Last Updated:August 11, 2025, 14:16 IST
संसद भवन परिसर में सोमवार को कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी दलों ने वोट चोरी और बिहार SIR मामले पर प्रदर्शन किया. राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के खिलाफ नारे लगाए, प्रियंका गांधी ने ताली बजाकर समर्थन किया. यह कोई पहला मौका नहीं जब कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी के साथ उनका हौंसला बढ़ाती दिखी हैं. आइए उनकी बॉन्ड्रिंग पर नजर डालते हैं...

संसद भवन परिसर में सोमवार को एक बार संग्राम होता दिखा. यहां कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित विपक्षी इंडिया गठबंधन के दलों ने वोट चोरी के आरोप और बिहार SIR मामले पर जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया. विपक्षी सांसदों ने संसद भवन परिसर से चुनाव आयोग तक पैदल मार्च की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया.

इस विरोध मार्च के दौरान माहौल काफी गरमा गया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक और जहां चुनाव आयोग के खिलाफ नारे लगाते हुए आगे बढ़ते रहे. वहीं उनका बहन प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार ताली बजाकर प्रदर्शनकारियों का हौसला बढ़ाती रहीं.

यह कोई पहला मौका नहीं जब कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी के साथ उनका हौंसला बढ़ाती दिखी हैं. इस पहले भी कई मौकों पर उन्हें राहुल गांधी के साये की तरह उनके साथ दिखती रही हैं. उनकी यह बॉन्डिंग न केवल राजनीतिक एकता का प्रतीक है, बल्कि दोनों भाई-बहन के बीच सुखद और मजबूत रिश्तों की मिसाल भी पेश करता है.

1972 में जन्मीं प्रियंका गांधी अपने भाई राहुल गांधी से 2 साल छोटी हैं. दोनों को अक्सर परिवार के कार्यक्रमों, त्योहारों और राजनीतिक रैलियों में एक साथ देखा जाता है.

प्रियंका अक्सर राहुल के राजनीतिक अभियानों में उनके साथ नजर आती हैं, जहां वे उनकी सलाहकार और समर्थक दोनों की भूमिका निभाती हैं. हाथरस जाते समय तो प्रियंका सारथी की तरह कार ड्राइव करके भाई राहुल गांधी को ले गई थीं.

गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत में प्रियंका और राहुल की बॉन्डिंग एक महत्वपूर्ण पहलू रही है. दोनों ने अपनी मां सोनिया गांधी और दादी इंदिरा गांधी से राजनीति सीखी है.

प्रियंका ने 2019 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और राहुल की छोड़ी वायनाड सीट से जीतकर लोकसभा में कदम रखा. दोनों भाई-बहन अक्सर ही एक-दूसरे की तारीफ करते दिखते हैं और पार्टी के भीतर आपसी सहयोग को बढ़ावा देते हैं.

राहुल गांधी ने कई मौकों पर प्रियंका की तारीफ की है, जबकि प्रियंका ने राहुल को प्रेरणास्रोत बताया है. दोनों का रिश्ता न केवल राजनीतिक, बल्कि भावनात्मक स्तर पर भी गहरा है. प्रियंका अक्सर राहुल के साथ परिवार के कार्यक्रमों में भाग लेती हैं, जहां दोनों की बॉन्डिंग साफ नजर आती है.