Last Updated:July 25, 2025, 13:53 IST
France to recognize Palestine as a state: फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने घोषणा की कि उनका देश फलस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देगा. इजराइल ने फ्रांस के इस फैसले की निंदा की है.

हाइलाइट्स
फ्रांस ने फिलिस्तीन को राष्ट्र मान्यता दी.इजरायल ने फ्रांस के फैसले की कड़ी निंदा की.भारत ने 1988 में फिलिस्तीन को मान्यता दी थी.France to recognize Palestine as a state: जो काम भारत आज से दशकों पहले कर चुका है, फ्रांस ने अब जाकर करने का फैसला किया है. 80 के दशक में ही राजीव गांधी ने फिलिस्तीन को मान्यता दी थी. फिलिस्तीन एक विवादिद सब्जेक्ट है. इसे लेकर दुनिया दो धड़ों में बंटी है. एक इसे मान्यता देता है तो दूसरा इसे देश मानने से ही इनकार करता है.फिलिस्तीन को देश मानने से इजरायल समेत कई पश्चिमी देशों को ऐतराज रहा है. अब फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने घोषणा की कि फिलस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में फ्रांस मान्यता देगा. जाहिर है इजरायल ने फ्रांस के इस फैसले की निंदा की है. फिलिस्तीन को इजरायल मान्यता नहीं देता है. फ्रांस का यह कदम इसलिए भी अहम है, क्योंकि फ्रांस पहला जी-7 देश होगा, जो फिलिस्तीन को मान्यता देगा. अब सवाल है कि आखिर फिलिस्तीन पर भारत का क्या स्टैंड है, भारत ने फिलिस्तीन को कब मान्यता दी है?
दरअसल, भारत शुरू से ही फिलिस्तीन का पक्षधर रहा है. भारत का फिलिस्तीन के प्रति समर्थन स्वतंत्रता संग्राम के समय से ही रहा है. साल 1947 में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में ऐतिहासिक फिलिस्तीन के विभाजन का विरोध किया था. 1974 में भारत ने फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) को फिलिस्तीनी लोगों का एकमात्र वैधानिक प्रतिनिधि माना था. साल 1988 में जब यासर अराफात ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया तो भारत सबसे पहले आगे आया और उसने तुरंत फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दी. उस वक्त राजीव गांधी की सरकार थी. राजीव गांधी ने ही फिलिस्तीन को मान्यता देकर यासर अराफात को राहत दी थी.
राजीव गांधी ने रचा था इतिहास
इसके बाद साल 1996 में भारत ने गाजा में फिलिस्तीनी अथॉरिटी के लिए अपना प्रतिनिधि कार्यालय खोला था. इसे 2003 में रामल्लाह स्थानांतरित कर दिया गया. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में भी फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के लिए हमेशा समर्थन किया है. इसमें 2012 में गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य का दर्जा और 2015 में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) में फिलिस्तीन की मान्यता शामिल है. इस तरह 37 साल पहले 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में फिलिस्तीन को मान्यता देकर भारत ने इतिहास रचा था. गैर-अरब देशों में भारत इकलौता पहला राष्ट्र था, जिसने फिलिस्तीन को मान्यता दी थी.
भारत का क्या रहा स्टैंड
सरकारें आईं गईं, मगर फिलिस्तीन को लेकर भारत का कभी स्टैंड नहीं बदला. केंद्र में चाहे जिसकी भी सरकार हो, भारत का स्टैंड हमेशा टू स्टेट सॉल्यूशन यानी दो-राष्ट्र समाधान पर आधारित रहा है. इसका मतलब है एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना हो, जो 1967 की सीमाओं के आधार पर पूर्वी यरुशलम को राजधानी बनाकर इजरायल के साथ शांति से सह-अस्तित्व में रहे. साल 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध में इजराइल ने वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाजा पर कब्जा कर लिया था. फिलिस्तीनी कब्जा किए गए इन क्षेत्रों को मिलाकर एक स्वतंत्र राष्ट्र की मांग कर रहे हैं. इजराइल की सरकार और उसका अधिकतर राजनीतिक वर्ग फलस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में दर्जा दिए जाने का विरोध करता रहा है. इजरायल-फिलिस्तीन के झगड़े में भारत मध्यम मार्ग अपनाता रहा है. भारत की दोनों से दोस्ती है. इसलिए भारत ने हमेशा फिलिस्तीन के साथ अपनी दोस्ती को बनाए रखते हुए इजरायल के साथ भी मजबूत संबंध विकसित किए हैं.
फ्रांस का फैसला और इजरायल को मिर्ची
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘वह सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस फैसले को औपचारिक रूप देंगे. आज सबसे जरूरी बात यह है कि गाजा में युद्ध रुके और आम नागरिकों की जान बचे.’ गाजा में युद्ध और मानवीय संकट बढ़ने के कारण अधिकतर देशों के कई सांकेतिक कदम इजराइल पर कूटनीतिक दबाव डालने वाले रहे हैं. फ्रांस अब फलस्तीन को मान्यता देने वाली सबसे बड़ी पश्चिमी शक्ति बन गया है. उसका यह कदम अन्य देशों के लिए भी ऐसा करने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है. फ्रांस के इस फैसले का इजरायल ने विरोध किया है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हम राष्ट्रपति मैक्रों के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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