पहली मेड इन इंडिया सेमीकंडक्‍टर चिप इसी साल आएगा... PM मोदी का ऐलान

2 days ago

Last Updated:August 11, 2025, 15:40 IST

PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंगलोर मेट्रो की येलो लाइन और वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन किया. उन्होंने 'मेड इन इंडिया' सेमीकंडक्टर चिप की घोषणा की. भारत 2025 में इसका उत्पादन शुरू करेगा.

पहली मेड इन इंडिया सेमीकंडक्‍टर चिप इसी साल आएगा... PM मोदी का ऐलानपीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ी बात कही. (X.PM Narendra Modi)

नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बैंगलोर मेट्रो की येलो लाइन और बेंगलुरु-बेलगावी वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन करते हुए एक बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही अपना पहला ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप बाजार में लाने वाला है. यह घोषणा न केवल देश की तकनीकी क्षमता का संकेत है, बल्कि वैश्विक सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में भारत की गंभीर एंट्री का भी इशारा देती है. पीएम ने कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने की ओर आगे बढ़ रहा है.

2021 में सेमीकंडक्‍टर मिशन की शुरुआत
भारत सरकार ने साल 2021 में ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ (ISM) की शुरुआत की थी, जिसका लक्ष्य घरेलू स्तर पर चिप डिजाइन, निर्माण और परीक्षण की संपूर्ण क्षमता विकसित करना है. अब इस मिशन के तहत छह बड़े सेमीकंडक्टर प्‍लांट को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें गुजरात, असम और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, इसी साल देश का पहला स्वदेशी चिप तैयार हो जाएगा और साल 2025 में इसका कमर्शियल उत्पादन भी संभव है.

क्‍यों जरूरी है सेमीकंडक्‍टर चिप?
तकनीकी मोर्चे पर यह उपलब्धि बेहद अहम है. आज दुनिया के लगभग हर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद जैसे स्मार्टफोन, कंप्यूटर, वाहन, मेडिकल उपकरण में सेमीकंडक्टर चिप की जरूरत होती है. अब तक भारत इन चिप्स के लिए पूरी तरह आयात पर निर्भर था. विदेशी सप्‍लाई चेन बाधित होने पर उद्योगों पर सीधा असर पड़ता था. स्वदेशी चिप निर्माण से न केवल इम्‍पोर्ट घटेगा बल्कि देश की रणनीतिक और आर्थिक सुरक्षा भी मजबूत होगी.

टाटा का सेमीकंडक्‍टर प्‍लांट इसी साल होगा शुरू
इस दिशा में कई अहम परियोजनाएं प्रगति पर हैं. टाटा ग्रुप का असम में ग्रीनफील्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट प्लांट 2025 तक चालू होने की उम्मीद है. वहीं, चंडीगढ़ स्थित सीएसआईओ में ‘ऑप्टो माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक रिसर्च सेंटर’ अगले दो वर्षों में तैयार होगा जो उन्नत चिप पैकेजिंग तकनीक पर काम करेगा. उत्तर प्रदेश में एचसीएल-फॉक्सकॉन संयुक्त उद्यम भी चिप असेंबली यूनिट स्थापित कर रहा है, जिसका कमर्शियल उत्पादन साल 2027 में शुरू होने की संभावना है.

सेमीकंडक्‍टर देगा रोजगार
इस पहल का सबसे बड़ा असर भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्र पर होगा. चिप निर्माण से देश में लाखों डायरेक्‍ट और इनडायरेक्‍ट रोजगार पैदा होंगे, विदेशी निवेश आकर्षित होगा और स्टार्टअप्स को नई तकनीक पर काम करने का मौका मिलेगा. साथ ही, रक्षा, अंतरिक्ष और AI जैसे क्षेत्रों में स्वदेशी तकनीक की उपलब्धता से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी. मोदी सरकार का यह कदम स्पष्ट करता है कि भारत अब केवल ‘डिजाइन हब’ नहीं रहना चाहता बल्कि पूरी निर्माण सीरीज में अपनी जगह बनाना चाहता है. अगर योजनाएं तय समय पर पूरी हुईं, तो साल 2025 में भारत के हाथ में अपनी धरती पर बना पहला सेमीकंडक्टर चिप होगा, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तकनीकी युग का असली प्रतीक बन सकता है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

August 11, 2025, 15:40 IST

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