Last Updated:August 14, 2025, 17:15 IST
BSF in Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में अभूतपूर्व युद्ध कौशल का प्रदर्शन करने वाले बीएसएफ के एएसआई बीटी राजप्पा, कांस्टेबल मनोहर ज़ालक्सो, डीसी रवींद्र राठौर, इंस्पेक्टर देवीलाल, हेड कांस्टेबल साहिब सिंह और...और पढ़ें

BSF in Operation Sindoor: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमला का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर का आगाज कर दिया था. ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के पहले ही कुछ घंटों में पाकिस्तान के भीतर बर्बादी का सैलाब आ चुका था. बर्बादी के इस सैलाब से बौखलाए पाकिस्तान ने भारतीय इलाके में भारी गोलीबारी और ड्रोन से हमला शुरू कर दिया था. इन हमलों में एक हमला भारत की करोटाना खुर्द, करोटाना फॉरवर्ड और सुचेतगढ़ बीओपी पर भी हुआ था.
उस समय इन चौकियों की जिम्मेदारी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) 165वीं बटालियन में पास थी. 9 मई 2025 की रात पाकिस्तान ने इस भी चौकियों पर एक साथ समन्वित हमला किया था. पाकिस्तान भारत की इन चौकियों पर जमशेद मलाने और कसीरा हमला कर रहा था. पाकिस्तान की इन दोनों जगहों से लगातार 82 एमएम मोर्टार से बमबारी और मशीनगन से गोलियों की बौछार की जा रही थी. पाकिस्तान की इस गुस्ताखी का भारतीय पोस्ट पर तैनात बीएसएफ के जवान मुंह तोड़ जवाब दे रहे थे.
खत्म हुआ भारतीय मोर्चे पर गोला बारूद, और फिर…
दोनों ही पक्षों से गोलीबारी रुकने का नाम नहीं ले रही थीं. 10 मई 2025 की सुबह ऐसी नौबत आ गई कि बीएसएफ की कारोटाना खुर्द बीओपी पर एजीएस गोला बारूद खत्म होने की कगार पर पहुंच गया. ऐसे में, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बीटी राजप्पा और कांस्टेबल मनोहर ज़ालक्सो को गोला-बारूद की आपूर्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई. गोला बारूद की आपूर्ति के दौरान, पाकिस्तान से आया एक मोर्टार का गोला मैगज़ीन के पास आकर फट गया. इस गोले से निकले छर्रे एएसआई राजप्पा के शरीर में धंसते चले गए. वहीं कांस्टेबल जालक्सो के दाहिने हाथ में भी जख्मी हो गया.
… और लिख दी बहादुरी की नई इबारत
गंभीर रूप से जख्मी होने के बावजूद बीएसएफ के दोनों जांबाज मोर्चे पर डटे रहे और हर पाकिस्तानी मंसूबे को सफलतापूर्वक विफल करते रहे. उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई को देखते हुए स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बीएसएफ के दोनों जांबाजों को वीरता पदक से सम्मानित किया गया है. वहीं, एक ऐसा ही मुकाबले में डिप्टी कमांडेंट रवींद्र राठौर, इंस्पेक्टर देवीलाल, हेड कांस्टेबल साहिब सिंह और कांस्टेबल कंवराज सिंह असाधारण साहस और युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया. डिप्टी कमांडेंट रवींद्र राठौर और उनकी टीम ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर एक बीएसएफ जवान की जान बचाने के लिए ऑपरेशन चलाया था. पूरी टीम की विशिष्ट वीरता, सूझबूझ और निस्वार्थ समर्पण के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया है.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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First Published :
August 14, 2025, 17:15 IST