal

Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें

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Location :

Mandi,Himachal Pradesh

First Published :

September 29, 2025, 11:31 IST

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