Last Updated:August 13, 2025, 20:22 IST
S Jaishankar Responds to Donald Trump Tariffs: हाल ही में भारत पर डोनाल्ड ट्रंप ने 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. इसपर केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि आत्मनिर्भरता वैश्विक अस्थिरता से निपटने और विकस...और पढ़ें

नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही 50 प्रतिशत टैरिफ भारत पर ठोक हमे झुकाने का प्रयास किया हो लेकिन भारत सरकार ने दबाव में आने से इंकार कर दिया. पीएम मोदी और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का इसपर बयान आ चुका है. आज केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि ‘आत्मनिर्भरता’ का दृष्टिकोण न केवल वैश्विक अस्थिरता से निपटने का उपाय है, बल्कि यह ‘विकसित भारत’ की नींव रखने का भी आधार है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत एक ‘सभ्यतागत राष्ट्र’ है, जिसने समय की कसौटी पर खरा उतरते हुए अपनी संस्कृति, परंपरा और विरासत को संजोकर रखा है. डॉ. जयशंकर ने कहा, “हमारी असली ताकत हमारे लोग और उनका आत्मविश्वास है. हमने विपरीत परिस्थितियों पर विजय पाई है और प्रगति व समृद्धि की यात्रा में अनेक चुनौतियों का सामना किया है. हमें गर्व करने के लिए बहुत कुछ है और दुनिया के साथ साझा करने के लिए भी बहुत कुछ है.”
टूरिज्म फेद कॉन्क्लेव में अपनी बात रखते हुए एस जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा खुलेपन और वैश्विक सहयोग से लाभान्वित हुआ है, लेकिन आज के अनिश्चित समय में खुद पर खड़ा होना अनिवार्य है. उनके अनुसार, आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि यह मानसिकता है एक ऐसा दृष्टिकोण जो हमें अप्रत्याशित वैश्विक परिस्थितियों में स्थिर और आत्मविश्वासी बनाए रखता है.
आत्मनिर्भरता का मतलब अलग-थलग पड़ना नहीं
विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भरता का मतलब अलग-थलग पड़ना नहीं है, बल्कि यह अपनी क्षमताओं को मजबूत कर वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती से खड़े होने का संकल्प है. उन्होंने कहा, “यह मानसिकता हमारी लचीलापन बढ़ाती है, आत्मविश्वास को मजबूत करती है और आने वाले समय में एक विकसित भारत की नींव रखती है.” जयशंकर के अनुसार, भारत के पास विश्व के साथ साझा करने के लिए न केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पूंजी है, बल्कि तकनीकी, आर्थिक और मानवीय संसाधनों में भी वह तेजी से प्रगति कर रहा है. ऐसे में आत्मनिर्भर भारत का दृष्टिकोण देश को वैश्विक मंच पर और अधिक प्रभावशाली बना सकता है.
आने वाले वक्त में बड़ी चुनौतियां
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आने वाले वर्षों में भारत को नई तकनीक, ऊर्जा सुरक्षा, सप्लाई चेन स्थिरता और वैश्विक व्यापार में बदलाव जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. इन सबके समाधान के लिए आत्मनिर्भरता का दृष्टिकोण ही सबसे मजबूत आधार बन सकता है. डॉ. जयशंकर का यह संदेश ऐसे समय में आया है जब भारत ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए अपने आर्थिक और सामरिक ढांचे को और मजबूत करने पर जोर दे रहा है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
August 13, 2025, 20:11 IST